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कोटा से छात्रों को लाने पहुंच गया है अधिकारियों का दल, वहां से छात्र लौटेंगे अपने घर: हेमंत सोरेन - घरों में भी लोग किए जाएंगे क्वॉरेंटाइन

राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस घर लाने की कवायद शुरू. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि स्थानीय आयुक्त एमआर मीणा छात्रों के साथ इंटरेक्ट कर उन्हें वापस लाने की व्यवस्था करेंगे.

cm hemant soren
सीएम हेमंत सोरेन
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Published : May 1, 2020, 3:46 PM IST

रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार से निर्देश मिलते ही अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों और छात्राओं को वापस लाने की कवायद शुरू हो गई है. शुक्रवार की सुबह तेलंगाना से 12,00 मजदूरों को रांची वापस ला रही ट्रेन. उन्होंने कहा कि देर रात तक उनके रांची पहुंचने के बाद उन्हें पहले भोजन कराया जाएगा और उनके सोने की व्यवस्था की जाएगी. उसके बाद ही उनकी आगे की जांच शुरू होगी.

सीएम ने कहा कि साहिबगंज से भी बसें बंगाल भेजी गई हैं और जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है. सबसे पहले उन्हें भरपेट भोजन कराना है, रात में सोने की व्यवस्था की जानी है, उसके बाद उनकी जांच कर तय किया जाएगा कि उन्हें कहां रखना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्लानिंग की है कि और 100 बसों को बंगाल भेजकर वहां फंसे मजदूरों को वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैसी बसों को चुना जा रहा है जो ज्यादा पुरानी नहीं हों. वहीं, 10 साल से पुरानी बसों के इस काम में नहीं लगाया जाएगा. साथ ही उन बसों में जीपीएस की सुविधा भी होगी ताकि किसी तरह की कोई समस्या हो तो संपर्क किया जा सके. सीएम ने कहा कि पूरी एहतियात बरतकर दिल्ली और मुंबई से भी लोगों को लाने की प्लानिंग की जा रही है, लेकिन पहले फेज में छत्तीसगढ़, ओडिशा और यूपी से लोगों को लाने की कोशिश की जाएगी.

रेजिडेंट कमिश्नर पहुंच रहे हैं कोटा, लाएंगे छात्र छात्राओं को वापस

कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के झारखंड भवन में तैनात स्थानीय आयुक्त एमआर मीणा शुक्रवार की सुबह वहां से कोटा रवाना हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां पहुंचकर वह छात्रों के साथ इंटरेक्ट कर उन्हें वापस लाने की व्यवस्था करेंगे. संभावना व्यक्त की जा रही है ट्रेन या बस से वहां से छात्र-छात्राओं की रवानगी जल्द ही होगी. उन्होंने कहा चूंकि मीणा राजस्थान के रहने वाले हैं ऐसे में वह कोऑर्डिनेट करके अच्छे से वहां से छात्र-छात्राओं को झारखंड वापस ला पाएंगे. वहीं, आईएएस अधिकारी हिमानी पांडे को भी कोऑर्डिनेट करने की जिम्मेदारी दी गई है. सरकार के पास मौजूदा लिस्ट के हिसाब से 31-32 सौ छात्र-छात्राएं कोटा में फंसे हुए हैं.

ये भी पढ़ें- झारखंड से पहली बस पश्चिम बंगाल रवाना, 38 मजदूरों को भेजा गया घर

घरों में भी लोग किए जाएंगे क्वॉरेंटाइन

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोग अपने-अपने घरों में भी क्वॉरेंटाइन किए जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा चूंकि संक्रमण के लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं, ऐसी स्थिति में लोग अपने घर में भी क्वॉरेंटाइन किए जाएंगे, बशर्ते कि घरवाले पूरी एहतियात रखें. उन्होंने कहा कि वह सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने जा रहे हैं ताकि वहां फंसे लोगों को कोऑर्डिनेट कर वापस लाया जा सके.

रिम्स ओर बढ़ा लोगों का भरोसा, गर्व की है बात

सीएम ने कहा कि सबसे बड़े गर्व की बात यह है कि रिम्स और सरकारी अस्पतालों पर लोगों को भरोसा नहीं था. इस आपदा की घड़ी में वहीं संस्थान लोगों के काम आ रहे हैं और लोगों का इसके प्रति विश्वास भी बढ़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों और मेडिकल इंस्टिट्यूशन को ऑनलाइन, फोन से या फिर हेल्पलाइन के तहत लोगों का इलाज करना चाहिए.

रांची: प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार से निर्देश मिलते ही अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों और छात्राओं को वापस लाने की कवायद शुरू हो गई है. शुक्रवार की सुबह तेलंगाना से 12,00 मजदूरों को रांची वापस ला रही ट्रेन. उन्होंने कहा कि देर रात तक उनके रांची पहुंचने के बाद उन्हें पहले भोजन कराया जाएगा और उनके सोने की व्यवस्था की जाएगी. उसके बाद ही उनकी आगे की जांच शुरू होगी.

सीएम ने कहा कि साहिबगंज से भी बसें बंगाल भेजी गई हैं और जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है. सबसे पहले उन्हें भरपेट भोजन कराना है, रात में सोने की व्यवस्था की जानी है, उसके बाद उनकी जांच कर तय किया जाएगा कि उन्हें कहां रखना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्लानिंग की है कि और 100 बसों को बंगाल भेजकर वहां फंसे मजदूरों को वापस लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि वैसी बसों को चुना जा रहा है जो ज्यादा पुरानी नहीं हों. वहीं, 10 साल से पुरानी बसों के इस काम में नहीं लगाया जाएगा. साथ ही उन बसों में जीपीएस की सुविधा भी होगी ताकि किसी तरह की कोई समस्या हो तो संपर्क किया जा सके. सीएम ने कहा कि पूरी एहतियात बरतकर दिल्ली और मुंबई से भी लोगों को लाने की प्लानिंग की जा रही है, लेकिन पहले फेज में छत्तीसगढ़, ओडिशा और यूपी से लोगों को लाने की कोशिश की जाएगी.

रेजिडेंट कमिश्नर पहुंच रहे हैं कोटा, लाएंगे छात्र छात्राओं को वापस

कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के झारखंड भवन में तैनात स्थानीय आयुक्त एमआर मीणा शुक्रवार की सुबह वहां से कोटा रवाना हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां पहुंचकर वह छात्रों के साथ इंटरेक्ट कर उन्हें वापस लाने की व्यवस्था करेंगे. संभावना व्यक्त की जा रही है ट्रेन या बस से वहां से छात्र-छात्राओं की रवानगी जल्द ही होगी. उन्होंने कहा चूंकि मीणा राजस्थान के रहने वाले हैं ऐसे में वह कोऑर्डिनेट करके अच्छे से वहां से छात्र-छात्राओं को झारखंड वापस ला पाएंगे. वहीं, आईएएस अधिकारी हिमानी पांडे को भी कोऑर्डिनेट करने की जिम्मेदारी दी गई है. सरकार के पास मौजूदा लिस्ट के हिसाब से 31-32 सौ छात्र-छात्राएं कोटा में फंसे हुए हैं.

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घरों में भी लोग किए जाएंगे क्वॉरेंटाइन

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोग अपने-अपने घरों में भी क्वॉरेंटाइन किए जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा चूंकि संक्रमण के लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं, ऐसी स्थिति में लोग अपने घर में भी क्वॉरेंटाइन किए जाएंगे, बशर्ते कि घरवाले पूरी एहतियात रखें. उन्होंने कहा कि वह सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखने जा रहे हैं ताकि वहां फंसे लोगों को कोऑर्डिनेट कर वापस लाया जा सके.

रिम्स ओर बढ़ा लोगों का भरोसा, गर्व की है बात

सीएम ने कहा कि सबसे बड़े गर्व की बात यह है कि रिम्स और सरकारी अस्पतालों पर लोगों को भरोसा नहीं था. इस आपदा की घड़ी में वहीं संस्थान लोगों के काम आ रहे हैं और लोगों का इसके प्रति विश्वास भी बढ़ा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी अस्पतालों और मेडिकल इंस्टिट्यूशन को ऑनलाइन, फोन से या फिर हेल्पलाइन के तहत लोगों का इलाज करना चाहिए.

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