रांची: आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार के पीआरडी डिपार्टमेंट ने पत्रकारों के रिसर्च को लेकर एक आवेदन मांगा है. सरकार के इस आवेदन पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी ने साफ कहा है कि यह एक तरह से पत्रकारों को पैसे देकर खरीदने का मामला है. इस बाबत झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को प्रेस कॉन्फेंस आयोजित कर कहा कि इस मामले को गौर से देखें तो साफ दिखता है कि पत्रकारों को सम्मान राशि के रूप में 5,000 रुपये और रिपोर्ट छपवाने के लिए प्रकाशन और विनिमय के मद में 15,000 रुपये देने की बात कही गई है.
पेड न्यूज के संबंध में है स्पष्ट गाइडलाइन
सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि राज्य में आगामी 2 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में इस तरह के लेख मंगाने का औचित्य नहीं समझ आता. भट्टाचार्य ने साफ तौर पर कहा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2009 के आम चुनाव के पहले पेड न्यूज के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी किया था. उस गाइडलाइन के अनुसार इस तरह का आलेख भी उसी श्रेणी में आता है.
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प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखा है पत्र
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस बाबत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखा गया है साथ ही उनसे राज्य सरकार और मीडिया घराने में हस्तक्षेप करने की भी अपील की गई है. उन्होंने कहा कि पत्रकार संसदीय लोकतंत्र में चौथे खंभे होते हैं, इसलिए उसकी गरिमा बनाए रखना बहुत जरूरी है.
झामुमो छोड़ कहीं नहीं जाएंगे षाड़ंगी
एक सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो के विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं. पहले भी पश्चिमी सिंहभूम के विधायकों के पाला बदलने की बात आ रही थी लेकिन सभी विधायको ने खुद उपस्थित होकर साफ कर दिया कि वह झामुमो में है. उन्होंने कहा उसी तरह बहरगोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी को लेकर भी अफवाहें उड़ाई जा रही है लेकिन इसमें कोई तथ्य नहीं है. षाड़ंगी अपने पिता की बीमारी को लेकर व्यस्त हैं. यही वजह है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते लोग उनके बारे में इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं. इसके साथ ही बहरागोड़ा में बीजेपी हतोत्साहित हैं, वहां बीजेपी का 3-4 खेमा बना हुआ है और वे झामुमो में दरार की बात कह कर हमारा मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.