रांची: झारखंड में स्कूलों के खुलने के बावजूद बच्चों को पका हुआ मिड डे मील स्कूल परिसर में फिलहाल नहीं मिलेगा. कोरोना महामारी के दौरान जो व्यवस्था लागू थी उसी व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों के घर-घर तक मध्यान्ह भोजन का चावल और कुकिंग कॉस्ट की राशि लाभुकों के अकाउंट में सीधे ट्रांसफर कराया जाएगा. एक बार फिर इसे लेकर एक निर्देश जारी हुआ है.
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कोरोना वायरस के मद्देनजर राज्यभर के स्कूलों में मिड डे मील नहीं बन रहा था. बच्चों के घर-घर मिड डे मील से जुड़े खाद्यान्न पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी. इसके अलावे उनके बैंक खाते में कुकिंग कॉस्ट की राशि भेजी जा रही थी. हालांकि यह व्यवस्था पूरी तरह सफल नहीं हो पाया था. इसके बावजूद छठी से आठवीं कक्षा तक के लिए स्कूल खुलने के बाद भी झारखंड में बच्चों को मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ मध्यान भोजन स्कूलों में फिलहाल नहीं दिया जाएगा.
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने अगले आदेश तक के लिए मिड डे मील स्कूल परिसर में पकाकर बच्चों को परोसने पर रोक लगाया है. इस संबंध में तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला उपायुक्तों को एक निर्देश दिया गया है. यह आदेश सभी सरकारी और गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक सहित राज्य के तमाम स्कूलों पर लागू होगा. जहां मध्यान भोजन की व्यवस्था रहती है. विभाग से मांगा गया था निर्देश.
ऑनलॉक के तहत राज्य सरकार के निर्देश के बाद 24 सितंबर से कक्षा 6 से 8 तक के लिए स्कूल खोला गया है. वहीं कक्षा 9 से 12 तक के लिए स्कूल पहले से ही खुल रहे हैं. कई जिला शिक्षा पदाधिकारियों, अधीक्षकों के साथ-साथ स्कूल प्रबंधकों की ओर से मिड डे मील योजना के तहत दोपहर का पका हुआ भोजन देने को लेकर विभाग से निर्देश मांगा गया था और इसी निर्देश के तहत विभागीय स्तर पर फिलहाल इस योजना पर रोक लगाया गया है और इसके विकल्प के तौर पर बच्चों के घर-घर तक मध्यान भोजन से जुड़ी खाद्यान्न पहुंचाने की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात भी कही गई है.
व्यवस्था नहीं है सफल
हालांकि, मध्यान भोजन प्राधिकरण और शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे मिड डे मील को लेकर कोरोना वायरस के दौरान व्यवस्था पूरी तरह सफल नहीं हो पाया है. इस व्यवस्था से जुड़े लाभुकों को घर-घर मिड डे मील का खाद्यान्न नहीं मिल रहा है. अभिभावक संघ ने भी इस पर सवाल खड़ा किया है. लाभुक भी मामले को लेकर राज्य सरकार से इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने की गुहार लगा रहे हैं.