रांची: झारखंड राज्य अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायत निकायों के ग्राम पंचायत, सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के निर्वाचन के लिए 4 चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. 14 मई से शुरू होकर 27 मई 2022 तक राज्य के विभिन्न जिलों में मतदान होंगे और इन चुनाव व्यवस्था को सुचारू तरीके से संचालित करने के लिए चुनाव ड्यूटी में राज्य सरकार के अधीन विभिन्न कर्मचारियों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी लगाया गया है. विभिन्न जिलों के शिक्षकों को अलग-अलग जिलों में भी पदस्थापित किया गया है. ऐसे में चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
शिक्षकों का आरोप है कि ड्यूटी स्थल, मतदान केंद्र और मतगणना स्थलों पर भी प्रशासनिक व्यवस्था बेहाल है. ना तो खाने की व्यवस्था है और ना ही पीने की पानी तक की व्यवस्था की जा रही है. इस भीषण गर्मी के दौरान भी तमाम चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी कई परेशानियों से जूझ रहे हैं. शिक्षकों की माने तो वे लगातार कोरोना ड्यूटी के साथ-साथ सरकार द्वारा दिए जा रहे उन तमाम सरकारी ड्यूटी को बखूबी निभाते हैं. लेकिन शिक्षकों को व्यवस्था नहीं दी जाती है. इसी अव्यवस्था का नतीजा है कि गोड्डा में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण की वोटिंग के दौरान इलेक्शन ड्यूटी में लगे एक शिक्षक की मौत हो गई.
शिक्षकों ने उनकी मौत के लिए प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार बताया है. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी शिक्षक प्रवीण सिंह पटेल की चुनाव ड्यूटी पोड़ैयाहाट के 192 संख्या बूथ पर लगी थी. ड्यूटी के दौरान ही गर्मी की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. लेकिन ना तो प्रशासनिक व्यवस्था सही थी और ना ही अस्पताल में ही व्यवस्था मुकम्मल दिखी और इस वजह से असमय उनकी की मौत हो गई.