रांची: झारखंड में नियोजन नीति को लेकर छात्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों छात्रों के एक गुट के द्वारा झारखंड बंद बुलाए जाने के बाद एक बार फिर छात्र संगठनों ने 19 अप्रैल को झारखंड बंद बुलाया है. इससे पहले 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निर्णय लिया गया है. झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के देवेंद्र नाथ महतो ने मीडियाकर्मियों को कहा कि राज्य सरकार के 60/40 नियोजन नीति के खिलाफ तथा झारखंड में झारखंडियों को नौकरी की मांग को लेकर यूनियन पिछले 4 महीनों से आंदोलन कर रहा है.
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उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा आश्वासन बार-बार दिया जा रहा है लेकिन उसका पालन नहीं किया गया है. इस वजह से झारखंडी छात्र बाध्य होकर 17 अप्रैल से त्रिदिवसीय 72 घंटे का महाआंदोलन करने का निर्णय लिया है. 17 अप्रैल 2023 यानी सोमवार को सुबह 10 बजे झारखंड के सभी जिलों से छात्र मोराबादी मैदान में एकत्रित होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे. 18 अप्रैल को शाम 5 बजे राज्यभर के सभी प्रखंड और जिला मुख्यालयों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा तथा 19 अप्रैल को झारखंड बंद किया जाएगा. बंद के दौरान आकस्मिक मेडिकल सेवा को अलग रखा गया है.
झारखंड बंद को कई छात्र संगठनों का समर्थन मिलने का दावा: मोरहाबादी के ऑक्सीजन पार्क में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए छात्र नेताओं ने कहा कि झारखंड बंद का विभिन्न छात्र संगठनों ने समर्थन किया है. जिसमें आदिवासी छात्र संघ, आयसा छात्रसंघ, आदिवासी सेंगल अभियान, आदिवासी जन परिषद, आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के अलावा कई अन्य संगठन ने समर्थन किया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो, मनोज यादव, अमनदीप मुंडा, मनोज उड़ांव, योगेश भारती, अशोक नायक, सूरज मंडल के अलावा अन्य छात्र शामिल थे.
गौरतलब है कि 60-40 नियोजन नीति के खिलाफ छात्र पिछले कई महीनों से सोशल मीडिया के जरिए विरोध जता रहे थे. उसके बाद बजट सत्र के दौरान विधानसभा घेराव करने बड़ी संख्या में छात्र पहुंचे थे जिस दौरान लाठीचार्ज की घटना भी हुई. उसके बाद नाराज छात्रों ने सरकार पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए झारखंड बंद की घोषणा की थी लेकिन इस दौरान शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के असामयिक निधन की वजह से छात्रों का इस गुट ने आंदोलन को तत्काल स्थगित करते हुए 17 से 19 अप्रैल तक आंदोलन की घोषणा की थी.