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अगस्त में आंदोलन के लिए पारा शिक्षकों ने बनाई रणनीति, सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा - जल्द होगा समस्याओं का समाधान

स्थायीकरण और नियमावली की मांग को लेकर एक बार फिर पारा शिक्षक (Para Teachers) आंदोलन के मूड में है. इसके लिए रणनीति भी तैयार कर ली गई है. अगस्त में पारा शिक्षक सरकार के खिलाफ जोरदार आंदोलन करेंगे. वहीं इस मामले को लेकर जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा है कि पारा शिक्षकों की परेशानियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है, शिक्षकों का लोकतांत्रिक अधिकार है, वह आंदोलन कर सकते हैं.

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शिक्षकों का आंदोलन
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Published : Jul 27, 2021, 3:37 PM IST

रांची: झारखंड में पार पारा शिक्षक (Para Teachers) अपनी मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगस्त में आंदोलन एक बार फिर तेज होगा. वहीं इस मामले को लेकर जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा है कि पारा शिक्षकों की परेशानियों को दूर करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.

इसे भी पढ़ें: आर-पार के मूड में पारा शिक्षक, अगस्त में फिर फूकेंगे आंदोलन का बिगुल



65 हजार पारा शिक्षक आंदोलन के लिए बना रहे रणनीति

राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन करने के लिए लगातार बैठक कर रहे हैं. अगस्त में पारा शिक्षकों ने आंदोलन करने के लिए एक रणनीति भी तैयार की है. पिछले कई सालों से पारा शिक्षक स्थायीकरण नियमावली और वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलित हैं, लेकिन उनकी मांगों की ओर सरकार का ध्यान नहीं है. पारा शिक्षकों का राज्य सरकार पर आरोप है कि सत्ता में आने से पहले हेमंत सरकार ने शिक्षकों को स्थायीकरण करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की जा रही है.

देखें पूरी खबर


राज्य सरकार दे रही आश्वासन

पारा शिक्षकों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के साथ-साथ शिक्षा विभाग और मुख्य सचिव से भी लगातार बातचीत हुई, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल होता नहीं दिख रहा है, जिसके कारण आक्रोशित पारा शिक्षकों ने एक बार फिर अगस्त में जोरदार आंदोलन करने का फैसला लिया है. पारा शिक्षकों का कहना है कि आंदोलन के दौरान जो भी परेशानी और समस्या आएगी, उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

इसे भी पढ़ें: सरकार गिराने की साजिश मामले में रडार पर जेएमएम के 6 विधायक, पार्टी की ओर से रखी जा रही नजर



अधिकार के लिए लड़ाई लड़ना जरूरी

पारा शिक्षकों का कहना है कि बार-बार अपने अधिकार और मांग के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है, लेकिन जो भी सरकार सत्ता में बैठती है, उन सरकारों की ओर से पारा शिक्षकों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है, राजनीतिक रोटी सेकने के लिए पारा शिक्षकों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन अब पारा शिक्षक किसी भी हाल में अपनी मांगों को मनवा कर रहेगा, इसके लिए सड़कों पर आंदोलन क्यों नहीं करना पड़े.



आंदोलन करना पारा शिक्षकों का लोकतांत्रिक अधिकार: सुप्रियो भट्टाचार्य

वहीं पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है, आने वाले समय में आशा है उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा. आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों का लोकतांत्रिक अधिकार है, वह आंदोलन कर सकते हैं.

रांची: झारखंड में पार पारा शिक्षक (Para Teachers) अपनी मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. पारा शिक्षकों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगस्त में आंदोलन एक बार फिर तेज होगा. वहीं इस मामले को लेकर जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा है कि पारा शिक्षकों की परेशानियों को दूर करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है.

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65 हजार पारा शिक्षक आंदोलन के लिए बना रहे रणनीति

राज्य के 65 हजार पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन करने के लिए लगातार बैठक कर रहे हैं. अगस्त में पारा शिक्षकों ने आंदोलन करने के लिए एक रणनीति भी तैयार की है. पिछले कई सालों से पारा शिक्षक स्थायीकरण नियमावली और वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलित हैं, लेकिन उनकी मांगों की ओर सरकार का ध्यान नहीं है. पारा शिक्षकों का राज्य सरकार पर आरोप है कि सत्ता में आने से पहले हेमंत सरकार ने शिक्षकों को स्थायीकरण करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की जा रही है.

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राज्य सरकार दे रही आश्वासन

पारा शिक्षकों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के साथ-साथ शिक्षा विभाग और मुख्य सचिव से भी लगातार बातचीत हुई, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल होता नहीं दिख रहा है, जिसके कारण आक्रोशित पारा शिक्षकों ने एक बार फिर अगस्त में जोरदार आंदोलन करने का फैसला लिया है. पारा शिक्षकों का कहना है कि आंदोलन के दौरान जो भी परेशानी और समस्या आएगी, उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

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अधिकार के लिए लड़ाई लड़ना जरूरी

पारा शिक्षकों का कहना है कि बार-बार अपने अधिकार और मांग के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है, लेकिन जो भी सरकार सत्ता में बैठती है, उन सरकारों की ओर से पारा शिक्षकों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है, राजनीतिक रोटी सेकने के लिए पारा शिक्षकों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन अब पारा शिक्षक किसी भी हाल में अपनी मांगों को मनवा कर रहेगा, इसके लिए सड़कों पर आंदोलन क्यों नहीं करना पड़े.



आंदोलन करना पारा शिक्षकों का लोकतांत्रिक अधिकार: सुप्रियो भट्टाचार्य

वहीं पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब जेएमएम के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है, आने वाले समय में आशा है उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा. आंदोलन के सवाल पर उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों का लोकतांत्रिक अधिकार है, वह आंदोलन कर सकते हैं.

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