नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने राशन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराने पर करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द होने के मामले को गंभीर मामला बताया है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ- साथ राज्य सरकारों से जवाब मांगा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मामले को विरोध के तौर पर नहीं देखना चाहिए, क्योंकि यह मामला बेहद गंभीर है.
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कोर्ट ने दिया चार सप्ताह का समय
आधार कार्ड के मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले पर सुनवाई करेगी. वहीं कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने बताया कि मामले में नोटिस पहले भी जारी की गई थी, जिसके जवाब को सुरक्षित रखा गया है.
झारखंड में 11 साल की बच्ची की मौत
इस मामले में वकील गोंजाल्विस का कहना है कि नोटिस वैकल्पिक शिकायत को खत्म करने के लिए जारी की गई थी. यह मामला मुख्य रूप से तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द होने और भूख से हुई मौत से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट में भूख से हुई मौत को लेकर याचिका दायर हुई. जिसमें संयुक्त याचिकाकर्ता में झारखंड में भूख से जान गवाने वाली 11 साल की बच्ची संतोषी की बहन गुड़िया देवी भी शामिल हैं. याचिका में कहा गया है कि आधार कार्ड से राशन कार्ड लिंक न होने की वजह से उनका राशन कार्ड रद्द कर दिया गया था. इस वजह से उन्हें मार्च 2017 से ही राशन मिलना बंद हो गया था. जिसकी वजह से भोजन न मिल पाने से संतोषी की भूख से मौत हो गई थी.
भूख से सिमडेगा में मौत
बता दें कि सिमडेगा में 28 सिंतबर 2017 में 11 साल की बच्ची संतोषी कुमारी की मौत का मामला सुर्खियों में रहा था. संतोषी के परिवार को पांच महीनों से राशन नहीं मिला था, क्योंकि आधार कार्ड से राशन कार्ड नहीं जुड़ा होने के कारण उसे रद्द कर दिया गया था.