रांची: रांची विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई के लिए गुरुवार को भारत सरकार के दो उपक्रमों के साथ एमओयू किया गया. एमएसटीसी और बीएसएनएल के बीच करार हुआ है. इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा.
विद्यार्थियों को बेहतर और उच्च शिक्षा मिले इस दिशा में रांची विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी ने फिजिक्स एमसीए डिपार्टमेंट के अंतर्गत कोर्स संचालन के लिए बीएसएनएल और एमएसटीसी के साथ एक करार किया है. इस एमओयू के होने के बाद बीएसएनएल को साइबर सिक्योरिटी कोर्स डिजाइन करने की जिम्मेदारी मिली है. इसके बाद नो प्रॉफिट नो लॉस की नीति पर पढ़ाई भी होगी. समय की मांग और कॉरपोरेट जगत की डिमांड को देखते हुए साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
वहीं, एमएसटीसी के साथ करार के बाद रांची विश्वविद्यालय स्क्रैप हटाने की पॉलिसी में सुधार आएगी. यूनिवर्सिटी में काफी स्क्रैप बर्बाद हो जाता है. जिसका मूल्य नहीं मिल पाता है. रखरखाव के अभाव में ऐसे स्क्रैप हैं, जो ऊंचे दामों में बिकती हैं. एमएसटीसी के साथ करार होने के बाद स्क्रैप की जिम्मेदारी इसी कंपनी की होगी. रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रजिस्ट्रार की उपस्थिति में इन दोनों कंपनियों के पदाधिकारियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है.
रांची विश्वविद्यालय में शुरू होगी साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई, बीएसएनएल के साथ करार
अब रांची विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई भी होगी. इसके लिए आयू ने भारत सरकार के दो उपक्रमों के साथ एमओयू किया है.
रांची: रांची विश्वविद्यालय में साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई के लिए गुरुवार को भारत सरकार के दो उपक्रमों के साथ एमओयू किया गया. एमएसटीसी और बीएसएनएल के बीच करार हुआ है. इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलेगा.
विद्यार्थियों को बेहतर और उच्च शिक्षा मिले इस दिशा में रांची विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी ने फिजिक्स एमसीए डिपार्टमेंट के अंतर्गत कोर्स संचालन के लिए बीएसएनएल और एमएसटीसी के साथ एक करार किया है. इस एमओयू के होने के बाद बीएसएनएल को साइबर सिक्योरिटी कोर्स डिजाइन करने की जिम्मेदारी मिली है. इसके बाद नो प्रॉफिट नो लॉस की नीति पर पढ़ाई भी होगी. समय की मांग और कॉरपोरेट जगत की डिमांड को देखते हुए साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
वहीं, एमएसटीसी के साथ करार के बाद रांची विश्वविद्यालय स्क्रैप हटाने की पॉलिसी में सुधार आएगी. यूनिवर्सिटी में काफी स्क्रैप बर्बाद हो जाता है. जिसका मूल्य नहीं मिल पाता है. रखरखाव के अभाव में ऐसे स्क्रैप हैं, जो ऊंचे दामों में बिकती हैं. एमएसटीसी के साथ करार होने के बाद स्क्रैप की जिम्मेदारी इसी कंपनी की होगी. रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रजिस्ट्रार की उपस्थिति में इन दोनों कंपनियों के पदाधिकारियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है.