रांची: राजधानी रांची में ठंड लगातार बढ़ती जा रही है. शनिवार को रांची का न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहा. बढ़ती ठंड सबसे ज्यादा आफत गरीबों के लिए लाई है. क्योंकि पूरे राज्य में कई ऐसे लोग हैं जिनके सिर पर छत नसीब नहीं है. खुले आसमान के नीचे सोने वाले लोगों की कई बार अत्यधिक ठंड की वजह से मौत हो जाती है, तो कई लोग विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे में सरकार ने इनके लिए व्यवस्था की है.
रांची नगर निगम की तरफ से गरीबों के लिए टेंपरेरी शेल्टर होम की शुरुआत की गई है. जो ठंड के दौरान तीन महीने तक चालू रहेगा और फिर उसके बाद ऐसे शेल्टर होम बंद कर दिए जाएंगे. टेंपरेरी शेल्टर होम के रूप में पहली शुरुआत अटल वेंडर बाजार के तीसरे तल्ले पर की गई है. अटल वेंडर मार्केट में 50 बेड का अस्थाई आश्रय गृह बनाया गया है. अस्थाई आश्रय गृह की देखरेख कर रहे मयूर गहलोत ने बताया कि राजधानी रांची में फिलहाल 9 जगह पर निगम का शेल्टर होम चल रहा है, लेकिन ठंड में सभी शेल्टर होम के बेड भरे हुए हैं. ऐसे में सभी बेघरों को छत नसीब हो सके, इसलिए निगम की तरफ से टेंपरेरी शेल्टर होम चालू किया गया है.
रांची में फिलहाल 9 जगहों पर शेल्टर होम चल रहे हैं. यहां बेड के साथ-साथ कंबल के भी इंतजाम किए गए हैं. नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार खादगढ़ा बस स्टैंड में दो शेल्टर होम संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा कर्बला, बकरी बाजार, धुर्वा बस स्टैंड, एजी मोड़, जगरनाथपुर, रिम्स और मधुकम में एक-एक शेल्टर होम संचालित किए जा रहे हैं.
बढ़ती ठंड को लेकर नगर निगम की तरफ से रेस्क्यू टीम भी बनाया गया है. जो देर रात राजधानी के विभिन्न मोहल्ले में अभियान चलाकर सड़क किनारे रात बिताने वाले लोगों को शेल्टर होम तक पहुंचाने का काम करेगी. नगर निगम के उप प्रशासक कुंवर सिंह पाहन ने बताया कि बढ़ते ठंड को देखते हुए निगम की तरफ से कंबल और अलाव के भी व्यवस्था की जा रही है. राजधानी के विभिन्न चौक चौराहों पर लकड़ी जलाकर देर रात लोगों को ठंड से राहत पहुंचाने का भी काम किया जा रहा है. वहीं विभिन्न वार्डों में जाकर लोगों को ठंड से राहत पहुंचाने के लिए कंबल भी बांटे जा रहे हैं.
नगर निगम के पदाधिकारी ने बताया कि यदि लोगों को शेल्टर होम में जगह की कमी होगी तो आने वाले दिनों में अन्य अस्थाई आश्रय गृह बनाए जाएंगे. वहीं कुछ लोगों ने बताया कि अस्थाई आश्रय गृह तो बना दिए गए हैं, लेकिन अभी भी पूरी तरह से इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि विभिन्न मोहल्ले में कई ऐसे लोग हैं जो देर रात खुले आसमान में बिताने को मजबूर हैं.
ये भी पढ़ें:
रांची में एक बुजुर्ग की मौत, लोगों ने ठंड से मौत की आशंका जताई