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रांचीः सीएम के आश्वासन के बाद टाना भगतों ने आंदोलन वापस लिया, एक महीने की दी डेडलाइन

टाना भगत
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Published : Sep 5, 2020, 1:12 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 5:19 PM IST

13:05 September 05

रांचीः सीएम के आश्वासन के बाद टाना भगतों ने आंदोलन वापस लिया, एक महीने की दी डेडलाइन

देखें पूरी खबर.

रांचीः अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे टाना भगतों ने शनिवार को अपना आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया है.  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद टाना भगत समुदाय के लोगों ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से सकारात्मक आश्वासन मिला है. इस वजह से वह अब अपना आंदोलन वापस ले रहे हैं.  

दरअसल पिछले 4 दिनों से लातेहार जिले के चंदवा में टाना भगत समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक पर आंदोलनरत हैं. उनकी मांग है कि उनके लिए पेंशन, जमीन लगान की माफी, सीएनटी एक्ट में उन्हें मिले प्रावधान लागू किया जाए.  

लातेहार विधायक के नेतृत्व में मिला डेलीगेशन

दरअसल शनिवार को लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम के नेतृत्व में लगभग 22 टाना भगत राजधानी रांची पहुंचे. कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर हुई मुलाकात के बाद यह तय हुआ कि फिलहाल सरकार के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त कर दिया जाए.  

हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर एक महीने में सरकार उनकी बात पर ध्यान नहीं देगी तो वह दोबारा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.  

सीसीएल ले रहा है उनकी जमीन नहीं दे रहा है मुआवजा डेलीगेशन में शामिल परमेश्वर टाना भगत ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष कई मुद्दे रखे हैं. उसमें एक मुद्दा यह भी है कि कोलफील्ड इलाकों में उनकी जमीन बिना उन्हें बताएं खान के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं.  

यह भी पढ़ेंः सीएम सोरेन से मिलने पहुंचा टाना भगत समुदाय का प्रतिनिधिमंडल

उन्होंने कहा कि न तो उन्हें मुआवजा मिल रहा है और न ही परिवार के किसी व्यक्ति को नौकरी मिल रही है. ऐसे में एक तरफ उनकी जमीन भी जा रही है और उन्हें उनका अधिकार भी नहीं मिल रहा है. रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में उनके बच्चों एडमिशन भी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बाबत भी आश्वासन दिया है.

आंदोलनकारी के बेटे हैं समझेंगें समस्या  

वहीं डेलिगेशन में शामिल सरिता टाना भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि वह उनकी मांगों को विस्तारपूर्वक देखेंगे और उन पर कार्रवाई करने की कोशिश करेंगे.  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद स्वतंत्रता सेनानी के बेटे हैं और उन्होंने संघर्ष कर राज्य को अलग पहचान दिलाई है. ऐसे में उनसे उम्मीद की जा सकती है कि वह भी टाना भगत समुदाय का सम्मान रखेंगे.  वहीं डेलिगेशन को लेकर पहुंचे लातेहार के विधायक वैद्यनाथ राम ने कहा कि टाना भगतों के साथ मुख्यमंत्री के सकारात्मक बात हुई है और नतीजे भी सकारात्मक होंगे.

13:05 September 05

रांचीः सीएम के आश्वासन के बाद टाना भगतों ने आंदोलन वापस लिया, एक महीने की दी डेडलाइन

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रांचीः अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे टाना भगतों ने शनिवार को अपना आंदोलन वापस लेने का ऐलान किया है.  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद टाना भगत समुदाय के लोगों ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से सकारात्मक आश्वासन मिला है. इस वजह से वह अब अपना आंदोलन वापस ले रहे हैं.  

दरअसल पिछले 4 दिनों से लातेहार जिले के चंदवा में टाना भगत समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक पर आंदोलनरत हैं. उनकी मांग है कि उनके लिए पेंशन, जमीन लगान की माफी, सीएनटी एक्ट में उन्हें मिले प्रावधान लागू किया जाए.  

लातेहार विधायक के नेतृत्व में मिला डेलीगेशन

दरअसल शनिवार को लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम के नेतृत्व में लगभग 22 टाना भगत राजधानी रांची पहुंचे. कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर हुई मुलाकात के बाद यह तय हुआ कि फिलहाल सरकार के आश्वासन पर आंदोलन समाप्त कर दिया जाए.  

हालांकि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर एक महीने में सरकार उनकी बात पर ध्यान नहीं देगी तो वह दोबारा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.  

सीसीएल ले रहा है उनकी जमीन नहीं दे रहा है मुआवजा डेलीगेशन में शामिल परमेश्वर टाना भगत ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष कई मुद्दे रखे हैं. उसमें एक मुद्दा यह भी है कि कोलफील्ड इलाकों में उनकी जमीन बिना उन्हें बताएं खान के रूप में इस्तेमाल की जा रही हैं.  

यह भी पढ़ेंः सीएम सोरेन से मिलने पहुंचा टाना भगत समुदाय का प्रतिनिधिमंडल

उन्होंने कहा कि न तो उन्हें मुआवजा मिल रहा है और न ही परिवार के किसी व्यक्ति को नौकरी मिल रही है. ऐसे में एक तरफ उनकी जमीन भी जा रही है और उन्हें उनका अधिकार भी नहीं मिल रहा है. रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में उनके बच्चों एडमिशन भी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बाबत भी आश्वासन दिया है.

आंदोलनकारी के बेटे हैं समझेंगें समस्या  

वहीं डेलिगेशन में शामिल सरिता टाना भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि वह उनकी मांगों को विस्तारपूर्वक देखेंगे और उन पर कार्रवाई करने की कोशिश करेंगे.  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद स्वतंत्रता सेनानी के बेटे हैं और उन्होंने संघर्ष कर राज्य को अलग पहचान दिलाई है. ऐसे में उनसे उम्मीद की जा सकती है कि वह भी टाना भगत समुदाय का सम्मान रखेंगे.  वहीं डेलिगेशन को लेकर पहुंचे लातेहार के विधायक वैद्यनाथ राम ने कहा कि टाना भगतों के साथ मुख्यमंत्री के सकारात्मक बात हुई है और नतीजे भी सकारात्मक होंगे.

Last Updated : Sep 5, 2020, 5:19 PM IST
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