ETV Bharat / state

जानिए कितना बड़ा है भारतीय रेल टिकट घोटाला! गढ़वा के बाद पलामू और लातेहार में पकड़ा गया स्कैम - RAILWAY TICKET SCAM

भारतीय रेल टिकट घोटाले का दायरा बढ़ता जा रहा है. गढ़वा और पलामू के बाद अब लातेहार से भी घोटाले की आशंका जताई गई है.

Railway ticket scam
प्रतीकात्मक तस्वीर (Getty Images)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 5, 2025, 5:15 PM IST

पलामू: भारतीय रेलवे के धनबाद रेल डिवीजन में टिकट घोटाला का दायरा बढ़ता जा रहा है. शुरुआत में गढ़वा के तीन रेलवे स्टेशन पर टिकट घोटाले के मामले को पकड़ा गया था. अब पलामू एवं लातेहार में भी रेल टिकट घोटाला को पकड़ा गया है. पूरे मामले में रेलवे ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज करवाई है. एक फिर गढ़वा के
नगरउंटारी जबकि दूसरा एफआईआर लातेहार के बरवाडीह में किया गया है.

गढ़वा में 2 करोड़ 16 लाख, रमना एक लाख, गढ़वा टाउन में 46 लाख, लातेहार के बरवाडीह में 90 लाख, जबकि पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर 12 लाख रुपए के करीब घोटाले की बात कही जा रही है. रेलवे विभिन्न स्टेशनों का ऑडिट करवा रही है. घोटाले का दायरा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

कैसे हुई है टिकट घोटाला ? जमा किया गया फर्जी वाउचर

विभिन्न स्टेशनों से टिकट बिक्री के पैसे को सीधे रेलवे के खाते में जमा किया जाता है. यह खाता रेलवे के हाजीपुर जोन का है. पैसे को जमा करने के लिए दो अलग-अलग एजेंसी हैं. गढ़वा इलाके में अलग एजेंसी है, वहीं पलामू के इलाके में अलग एजेंसी. एजेंसी स्टेशनों से कैश उठाती है और रेलवे के खाते में जमा करती है. कैश को जमा करने में जिन कर्मियों को तैनात किया जाता है उन्हें बाइकर्स कहा जाता है.

बाइकर्स कैश जमा करने के बाद बैंक के वाउचर को रेलवे को देते हैं और जानकारी अपने एजेंसी को जमा करते हैं. इस मामले में बाइकर्स ने विभिन्न स्टेशनों से कैश तो उठाया लेकिन उन्हें रेलवे के खाता में जमा नहीं किया है. बाइकर्स ने कैश संबंधी वाउचर को फर्जी रूप से तैयार किया और रेलवे के अधिकारियों को दिया. रेलवे के हाजीपुर जोन के वाणिज्य कर विभाग को विभिन्न स्टेशनों से होने वाले आय आशंका हुई थी. इसके बाद रेलवे के तरफ से इंटरनल ऑडिट का कार्य शुरू हुआ. इसी ऑडिट में पकड़ा गया कि 2023 के बाद इस घोटाले की शुरुआत हुई. घोटाला का दायरा धीरे-धीरे बढ़कर करोड़ों में हो गया.

चार वर्षों के टिकट बिक्री का खंगाला जा रहा है डाटा, एसीबीआई ने भी शुरू की जांच

रेलवे के टिकट के बिक्री के पैसे के बैंक खातों में जमा करने वाले नोडल एजेंसी के मामले की जांच भारतीय स्टेट बैंक की पटना एलएचओ कर रही है. रेलवे के धनबाद रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार ने बताया कि पूरी राशि बीमा की है, भारतीय स्टेट बैंक को रेलवे को रकम देनी होगी. मामले में रेलवे की टीम भी पिछले चार वर्षों के डाटा को खंगाल रही है. एजेंसी समेत कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें:
गढ़वा के तीन रेलवे स्टेशन से करोड़ों का घोटाला, जानिए क्या है मामला

रेलवे से करोड़ों का गबन, टिकट का पैसा नहीं पहुंचा बैंक, एफआईआर दर्ज

पलामू: भारतीय रेलवे के धनबाद रेल डिवीजन में टिकट घोटाला का दायरा बढ़ता जा रहा है. शुरुआत में गढ़वा के तीन रेलवे स्टेशन पर टिकट घोटाले के मामले को पकड़ा गया था. अब पलामू एवं लातेहार में भी रेल टिकट घोटाला को पकड़ा गया है. पूरे मामले में रेलवे ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज करवाई है. एक फिर गढ़वा के
नगरउंटारी जबकि दूसरा एफआईआर लातेहार के बरवाडीह में किया गया है.

गढ़वा में 2 करोड़ 16 लाख, रमना एक लाख, गढ़वा टाउन में 46 लाख, लातेहार के बरवाडीह में 90 लाख, जबकि पलामू के डालटनगंज रेलवे स्टेशन पर 12 लाख रुपए के करीब घोटाले की बात कही जा रही है. रेलवे विभिन्न स्टेशनों का ऑडिट करवा रही है. घोटाले का दायरा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.

कैसे हुई है टिकट घोटाला ? जमा किया गया फर्जी वाउचर

विभिन्न स्टेशनों से टिकट बिक्री के पैसे को सीधे रेलवे के खाते में जमा किया जाता है. यह खाता रेलवे के हाजीपुर जोन का है. पैसे को जमा करने के लिए दो अलग-अलग एजेंसी हैं. गढ़वा इलाके में अलग एजेंसी है, वहीं पलामू के इलाके में अलग एजेंसी. एजेंसी स्टेशनों से कैश उठाती है और रेलवे के खाते में जमा करती है. कैश को जमा करने में जिन कर्मियों को तैनात किया जाता है उन्हें बाइकर्स कहा जाता है.

बाइकर्स कैश जमा करने के बाद बैंक के वाउचर को रेलवे को देते हैं और जानकारी अपने एजेंसी को जमा करते हैं. इस मामले में बाइकर्स ने विभिन्न स्टेशनों से कैश तो उठाया लेकिन उन्हें रेलवे के खाता में जमा नहीं किया है. बाइकर्स ने कैश संबंधी वाउचर को फर्जी रूप से तैयार किया और रेलवे के अधिकारियों को दिया. रेलवे के हाजीपुर जोन के वाणिज्य कर विभाग को विभिन्न स्टेशनों से होने वाले आय आशंका हुई थी. इसके बाद रेलवे के तरफ से इंटरनल ऑडिट का कार्य शुरू हुआ. इसी ऑडिट में पकड़ा गया कि 2023 के बाद इस घोटाले की शुरुआत हुई. घोटाला का दायरा धीरे-धीरे बढ़कर करोड़ों में हो गया.

चार वर्षों के टिकट बिक्री का खंगाला जा रहा है डाटा, एसीबीआई ने भी शुरू की जांच

रेलवे के टिकट के बिक्री के पैसे के बैंक खातों में जमा करने वाले नोडल एजेंसी के मामले की जांच भारतीय स्टेट बैंक की पटना एलएचओ कर रही है. रेलवे के धनबाद रेल डिवीजन के सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार ने बताया कि पूरी राशि बीमा की है, भारतीय स्टेट बैंक को रेलवे को रकम देनी होगी. मामले में रेलवे की टीम भी पिछले चार वर्षों के डाटा को खंगाल रही है. एजेंसी समेत कई के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.

ये भी पढ़ें:
गढ़वा के तीन रेलवे स्टेशन से करोड़ों का घोटाला, जानिए क्या है मामला

रेलवे से करोड़ों का गबन, टिकट का पैसा नहीं पहुंचा बैंक, एफआईआर दर्ज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.