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खबर प्रकाशन के मद में रघुवर सरकार देगी 15,000 रुपए, JMM ने सरकार पर लगाया पत्रकारों को खरीदने का आरोप

झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्य सरकार के पीआरडी डिपार्टमेंट के पत्रकारों के रिसर्च को लेकर मांगे गए आवेदन पर आपत्ति जताई है. वहीं साफ किया है कि बहरगोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी झामुमो छोड़ कहीं नहीं जाने वाले हैं.

सुप्रियो भट्टाचार्य
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Published : Sep 21, 2019, 8:08 PM IST

रांची: आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार के पीआरडी डिपार्टमेंट ने पत्रकारों के रिसर्च को लेकर एक आवेदन मांगा है. सरकार के इस आवेदन पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी ने साफ कहा है कि यह एक तरह से पत्रकारों को पैसे देकर खरीदने का मामला है. इस बाबत झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को प्रेस कॉन्फेंस आयोजित कर कहा कि इस मामले को गौर से देखें तो साफ दिखता है कि पत्रकारों को सम्मान राशि के रूप में 5,000 रुपये और रिपोर्ट छपवाने के लिए प्रकाशन और विनिमय के मद में 15,000 रुपये देने की बात कही गई है.

देखें पूरी खबर

पेड न्यूज के संबंध में है स्पष्ट गाइडलाइन
सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि राज्य में आगामी 2 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में इस तरह के लेख मंगाने का औचित्य नहीं समझ आता. भट्टाचार्य ने साफ तौर पर कहा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2009 के आम चुनाव के पहले पेड न्यूज के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी किया था. उस गाइडलाइन के अनुसार इस तरह का आलेख भी उसी श्रेणी में आता है.

यह भी पढ़ें- पाकुड़: जोहार जन आशीर्वाद यात्रा का दूसरा दिन, सीएम ने जेएमएम पर साधा निशाना

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखा है पत्र
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस बाबत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखा गया है साथ ही उनसे राज्य सरकार और मीडिया घराने में हस्तक्षेप करने की भी अपील की गई है. उन्होंने कहा कि पत्रकार संसदीय लोकतंत्र में चौथे खंभे होते हैं, इसलिए उसकी गरिमा बनाए रखना बहुत जरूरी है.

झामुमो छोड़ कहीं नहीं जाएंगे षाड़ंगी
एक सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो के विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं. पहले भी पश्चिमी सिंहभूम के विधायकों के पाला बदलने की बात आ रही थी लेकिन सभी विधायको ने खुद उपस्थित होकर साफ कर दिया कि वह झामुमो में है. उन्होंने कहा उसी तरह बहरगोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी को लेकर भी अफवाहें उड़ाई जा रही है लेकिन इसमें कोई तथ्य नहीं है. षाड़ंगी अपने पिता की बीमारी को लेकर व्यस्त हैं. यही वजह है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते लोग उनके बारे में इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं. इसके साथ ही बहरागोड़ा में बीजेपी हतोत्साहित हैं, वहां बीजेपी का 3-4 खेमा बना हुआ है और वे झामुमो में दरार की बात कह कर हमारा मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

रांची: आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार के पीआरडी डिपार्टमेंट ने पत्रकारों के रिसर्च को लेकर एक आवेदन मांगा है. सरकार के इस आवेदन पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कड़ी आपत्ति जताई है. पार्टी ने साफ कहा है कि यह एक तरह से पत्रकारों को पैसे देकर खरीदने का मामला है. इस बाबत झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को प्रेस कॉन्फेंस आयोजित कर कहा कि इस मामले को गौर से देखें तो साफ दिखता है कि पत्रकारों को सम्मान राशि के रूप में 5,000 रुपये और रिपोर्ट छपवाने के लिए प्रकाशन और विनिमय के मद में 15,000 रुपये देने की बात कही गई है.

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पेड न्यूज के संबंध में है स्पष्ट गाइडलाइन
सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि राज्य में आगामी 2 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में इस तरह के लेख मंगाने का औचित्य नहीं समझ आता. भट्टाचार्य ने साफ तौर पर कहा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2009 के आम चुनाव के पहले पेड न्यूज के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी किया था. उस गाइडलाइन के अनुसार इस तरह का आलेख भी उसी श्रेणी में आता है.

यह भी पढ़ें- पाकुड़: जोहार जन आशीर्वाद यात्रा का दूसरा दिन, सीएम ने जेएमएम पर साधा निशाना

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखा है पत्र
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इस बाबत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखा गया है साथ ही उनसे राज्य सरकार और मीडिया घराने में हस्तक्षेप करने की भी अपील की गई है. उन्होंने कहा कि पत्रकार संसदीय लोकतंत्र में चौथे खंभे होते हैं, इसलिए उसकी गरिमा बनाए रखना बहुत जरूरी है.

झामुमो छोड़ कहीं नहीं जाएंगे षाड़ंगी
एक सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो के विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं. पहले भी पश्चिमी सिंहभूम के विधायकों के पाला बदलने की बात आ रही थी लेकिन सभी विधायको ने खुद उपस्थित होकर साफ कर दिया कि वह झामुमो में है. उन्होंने कहा उसी तरह बहरगोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी को लेकर भी अफवाहें उड़ाई जा रही है लेकिन इसमें कोई तथ्य नहीं है. षाड़ंगी अपने पिता की बीमारी को लेकर व्यस्त हैं. यही वजह है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते लोग उनके बारे में इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं. इसके साथ ही बहरागोड़ा में बीजेपी हतोत्साहित हैं, वहां बीजेपी का 3-4 खेमा बना हुआ है और वे झामुमो में दरार की बात कह कर हमारा मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

Intro:बाइट सुप्रियो भट्टाचार्य केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता झामुमो

रांची। प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्य सरकार के पीआरडी डिपार्टमेंट के द्वारा पत्रकारों के रिसर्च को लेकर मांगे गए आवेदन पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने साफ कहा कि यह एक तरह से पत्रकारों का ब्राईबिंग का मामला बनता है। झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि इस मामले को गौर से देखें तो साफ दिखता है कि कि पत्रकारों को सम्मान राशि के रूप में 5000 रुपये और रिपोर्ट छपवाने के लिए प्रकाशन और विनिमय के मद में 15000 रुपये देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि राज्य में आगामी 2 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में इस तरह के लेख मंगाने का क्या औचित्य है।


Body:भट्टाचार्य ने साफ तौर पर कहा कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 2009 के आम चुनाव के पहले पेड न्यूज़ के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी किया था। ऐसे में इस तरह का आलेख भी उसी श्रेणी में आता है। भट्टाचार्य ने कहा कि इस बाबत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखा गया है। साथ ही उनसे राज्य सरकार और मीडिया हाउसेस के लोगों के बीच हस्तक्षेप करने की भी दरख्वास्त की गई है। उन्होंने कहा कि पत्रकार संसदीय लोकतंत्र में चौथे खंभे होते हैं। ऐसे में उसकी गरिमा उन्हें बनाए रखने चाहिए।
एक सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो के विधायक पूरी तरह से एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि बहरागोड़ा में बीजेपी हतोत्साहित है। ऐसे में वहां बीजेपी का 3-4 खेमा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे पहले पश्चिमी सिंहभूम के विधायकों के पाला बदलने की बात आ रही थी लेकिन सभी विधायको ने खुद उपस्थित होकर साफ कर दिया कि वह झामुमो में है। उन्होंने कहा उसी तरह बहरगोड़ा के विधायक कुणाल सारंगी को लेकर भी अफवाहें उड़ाई जा रहे हैं जिनमें कोई तथ्य नहीं है।


Conclusion:भट्टाचार्य ने कहा कि सारंगी अपने पिता की बीमारी को लेकर के व्यस्त है यही वजह है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते लोग उनके बारे में इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं दरअसल पिछले कुछ हफ्तों से कोल्हान के कुछ विधायकों के झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं जोरों पर हैं उनमें बहरागोड़ा के विधायक कुणाल सारंगी का नाम भी चर्चा में है
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