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झारखंड में प्राथमिक स्कूल खोलने पर सस्पेंस, जानिए क्या कहते हैं शिक्षक

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए और परेशानी खड़ी कर दी है. कुछ दिन पहले तक झारखंड में प्राथमिक स्कूल खोलने की तैयारी चल रही थी, लेकिन अब इस पर ग्रहण लगता दिख रहा है.

primary school in Jharkhand
primary school in Jharkhand
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Published : Dec 20, 2021, 6:27 PM IST

Updated : Dec 20, 2021, 9:21 PM IST

रांची: कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अब तक झारखंड में प्राथमिक स्कूल को खोलने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. हालांकि राज्य के सरकारी स्कूलों के प्राथमिक शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द राज्य के प्राथमिक स्कूलों को भी खोल देना चाहिए. ताकि बच्चों का भविष्य खराब ना हो. कई शिक्षकों ने सरकार को स्कूल खोलने के लिए अपनी-अपनी राय भी दी है.

ये भी पढ़ें- Omicron Variant: प्राइमरी कक्षा संचालन पर पासवा-झारखंड राज्य अभिभावक मंच आमने-सामने


एक लंबे समय से कक्षा केजी से लेकर पांचवी तक के बच्चों का स्कूल पूरी तरह बंद है. ऑनलाइन क्लासेज के जरिए छोटे बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है. लेकिन ऑनलाइन क्लासेस का लाभ इन छोटे बच्चों को बिल्कुल नहीं मिल पा रहा है. उल्टा ज्यादा देर तक मोबाइल का उपयोग करने पर इनकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. नवंबर और दिसंबर के बीच कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए झारखंड में प्राथमिक स्कूल को रिओपन किया जाएगा. लेकिन एक बार फिर कोरना महामारी के तीसरे लहर की आशंका को देखते हुए इस दिशा में राज्य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. जबकि लगातार निजी स्कूलों के अलावे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ओर से भी प्राथमिक स्कूलों को भी खोलने की मांग की जा रही है. राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी जल्द से जल्द प्राथमिक सरकारी स्कूलों को खोलने के पक्ष में हैं.

देखें पूरी खबर
एक लंबे समय से प्रभावित है बच्चों का स्कूल

इनकी मानें तो एक लंबे समय से बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह बाधित है. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है. इससे अच्छा है कि एक योजनाबद्ध तरीके से धीरे-धीरे छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोल दिए जाए. प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों को रिओपन करने के लिए सरकार को अपनी योजना भी बताई है. साथ ही राज्य के प्राथमिक स्कूलों को व्यवस्थित करने की बात भी इन शिक्षकों ने कही है. शिक्षकों की माने तो स्कूल तैयार है. शिक्षक रोजाना समय पर स्कूल भी पहुंचते हैं. अगर बच्चे स्कूल आएंगे तो उन्हें एक प्रोटोकॉल के तहत पठन-पाठन का लाभ दिया जा सकता है.

रांची: कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अब तक झारखंड में प्राथमिक स्कूल को खोलने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. हालांकि राज्य के सरकारी स्कूलों के प्राथमिक शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द राज्य के प्राथमिक स्कूलों को भी खोल देना चाहिए. ताकि बच्चों का भविष्य खराब ना हो. कई शिक्षकों ने सरकार को स्कूल खोलने के लिए अपनी-अपनी राय भी दी है.

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एक लंबे समय से कक्षा केजी से लेकर पांचवी तक के बच्चों का स्कूल पूरी तरह बंद है. ऑनलाइन क्लासेज के जरिए छोटे बच्चों को भी पढ़ाया जा रहा है. लेकिन ऑनलाइन क्लासेस का लाभ इन छोटे बच्चों को बिल्कुल नहीं मिल पा रहा है. उल्टा ज्यादा देर तक मोबाइल का उपयोग करने पर इनकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. नवंबर और दिसंबर के बीच कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए झारखंड में प्राथमिक स्कूल को रिओपन किया जाएगा. लेकिन एक बार फिर कोरना महामारी के तीसरे लहर की आशंका को देखते हुए इस दिशा में राज्य सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. जबकि लगातार निजी स्कूलों के अलावे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ओर से भी प्राथमिक स्कूलों को भी खोलने की मांग की जा रही है. राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी जल्द से जल्द प्राथमिक सरकारी स्कूलों को खोलने के पक्ष में हैं.

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एक लंबे समय से प्रभावित है बच्चों का स्कूल

इनकी मानें तो एक लंबे समय से बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह बाधित है. सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है. इससे अच्छा है कि एक योजनाबद्ध तरीके से धीरे-धीरे छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोल दिए जाए. प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों को रिओपन करने के लिए सरकार को अपनी योजना भी बताई है. साथ ही राज्य के प्राथमिक स्कूलों को व्यवस्थित करने की बात भी इन शिक्षकों ने कही है. शिक्षकों की माने तो स्कूल तैयार है. शिक्षक रोजाना समय पर स्कूल भी पहुंचते हैं. अगर बच्चे स्कूल आएंगे तो उन्हें एक प्रोटोकॉल के तहत पठन-पाठन का लाभ दिया जा सकता है.

Last Updated : Dec 20, 2021, 9:21 PM IST
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