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झालसा ने बनाया रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया में दर्ज कराया नाम

झारखंड में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया. लोक अदालत संपन्न होने के बाद झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी के एक्सक्यूटिव चेयरमैन न्यायाधीश हरिश चंद्र मिश्रा ने बताया कि झालसा ने दो रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसमें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में नाम दर्ज किया गया है.

Successful organization of National Lok Adalat in Jharkhand
झालसा ने बनाया रिकॉर्ड
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Published : Dec 12, 2020, 11:04 PM IST

रांची: नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के आदेश और झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी के सौजन्य से राज्य में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया. लोक अदालत संपन्न होने के बाद झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी के एक्सक्यूटिव चेयरमैन न्यायाधीश हरिश चंद्र मिश्रा ने बताया कि झालसा ने दो रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसमें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में नाम दर्ज किया गया है.

देखें पूरी खबर

झालसा के नाम रिकॉर्ड दायर

हरिश चंद्र मिश्रा ने बताया कि लोक अदालत वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया. इसके बावजूद भी इस लोक अदालत ने पिछले सभी लोक अदालतों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और उससे आगे निकल चुके है. उन्होंने बताया कि पिछली बार जो लोक अदालत हुआ था और संविधान दिवस के अवसर पर लगाया गया था, उन दोनों अदालतों ने जो 1 दिन में केस के निपटारे, पैसे का वितरण और अनुकंपा के आधार पर जो नौकरी देनी है, उसके विवाद को निपटाते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र दी गई थी. उसी आधार पर झालसा के नाम से यह रिकॉर्ड दायर किया गया.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मिला स्थान

झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी के एक्सक्यूटिव चेयरमैन न्यायाधीश हरिश चंद्र मिश्रा ने झालसा के टीम के साथ अन्य को भी इसमें सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया है, साथ ही उन्होंने झालसा के कार्य के लिए जो उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान मिला है, उसके जो सर्टिफिकेट दिए गए हैं, उसमें रिकॉर्ड बनाने के लिए उसे भी दिखाया है. इसके अलावा वर्ल्ड बुक में जो नामित हुए हैं, 1 दिन में सर्वाधिक मामले निपटाने के लिए उसके सर्टिफिकेट को भी प्रेस के समक्ष दिखाया गया और इस पर खुशी जताई.

लोक अदालत में 35,133 मामलों का निपटारा

राज्य के सभी अदालत सहित झारखंड हाई कोर्ट में लोक अदालत का आयोजन भी किया गया. इसमें 35,133 मामले निपटाए गए और लोगों के बीच 1398.20 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया. लोक अदालत में सर्विस मैटर को सूचीबद्ध किया गया था. इसमें प्रमोशन, वेतन और अन्य बकाया और अन्य मामलों का निपटारा किया गया. कई मामलों को कोर्ट पहुंचने के पहले ही सुलझा दिया गया. लोक अदालत में विभिन्न कंपनियों की ओर से 497 लोगों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गयी.

रांची: नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के आदेश और झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी के सौजन्य से राज्य में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया. लोक अदालत संपन्न होने के बाद झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी के एक्सक्यूटिव चेयरमैन न्यायाधीश हरिश चंद्र मिश्रा ने बताया कि झालसा ने दो रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसमें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया में नाम दर्ज किया गया है.

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झालसा के नाम रिकॉर्ड दायर

हरिश चंद्र मिश्रा ने बताया कि लोक अदालत वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया. इसके बावजूद भी इस लोक अदालत ने पिछले सभी लोक अदालतों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और उससे आगे निकल चुके है. उन्होंने बताया कि पिछली बार जो लोक अदालत हुआ था और संविधान दिवस के अवसर पर लगाया गया था, उन दोनों अदालतों ने जो 1 दिन में केस के निपटारे, पैसे का वितरण और अनुकंपा के आधार पर जो नौकरी देनी है, उसके विवाद को निपटाते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र दी गई थी. उसी आधार पर झालसा के नाम से यह रिकॉर्ड दायर किया गया.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मिला स्थान

झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी के एक्सक्यूटिव चेयरमैन न्यायाधीश हरिश चंद्र मिश्रा ने झालसा के टीम के साथ अन्य को भी इसमें सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया है, साथ ही उन्होंने झालसा के कार्य के लिए जो उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान मिला है, उसके जो सर्टिफिकेट दिए गए हैं, उसमें रिकॉर्ड बनाने के लिए उसे भी दिखाया है. इसके अलावा वर्ल्ड बुक में जो नामित हुए हैं, 1 दिन में सर्वाधिक मामले निपटाने के लिए उसके सर्टिफिकेट को भी प्रेस के समक्ष दिखाया गया और इस पर खुशी जताई.

लोक अदालत में 35,133 मामलों का निपटारा

राज्य के सभी अदालत सहित झारखंड हाई कोर्ट में लोक अदालत का आयोजन भी किया गया. इसमें 35,133 मामले निपटाए गए और लोगों के बीच 1398.20 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया. लोक अदालत में सर्विस मैटर को सूचीबद्ध किया गया था. इसमें प्रमोशन, वेतन और अन्य बकाया और अन्य मामलों का निपटारा किया गया. कई मामलों को कोर्ट पहुंचने के पहले ही सुलझा दिया गया. लोक अदालत में विभिन्न कंपनियों की ओर से 497 लोगों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी गयी.

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