रांची: अपनी कई मांगों को लेकर झारखंड के मनरेगा कर्मी पिछले 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. दूसरी तरफ ग्रामीण विकास विभाग भी झुकने को तैयार नहीं है. हालांकि पिछले दिनों ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से एक पत्र जारी कर 48 घंटे के भीतर हड़ताली मनरेगाकर्मियों को काम पर वापस लौटने का अल्टीमेटम दिया था. तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है वहीं मनरेगा कर्मी लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं.
श्रम मंत्री से मिले हड़ताली
सोमवार को हड़ताली मनरेगा कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से मुलाकात की और पूरे मामले से अवगत कराया. प्रतिनिधिमंडल की तरफ से बताया गया कि श्रम मंत्री ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के तहत न्यूनतम मानदेय को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया है कि मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री से वह खुद मनरेगाकर्मियों की मांगों को लेकर बातचीत करेंगे.
मनरेगाकर्मी आक्रोशित
ईटीवी भारत से बातचीत में प्रतिनिधिमंडल में शामिल मनरेगाकर्मी सुमन गांगुली ने कहा कि पिछले दिनों हड़ताल तोड़ने पर करीब-करीब सहमति बन चुकी थी. इस बीच विभाग की तरफ से गबन का आरोप लगाकर झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडे का अनुबंध रद्द कर दिया गया. इसी वजह से मनरेगा कर्मी आक्रोशित हैं.
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प्रतिनिधिमंडल में ये लोग रहे शामिल
श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से अपनी मांगों को लेकर मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश संरक्षक वीरेंदर भोक्ता, प्रदेश प्रवक्ता सुमन प्रताप गांगुली, प्रदेश कोषाध्यक्ष-सह-रांची जिला अध्यक्ष संजय प्रमाणिक, जिला कोषाध्यक्ष मृत्युंजय महतो, बजरंग, कृष्णा उरांव, हीरालाल महतो, शिबू मुंडा, श्रवण शामिल रहे.