रांचीः राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत झारखंड में आज से विशेष अभियान की शुरुआत हो रही है. 25 अक्टूबर तक अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंचेंगे और टीबी से ग्रसित मरीजों को चिन्हित करेंगे. इसके साथ ही सरकारी स्तर पर इलाज की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे.
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रांची सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार और जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. आरएन शर्मा ने बताया कि झारखंड में टीबी की संभावित मरीजों को खोजने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. आरएन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए झारखंड में टीबी मरीजों को चिन्हित किया जाएगा.
बीडीओ को किया गया सूचित
उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से बुखार है. इसके साथ ही कफ बन रहा है और बलगम से ब्लड आ रहा है. इस स्थिति में संबंधित व्यक्ति को तत्काल टीबी जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को लेकर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सूचित किया गया है, ताकि समन्वय बनाकर कार्यक्रम को सफल बनाएं.
मुफ्त इलाज की व्यवस्था
रांची जिले में 1331 मरीज को खोजने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. हालांकि, इससे ज्यादा मरीजों में भी लक्षण मिलता है, तो उस मरीज को तत्काल दवा मुहैया कराई जाएगी. डॉ. आरएन शर्मा ने कहा कि टीबी मरीजों के बीच ISONIAZED, RIFAMPIN, ETHAMBUTOL के साथ साथ BEDAQUILINE और DELAMANID जैसी महंगी दवाई वितरित किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि टीबी मरीज अपना विवरण सरकारी केंद्रों पर देते हैं, तो मुफ्त इलाज के साथ साथ प्रतिमाह 500 रुपये भी दिया जायेगा.
आयुष्मान भारत योजना के तहत जागरुकता कार्यक्रम
सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के 3 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में लोगों के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत के तहत इलाज की व्यवस्था मुकम्मल की जाएगी. जागरुकता अभियान 15 से 30 सिंतबर तक चलाया जाएगा.