ETV Bharat / state

SC के आदेश के बावजूद बैद्यनाथ और बासुकीनाथ धाम खोलने पर संशय, सरकार के फैसले का इंतजार

देवघर और दुमका जिले में स्थित शिव मंदिर का द्वार खोलने को लेकर अभी तक संशय बरकरार है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बाबा बासुकीनाथ मंदिर को अंतिम सोमवारी पर भी पूजा अर्चना के लिए नहीं खोला गया था. अब इन दोनों मंदिर के दरवाजे खोलने को लेकर अंतिम निर्णय राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी लेगी.

Suspicion about opening of temple in Jharkhand
Suspicion about opening of temple in Jharkhand
author img

By

Published : Aug 6, 2020, 2:56 PM IST

रांची: प्रदेश के देवघर और दुमका जिले में स्थित शिव मंदिर का द्वार खोलने को लेकर अभी तक संशय बरकरार है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम का दरवाजा श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर 3 अगस्त को एक दिन के लिए खोला गया था. वहीं दूसरी तरफ दुमका स्थित बासुकीनाथ धाम का दरवाजा खोलने के लिए भी जिला प्रशासन मन बना रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बाबा बासुकीनाथ मंदिर को अंतिम सोमवारी पर भी पूजा अर्चना के लिए नहीं खोला गया था. सावन के अंतिम सोमवार पर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को पूजा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा छूट मिलने से स्थानीय श्रद्धालुओं में पूजा अर्चना करने की जो आस जगी थी. वह मंदिर नहीं खुलने से पूरी नहीं हो सकी. सीमित संख्या में भी अंतिम सोमवारी पर श्रद्धालु बासुकीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना नहीं कर सके थे. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए बाबा बासुकीनाथ और वैद्यनाथ मंदिर को सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना कराने का निर्देश दिया था. कोर्ट के आदेश पर सावन की अंतिम सोमवारी को बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सीमित श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना कराने के लिए खोला गया था, लेकिन न्यायालय के आदेश की बासुकीनाथ मंदिर में अनुपालन नहीं किया गया. हालांकि इसको लेकर अभी तक आधिकारिक रूप से कोई निर्णय नहीं हुआ है. राज्य सरकार के सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि सावन और भादो महीने में बैद्यनाथ धाम मंदिर के दरवाजे खोलने को लेकर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए.

10 अगस्त को है अगली सोमवारी

3 अगस्त को सावन का महीना समाप्त हो गया है. उसके बाद भादो का महीने की शुरूआत हो गई है. साथ ही 10 अगस्त को पहली सोमवारी के मौके पर दोनों मंदिरों में पूजा को लेकर राज्य सरकार को निर्णय लेना है. दरअसल भादो महीने में किसान और व्यापारी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में बैद्यनाथ धाम मंदिर में दर्शन करने आते हैं. इतना ही नहीं इस महीने में विशेषकर मिथिला इलाके से भी लोग आते हैं.

इसे भी पढ़ें- रांचीः अवैध शराब कारोबार गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस के हत्थे चढ़े 4 लोग

देवघर को लेकर संशय बरकरार

वहीं, बासुकीनाथ धाम मंदिर को लेकर दुमका जिला प्रशासन ने एक बैठक की है. जिसमें तय किया गया की मंदिर का दरवाजा हर सोमवार को 6 घंटे के लिए खोला जाएगा, ताकि सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन कर सकें. श्रद्धालुओं को इसके लिए बकायदा ऑनलाइन निबंधन कराना होगा जिसमें उनकी पूरी डिटेल रहेगी. वहीं 60 साल से अधिक उम्र के लोग अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएंगे. उनके अलावा डायबिटीज और ह्रदय रोग से पीड़ित लोग भी मंदिर में प्रवेश नहीं करेंगे. शुरुआती दौर में 300 लोगों का निबंधन किया जाएगा. वहीं देवघर में भी जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई स्ट्रेटजी नहीं बनी है. देवघर मंदिर सिर्फ 3 अगस्त को खोला गया था. जिसमें 300 से अधिक लोगों ने दर्शन किया उसके बाद से मंदिर के दरवाजे आम लोगों के लिए बंद हैं. आधिकारिक सूत्रों की माने तो दुमका और देवघर में मंदिर खोलने को लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

कमेटी लेगी निर्णय

इन दोनों मंदिर के दरवाजे खोलने को लेकर अंतिम निर्णय राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी लेगी. कमेटी में अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, पर्यटन सचिव पूजा सिंघल, स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, संथाल परगना प्रमंडल के डीआईजी समेत दुमका और देवघर के डिप्टी कमिश्नर और एसपी हैं.

रांची: प्रदेश के देवघर और दुमका जिले में स्थित शिव मंदिर का द्वार खोलने को लेकर अभी तक संशय बरकरार है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम का दरवाजा श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर 3 अगस्त को एक दिन के लिए खोला गया था. वहीं दूसरी तरफ दुमका स्थित बासुकीनाथ धाम का दरवाजा खोलने के लिए भी जिला प्रशासन मन बना रहा है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बाबा बासुकीनाथ मंदिर को अंतिम सोमवारी पर भी पूजा अर्चना के लिए नहीं खोला गया था. सावन के अंतिम सोमवार पर सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को पूजा में सुप्रीम कोर्ट द्वारा छूट मिलने से स्थानीय श्रद्धालुओं में पूजा अर्चना करने की जो आस जगी थी. वह मंदिर नहीं खुलने से पूरी नहीं हो सकी. सीमित संख्या में भी अंतिम सोमवारी पर श्रद्धालु बासुकीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना नहीं कर सके थे. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए बाबा बासुकीनाथ और वैद्यनाथ मंदिर को सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना कराने का निर्देश दिया था. कोर्ट के आदेश पर सावन की अंतिम सोमवारी को बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सीमित श्रद्धालुओं को पूजा अर्चना कराने के लिए खोला गया था, लेकिन न्यायालय के आदेश की बासुकीनाथ मंदिर में अनुपालन नहीं किया गया. हालांकि इसको लेकर अभी तक आधिकारिक रूप से कोई निर्णय नहीं हुआ है. राज्य सरकार के सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि सावन और भादो महीने में बैद्यनाथ धाम मंदिर के दरवाजे खोलने को लेकर राज्य सरकार को विचार करना चाहिए.

10 अगस्त को है अगली सोमवारी

3 अगस्त को सावन का महीना समाप्त हो गया है. उसके बाद भादो का महीने की शुरूआत हो गई है. साथ ही 10 अगस्त को पहली सोमवारी के मौके पर दोनों मंदिरों में पूजा को लेकर राज्य सरकार को निर्णय लेना है. दरअसल भादो महीने में किसान और व्यापारी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में बैद्यनाथ धाम मंदिर में दर्शन करने आते हैं. इतना ही नहीं इस महीने में विशेषकर मिथिला इलाके से भी लोग आते हैं.

इसे भी पढ़ें- रांचीः अवैध शराब कारोबार गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस के हत्थे चढ़े 4 लोग

देवघर को लेकर संशय बरकरार

वहीं, बासुकीनाथ धाम मंदिर को लेकर दुमका जिला प्रशासन ने एक बैठक की है. जिसमें तय किया गया की मंदिर का दरवाजा हर सोमवार को 6 घंटे के लिए खोला जाएगा, ताकि सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन कर सकें. श्रद्धालुओं को इसके लिए बकायदा ऑनलाइन निबंधन कराना होगा जिसमें उनकी पूरी डिटेल रहेगी. वहीं 60 साल से अधिक उम्र के लोग अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाएंगे. उनके अलावा डायबिटीज और ह्रदय रोग से पीड़ित लोग भी मंदिर में प्रवेश नहीं करेंगे. शुरुआती दौर में 300 लोगों का निबंधन किया जाएगा. वहीं देवघर में भी जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक इसको लेकर कोई स्ट्रेटजी नहीं बनी है. देवघर मंदिर सिर्फ 3 अगस्त को खोला गया था. जिसमें 300 से अधिक लोगों ने दर्शन किया उसके बाद से मंदिर के दरवाजे आम लोगों के लिए बंद हैं. आधिकारिक सूत्रों की माने तो दुमका और देवघर में मंदिर खोलने को लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

कमेटी लेगी निर्णय

इन दोनों मंदिर के दरवाजे खोलने को लेकर अंतिम निर्णय राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी लेगी. कमेटी में अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, पर्यटन सचिव पूजा सिंघल, स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल, संथाल परगना प्रमंडल के डीआईजी समेत दुमका और देवघर के डिप्टी कमिश्नर और एसपी हैं.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.