ETV Bharat / state

शिक्षक बीएलओ के अतिरिक्त कार्य से होंगे मुक्त, शिक्षा सचिव ने जारी किए निर्देश - Jharkhand news

वैसे शिक्षक जिन्हें चुनाव आयोग ने बूथ लेवल ऑफिसर के रूप में अतिरिक्त प्रभार देकर तैनात किया है सरकार उन्हें बीएलओ के कार्य से मुक्त करेगी (Teachers will be free from additional work of BLO ). इस बारे में शिक्षा सचिव ने निर्देश जारी कर दिए हैं.

Teachers will be free from additional work of BLO
Teachers will be free from additional work of BLO
author img

By

Published : Nov 25, 2022, 3:12 PM IST

Updated : Nov 25, 2022, 3:41 PM IST

रांची: चुनाव आयोग के बूथ लेवल ऑफिसर के रूप में सालों भर अतिरिक्त प्रभार में रहकर कार्य करने वाले शिक्षकों को सरकार ने 06 जनवरी से बीएलओ से कार्य मुक्त करने का निर्णय लिया है (Teachers will be free from additional work of BLO). सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षा सचिव सह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है.

ये भी पढ़ें: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने की पलामू में मतदाता पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश


राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए झारखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को चुनाव आयोग के बूथ लेबल ऑफिसर यानी बीएलओ के कार्य से मुक्त कर दिया है. शिक्षा सचिव सह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद 06 जनवरी 2023 से बीएलओ के रूप में शिक्षक नहीं रहेंगे. पांच जनवरी 2023 के बाद से उन्हें बीएलओ के काम से मुक्त कर दिया जाएगा. शिक्षक केवल स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे और सिर्फ चुनावों के दौरान मतदान मतगणना प्रक्रिया में शामिल होंगे.

देखें वीडियो

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इसका निर्णय ले लिया है. इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को चिठ्ठी जारी कर दिये गये हैं. राज्य के प्रारंभिक से लेकर हाई स्कूल तक के सहायक शिक्षक और सहायक अध्यापक को बीएलओ बनाया जाता है. ये साल भर में कई चरणों में वोटर लिस्ट में नया नाम जोड़ने, जिनका निधन हो चुका है या दूसरे जगह पर कार्ड बनवा लिये हैं उनका नाम काटने, रंगीन फोटो देने, पता सुधारने, वोटर कार्ड से आधार को लिंक करने का काम करते रहे हैं. इसके अलावा प्लस टू स्कूलों-कॉलेजों में कैंप लगाने, लोगों को जागरूक करने, घर-घर पर्ची बांटने तक का काम करते हैं.

सरकार के इस निर्णय का स्वागत माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया है. माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता अमरनाथ झा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है. वैसे स्कूल जहां एक या दो शिक्षक ही कार्यरत हैं वहां उनके बीएलओ बनने पर स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पाती. जो शिक्षक स्कूल में पढ़ाते हैं तो उन्हें स्कूल अवधि से पहले या बाद में बीएलओ का कार्य करना होता है.

सरकार के इस फैसले के बाद जिला स्तर पर डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा अन्य सरकारी सेवकों को बीएलओ की जिम्मेदारी दी जायेगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार इसके लिए जिला उपायुक्त को निर्देशित किया जा चुका है. जिन सरकारी सेवकों को मिलेगी बीएलओ की जिम्मेदारी उनमें आंगनबाड़ी सेविका, पटवारी, अमीन, लेखापाल, पंचायत सचिव, ग्रामीण स्तर के कर्मी, बिजली बिल रीडर, पोस्टमैन, नर्स, हेल्थ वर्कर, मिड डे मील कर्मी, नगर निगम के टैक्स लेने वाले कर्मी, शहरी क्षेत्र के सर्किल कर्मी आदि शामिल हैं.

बीएलओ कार्य से हटाने की मांग शिक्षक संघ के द्वारा लंबे समय से होती रही है. ऐसे में सरकार के इस फैसले के शिक्षकों से उम्मीद की जा रही है क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए पूरा समय वे बच्चों को दे पायेंगे. हालांकि अभी भी मध्यान्ह भोजन आदि कार्य ऐसे हैं जिसमें शिक्षक उलझकर रह जाते हैं जिससे मूल शिक्षण कार्य बाधित हो जाता है.

रांची: चुनाव आयोग के बूथ लेवल ऑफिसर के रूप में सालों भर अतिरिक्त प्रभार में रहकर कार्य करने वाले शिक्षकों को सरकार ने 06 जनवरी से बीएलओ से कार्य मुक्त करने का निर्णय लिया है (Teachers will be free from additional work of BLO). सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षा सचिव सह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है.

ये भी पढ़ें: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने की पलामू में मतदाता पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा, दिए आवश्यक निर्देश


राज्य सरकार ने अहम फैसला लेते हुए झारखंड के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को चुनाव आयोग के बूथ लेबल ऑफिसर यानी बीएलओ के कार्य से मुक्त कर दिया है. शिक्षा सचिव सह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद 06 जनवरी 2023 से बीएलओ के रूप में शिक्षक नहीं रहेंगे. पांच जनवरी 2023 के बाद से उन्हें बीएलओ के काम से मुक्त कर दिया जाएगा. शिक्षक केवल स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे और सिर्फ चुनावों के दौरान मतदान मतगणना प्रक्रिया में शामिल होंगे.

देखें वीडियो

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इसका निर्णय ले लिया है. इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को चिठ्ठी जारी कर दिये गये हैं. राज्य के प्रारंभिक से लेकर हाई स्कूल तक के सहायक शिक्षक और सहायक अध्यापक को बीएलओ बनाया जाता है. ये साल भर में कई चरणों में वोटर लिस्ट में नया नाम जोड़ने, जिनका निधन हो चुका है या दूसरे जगह पर कार्ड बनवा लिये हैं उनका नाम काटने, रंगीन फोटो देने, पता सुधारने, वोटर कार्ड से आधार को लिंक करने का काम करते रहे हैं. इसके अलावा प्लस टू स्कूलों-कॉलेजों में कैंप लगाने, लोगों को जागरूक करने, घर-घर पर्ची बांटने तक का काम करते हैं.

सरकार के इस निर्णय का स्वागत माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया है. माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता अमरनाथ झा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित होती है. वैसे स्कूल जहां एक या दो शिक्षक ही कार्यरत हैं वहां उनके बीएलओ बनने पर स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पाती. जो शिक्षक स्कूल में पढ़ाते हैं तो उन्हें स्कूल अवधि से पहले या बाद में बीएलओ का कार्य करना होता है.

सरकार के इस फैसले के बाद जिला स्तर पर डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के द्वारा अन्य सरकारी सेवकों को बीएलओ की जिम्मेदारी दी जायेगी. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार इसके लिए जिला उपायुक्त को निर्देशित किया जा चुका है. जिन सरकारी सेवकों को मिलेगी बीएलओ की जिम्मेदारी उनमें आंगनबाड़ी सेविका, पटवारी, अमीन, लेखापाल, पंचायत सचिव, ग्रामीण स्तर के कर्मी, बिजली बिल रीडर, पोस्टमैन, नर्स, हेल्थ वर्कर, मिड डे मील कर्मी, नगर निगम के टैक्स लेने वाले कर्मी, शहरी क्षेत्र के सर्किल कर्मी आदि शामिल हैं.

बीएलओ कार्य से हटाने की मांग शिक्षक संघ के द्वारा लंबे समय से होती रही है. ऐसे में सरकार के इस फैसले के शिक्षकों से उम्मीद की जा रही है क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए पूरा समय वे बच्चों को दे पायेंगे. हालांकि अभी भी मध्यान्ह भोजन आदि कार्य ऐसे हैं जिसमें शिक्षक उलझकर रह जाते हैं जिससे मूल शिक्षण कार्य बाधित हो जाता है.

Last Updated : Nov 25, 2022, 3:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.