रांची: फेसबुक पर विवादित पोस्ट के बाद रांची वीमेंस कॉलेज की छात्रा रिचा भारती उर्फ रिचा पटेल को जेल भेजने के मामले में कई पुलिस अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पूरे विवाद से जुड़ी एक गोपनीय रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, अगर इस रिपोर्ट पर कार्रवाई होती है तो रांची के रूरल एसपी सहित कई अफसर इसकी चपेट में आ सकते हैं.
क्या है रिपोर्ट में
झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में 12 जुलाई की शाम की घटना का जिक्र है. रिचा के खिलाफ थाने में शिकायत हुई थी, जिसके चंद घंटे बाद शाम छह बजे पुलिस रिचा को पकड़ कर थाने लायी. इसके बाद आनन फानन में रात दस बजे उसे जेल भेल दिया गया. रिपोर्ट में जिक्र है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 46 के अनुसार असाधारण परिस्थिति के सिवाय किसी भी महिला को सूर्यास्त के बाद और सूर्यादय के पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. असाधारण परिस्थिति में भी महिला पुलिस पदाधिकारी लिखित में रिपोर्ट करके प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से लिखित सहमति मिलने के बाद ही गिरफ्तार कर सकती है.
ग्रामीण एसपी समेत अन्य अफसरों की भूमिका संदिग्ध
पिठोरिया थानेदार विनोद राम, मुख्यालय एएसपी-1 अमित रेणू और ग्रामीण एसपी आशुतोष शेखर ने बिना किसी महिला पुलिस पदाधिकारी की मौजूदगी में शाम सात बजे के बाद रिचा को गिरफ्तारी किया. इसके बाद तय कानूनी प्रक्रिया के विरूद्ध कार्रवाई कर रिचा को जेल भेज दिया.
पिता ने भी लगाया आरोप
रिचा के पिता प्रकाश पटेल ने आरोप लगाया है कि पिठोरिया थाना प्रभारी दल-बल के साथ उनके घर आए थे. यहां अपराधी की तरह रिचा को थाने ले जाया गया था. मौके पर पुलिस ने रिचा की मां से धक्का मुक्की भी किया था. थाने पहुंचने के बाद रिचा के पिता को उससे मिलने नहीं दिया गया था और उनके साथ अपशब्दों का प्रयोग भी किया गया.
कार्रवाई से माहौल बिगड़ा
रिपोर्ट में जिक्र है कि रिचा भारती का जुड़ाव किसी संगठन से नहीं है, ना ही उसका आपराधिक इतिहास रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने दबाव में रिचा को जेल भेज दिया. उसको जेल भेजे जाने और उसके बाद की घटनाओं से पिठोरिया में सांप्रदायिक वातावरण बिगड़ने की बात भी कही गई है.
रिपोर्ट में ऐसे ही कई मामलों में कार्रवाई नहीं किए जाने का जिक्र
⦁ एक जुलाई को कोतवाली थाना में अमृत रमण के बयान पर माजिद पठान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. माजिद पठान ने धर्म विशेष को लेकर अश्लील व अभद्र टिप्पणी फेसबुक पर की थी.
⦁ पतरातू के बरकाकाना ओपी, सुखदेवनगर थाना कांड संख्या 348/19 और अरगोड़ा थाना 80/18 में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की. एकरा मस्जिद के बाहर दीपक श्रीवास्वत व विवेक कुमार पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस की कार्यशैली को हास्यास्पद बताया गया है.
⦁ जमशेदुपर के गोलमुरी में जसीम शेख पर भी बिरसानगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.