रांची: झारखंड में नियोजन नीति को लेकर के उठा बवंडर फिलहाल शांत होता नहीं दिख रहा है. नियोजन नीति की मांग को लेकर के छात्र रांची में जुटे तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. और उसके बाद पूरे झारखंड में छात्रों का विरोध सड़क पर आ गया है. 60 40 नाय चलतो को लेकर के छात्रों ने सबसे पहले ट्विटर पर ट्रेंडिंग किया था. उसके बाद विधानसभा में यह मामला खूब उठा था. बीजेपी के लोग प्रिंटिंग टी-शर्ट पहन कर आए. सत्ता पक्ष के विरोध के बाद स्पीकर ने हस्तक्षेप किया और बीजेपी के प्रिंटेड टी-शर्ट से परहेज करने लगे.
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हालांकि विधानसभा में इस प्रिंटिंग टीशर्ट को लेकर के सदन की गरिमा पर बात आ गई तो बात हट गई, लेकिन छात्रों के भविष्य पर आई बात अभी भी जस की तस बनी हुई है. छात्रों ने साफ कर दिया है कि नियोजन को लेकर सरकार को नीतियां स्पष्ट करनी होगी और रोजगार के लिए भी सरकार को इंतजाम करना होगा. विपक्ष भी लगातार सरकार को आड़े हाथ ले रहा है और यह कह भी रहा है कि नियोजन को लेकर के हेमंत सरकार की नीतियां साफ है ही नहीं.
हेमंत सोरेन ने भले कह दिया 1932 था 1932 है और 1932 रहेगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सरकार खुद कहती है कि 2 साल कोरोनावायरस में गया, एक साल उसे समझने में बीत गया और बाकी जो समय बचा है वह नियोजन नीति को लेकर के कैसे बीत जाएगा सरकार के लोगों को पता ना चलगा. लेकिन जो सड़क पर हैं उनके लिए तो एक पल भी काटना मुश्किल हो रहा है और यही वजह है कि छात्र नियोजन नीति के मामले में आर-पार के मूड में हैं. लाठी खाने के बाद छात्रों का गुस्सा और चरम पर है कि नियोजन नीति बन नहीं पाई और अब नौकरी मांगने पर हेमंत सरकार लाठी दे रही है. देखने वाली बात यह होगी कि नियोजन नीति के पचड़े से बाहर निकल कर के हेमंत सरकार कब नौजवानों को रोजगार की सौगात देती है.