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16 सितंबर तक 10 लाख मजदूरों को मनरेगा से जोड़ने का लक्ष्य, विभागीय सचिव ने की समीक्षा - झारखंड में 10 लाख मजदूरों को मनरेगा से जोड़ने का लक्ष्य

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आराधना पटनायक ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के उप विकास आयुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. कोरोना संक्रमण काल के दौरान घर लौटे ग्रामीण प्रवासी मजदूरों को मनरेगा से जोड़ने के लिए इस बैठक में चर्चा की गई.

Target to connect 10 lakh laborers with MgNREGA in jharkhand
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Published : Aug 27, 2020, 8:38 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण के दौर में दूसरे राज्यों से झारखंड लौटे ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को मनरेगा से जोड़ने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 16 सितंबर तक 10 लाख मजदूरों को काम मुहैया कराना है. 16 अगस्त को शुरू हुए इस अभियान के दौरान अब तक सिर्फ चार लाख मजदूरों ने काम मांगा है. यानी शेष 20 दिनों के भीतर छह लाख मजदूरों को काम देना है.

इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आराधना पटनायक ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के उप विकास आयुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि निबंधित मजदूर को काम मांगने का अधिकार है और काम मांगते ही यह कानून क्रियाशील हो जाता है. यह जिम्मेवारी सोशल ऑडिट यूनिट को सौंपी गई है ताकि वह काम की मांग मजदूर मंच के माध्यम से सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में मनरेगा ही एक ऐसी योजना है, जो ग्रामीणों को उनके पैरों पर खड़ा कर सकती है. बिगड़े हालात की वजह से अब वैसे लोग भी मनरेगा से जुड़ रहे हैं जो कल तक काम करना नहीं चाहते थे. ऐसे में विभाग की जिम्मेदारी है कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम मुहैया करायी जाए. विभागीय सचिव ने कहा कि बारिश का मौसम है लिहाजा नीलांबर-पितांबर जल समृद्धि योजना के तहत टीसीबी और फील्ड बंड के जरिए जल संचयन से एक तरफ मजदूरों को रोजगार मिलेगा. दूसरी तरफ किसान भी खेती के मामले में आत्मनिर्भर होंगे.

ये भी पढ़ें- 5 महीने बाद खुला विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर, श्रद्धालुओं में उत्साह

समीक्षा के दौरान वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में मैदान तैयार होने से बच्चों और युवाओं में स्पोर्ट्स के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी. लिहाजा बड़ी संख्या में खेल का मैदान तैयार करने के लिए कई दिशा निर्देश दिए गए. मनरेगा आयुक्त ने कहा कि काम के सृजन के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन और पेमेंट सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. बता दें कि अपनी मांगों को लेकर मनरेगा से जुड़े अनुबंधित कर्मचारी पिछले 27 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर हैं. उनके काम पर लौटने को लेकर 20 अगस्त को विभागीय मंत्री के साथ एक बैठक की भी तैयारी की गई थी. जो दो मंत्रियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद टल गई. जानकारी के मुताबिक 1 सितंबर को हड़ताली मनरेगा कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हो सकती है.

रांची: कोरोना संक्रमण के दौर में दूसरे राज्यों से झारखंड लौटे ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को मनरेगा से जोड़ने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 16 सितंबर तक 10 लाख मजदूरों को काम मुहैया कराना है. 16 अगस्त को शुरू हुए इस अभियान के दौरान अब तक सिर्फ चार लाख मजदूरों ने काम मांगा है. यानी शेष 20 दिनों के भीतर छह लाख मजदूरों को काम देना है.

इसको लेकर ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आराधना पटनायक ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के उप विकास आयुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि निबंधित मजदूर को काम मांगने का अधिकार है और काम मांगते ही यह कानून क्रियाशील हो जाता है. यह जिम्मेवारी सोशल ऑडिट यूनिट को सौंपी गई है ताकि वह काम की मांग मजदूर मंच के माध्यम से सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में मनरेगा ही एक ऐसी योजना है, जो ग्रामीणों को उनके पैरों पर खड़ा कर सकती है. बिगड़े हालात की वजह से अब वैसे लोग भी मनरेगा से जुड़ रहे हैं जो कल तक काम करना नहीं चाहते थे. ऐसे में विभाग की जिम्मेदारी है कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम मुहैया करायी जाए. विभागीय सचिव ने कहा कि बारिश का मौसम है लिहाजा नीलांबर-पितांबर जल समृद्धि योजना के तहत टीसीबी और फील्ड बंड के जरिए जल संचयन से एक तरफ मजदूरों को रोजगार मिलेगा. दूसरी तरफ किसान भी खेती के मामले में आत्मनिर्भर होंगे.

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समीक्षा के दौरान वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में मैदान तैयार होने से बच्चों और युवाओं में स्पोर्ट्स के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी. लिहाजा बड़ी संख्या में खेल का मैदान तैयार करने के लिए कई दिशा निर्देश दिए गए. मनरेगा आयुक्त ने कहा कि काम के सृजन के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन और पेमेंट सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. बता दें कि अपनी मांगों को लेकर मनरेगा से जुड़े अनुबंधित कर्मचारी पिछले 27 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर हैं. उनके काम पर लौटने को लेकर 20 अगस्त को विभागीय मंत्री के साथ एक बैठक की भी तैयारी की गई थी. जो दो मंत्रियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद टल गई. जानकारी के मुताबिक 1 सितंबर को हड़ताली मनरेगा कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हो सकती है.

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