रांची: जिले में कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने अपने तमाम सरकारी शिक्षकों का कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय लिया है, जिसके अनुसार, इन शिक्षकों के कोरोना टेस्ट के बाद ही सरकारी स्कूलों को बच्चों के लिए खोला जाएगा.
बता दें कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए सीएसआर के तहत तमाम स्कूलों में सेनेटाइज की व्यवस्था की जाएगी. इसे लेकर लगातार चर्चाएं हो रही हैं. वहीं, शिक्षा विभाग ने अपने सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का कोविड-19 टेस्ट कराने का भी निर्णय लिया है. स्कूल खुलने के बाद बच्चों की कक्षा लेने जब शिक्षक आएंगे, तो पूरी तरह सुरक्षित होंगे और बच्चों को उनसे कोई खतरा न हो, इसे देखते हुए ही विभाग ने यह निर्णय लिया है.
प्रशासन कराएगा शिक्षकों का कोराना टेस्ट
मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने अपने खर्च पर शिक्षकों का कोराना टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. देखा जा रहा है कि बिना किसी लक्षण वाले लोग कोविड-19 टेस्ट नहीं करवा रहे है, लेकिन शिक्षा विभाग ने यह अनिवार्य कर दिया है कि तमाम शिक्षक पहले कोरोना टेस्ट करवाएंगे तब वह स्कूल आएंगे. इसे लेकर तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस मामले को लेकर अवगत कराया गया है.
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क्या है शिक्षा पदाधिकारी का कहना
इस पहल को लेकर शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिन्हा का कहना है कि विभाग की तरफ से यह एक बेहतर पहल है. इससे झारखंड को कोरोना मुक्त बनाने में सहायता मिलेगी. हालांकि, एक साथ हजारों शिक्षकों का कोरोना जांच कराना विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी, क्योंकि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्र के शिक्षक मुख्यालय तक नहीं पहुंचेंगे और उन्हें कोरोना टेस्ट कराने को लेकर दिलचस्पी भी नहीं होगी. ऐसे में वैसे शिक्षकों को कन्वेंस करना थोड़ा मुश्किल जरूर हो सकता है, लेकिन विभाग ने जानकारी दी है कि धीरे-धीरे शिक्षकों को अब कोविड-19 टेस्ट कराने को लेकर प्रेरित किया जा रहा है. शिक्षक एक-एक कर जांच केंद्रों पर जाएंगे और टेस्ट करवाएंगे.