रांची: झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) के बयान से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और अभिभावक संगठनों में आक्रोश है. शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा था कि सरकारी स्कूलों से ज्यादा योगदान इस देश में प्राइवेट स्कूलों का है और प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से पढ़ाते हैं.
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वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के दिए गए दिए बयान की एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने निंदा की है. संगठन के सदस्य संजय कुमार दुबे ने कहा है कि मंत्री द्वारा सरकारी स्कूलों के खिलाफ इस तरीके का बयान देना शोभनीय नहीं है. जब सरकार ही सरकारी तंत्रों की आलोचना करे और बुराई करे तब इसमें सुधार की कोई गुंजाइश है ही नहीं. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बयान पर झारखंड राज्य अभिभावक एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि रामेश्वर उरांव के बयान को हेमंत सरकार अगर सही मानती है तो राज्य के सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहिए और प्राइवेट स्कूल खोलना चाहिए .
बयान से शिक्षकों का मनोबल टूटा
अजय राय ने कहा कि वित्त मंत्री के बयान से राज्य के लाखों सरकारी शिक्षकों के मनोबल टूटा है. सरकारी स्कूलों के संबंध में अगर वित्त मंत्री ऐसा सोचते हैं तो राज्य सरकार सरकारी स्कूलों को बंद कर उसके बजट की राशि प्राइवेट स्कूलों को क्यों नहीं दे देती, ताकि प्राइवेट स्कूल में गरीबों के बच्चे भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. उन्होंने कहा कि राज्य के वित्त मंत्री द्वारा सरकारी स्कूलों के बारे में इस तरह के बयान देने पर सीएम हेमंत सोरेन को जवाब देना चाहिए .
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सौंपा जाएगा ज्ञापन
वित्त मंत्री के इस बयान के बाद शिक्षकों में काफी आक्रोश है. मामले को लेकर अभिभावक संघ और कुछ शिक्षक संघ से जुड़े लोग जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम से भी मुलाकात करेंगे और इससे जुड़े ज्ञापन भी सौंपेंगे.