रांची: जेईई और नीट परीक्षा को लेकर कांग्रेस ने देशव्यापी अभियान चलाया है. इसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने शुक्रवार को कहा है कि पूरे देश में छात्रों के भविष्य को लेकर सघन बहस चल रही है, उसके पीछे उद्देश्य सिर्फ यही है कि छात्रों को कैसे इस कोरोना काल में बचा कर रखा जाए, जिससे उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे प्रेस्टीज इशू बना लिया है.
सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जेईई और नीट के सवाल पर केंद्र सरकार हर एक सवालों की तरह अपनी प्रेस्टीज इशू बनाए हुए है, अगर शिक्षा मंत्री ने जितनी बातें कही हैं, वह आम वक्त में कहा होता तो बात समझ में सिन्सियरिटी की आती, लेकिन वर्तमान में प्रत्येक दिन लगभग एक लाख कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं, वैसी हालत में 30 से 40 लाख छात्र पूरे राज्य में इधर से उधर जाएंगे, तो उनके भविष्य और उनके स्वास्थ्य का क्या होगा, इसकी गारंटी कौन लेगा, इसीलिए सोनिया गांधी ने पहल करते हुए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार को अहमियत बताने की कोशिश की है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार थोड़ा ऊंचा सुनती है, इसलिए सभी मिलकर के बात कहें कि शिक्षा का सवाल महत्वपूर्ण है, लेकिन इस कोरोना काल मे बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन का सवाल उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे प्रेस्टीज इशू न बनाते हुए इसे न्याय उचित फैसला की घोषणा केंद्र सरकार करे, सभी मिलकर अपनी बात कहें ताकि इन्हें सही तौर पर सुनाई दे सके.
जेईई और नीट परीक्षा को प्रेस्टीज इशू न बनाए केंद्र सरकार, लें न्याय संगत फैसला: सुबोधकांत सहाय
कांग्रेस पार्टी जेईई और नीट परीक्षा को लेकर देशव्यापी अभियान चला रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि पूरे देश में छात्रों के भविष्य को लेकर सघन बहस चल रही है, उसके पीछे उद्देश्य सिर्फ यही है कि छात्रों को कैसे इस कोरोना काल में बचा कर रखा जाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार थोड़ा ऊंचा सुनती है, इसलिए सभी मिलकर बात कहें कि शिक्षा का सवाल महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे प्रेस्टीज इशू न बनाते हुए उचित फैसला लें.
रांची: जेईई और नीट परीक्षा को लेकर कांग्रेस ने देशव्यापी अभियान चलाया है. इसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने शुक्रवार को कहा है कि पूरे देश में छात्रों के भविष्य को लेकर सघन बहस चल रही है, उसके पीछे उद्देश्य सिर्फ यही है कि छात्रों को कैसे इस कोरोना काल में बचा कर रखा जाए, जिससे उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे प्रेस्टीज इशू बना लिया है.
सुबोधकांत सहाय ने कहा कि जेईई और नीट के सवाल पर केंद्र सरकार हर एक सवालों की तरह अपनी प्रेस्टीज इशू बनाए हुए है, अगर शिक्षा मंत्री ने जितनी बातें कही हैं, वह आम वक्त में कहा होता तो बात समझ में सिन्सियरिटी की आती, लेकिन वर्तमान में प्रत्येक दिन लगभग एक लाख कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं, वैसी हालत में 30 से 40 लाख छात्र पूरे राज्य में इधर से उधर जाएंगे, तो उनके भविष्य और उनके स्वास्थ्य का क्या होगा, इसकी गारंटी कौन लेगा, इसीलिए सोनिया गांधी ने पहल करते हुए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार को अहमियत बताने की कोशिश की है.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार थोड़ा ऊंचा सुनती है, इसलिए सभी मिलकर के बात कहें कि शिक्षा का सवाल महत्वपूर्ण है, लेकिन इस कोरोना काल मे बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन का सवाल उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसलिए इसे प्रेस्टीज इशू न बनाते हुए इसे न्याय उचित फैसला की घोषणा केंद्र सरकार करे, सभी मिलकर अपनी बात कहें ताकि इन्हें सही तौर पर सुनाई दे सके.