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1 जुलाई से देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, झारखंड में शुरू हुई सख्ती

देश भर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दी गई है. झारखंड में भी इस आदेश के तहत सख्ती बरती जा रही है. केंद्र के इस फैसले पर पर्यावरणविद, नगर निगम समेत कई ने अपनी राय रखी है.

Jharkhand regarding ban on single use plastic
Jharkhand regarding ban on single use plastic
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Published : Jun 27, 2022, 12:24 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 1:04 PM IST

रांची: पूरे देश में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसको लेकर झारखंड में भी सख्ती शुरू हो गई है. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Jharkhand State Pollution Control Board) की ओर से पिछले दिनों आदेश जारी करते हुए यह हिदायत दी गई है कि जिन लोगों को प्लास्टिक का उपयोग करते हुए देखा जाएगा उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के बाद राज्य नियंत्रण प्रदूषण बोर्ड ने नगर निगम की टीम और जिला प्रशासन के लोगों को निर्देश दिया है कि 1 जुलाई 2022 के बाद से प्लास्टिक से बने सामानों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाया जाए, जिसमें लोगों को जागरूक भी किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर दंड भी लगाए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें: सिंगल यूज प्लास्टिक 30 जून तक चरणबद्ध ढंग से बंद करने के लिए केंद्र ने राज्यों को लिखा पत्र

क्या कहते हैं पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी: झारखंड के परिपेक्ष्य में प्लास्टिक के उपयोग को लेकर राज्य के पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी बताते हैं कि झारखंड के लिए प्लास्टिक अभिशाप है. उन्होंने बताया कि आज की तारीख में लोग प्लास्टिक का उपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं. खासकर के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग प्लास्टिक का उपयोग करते हैं लेकिन, उपयोग किए प्लास्टिक का निष्पादन नहीं हो पा रहा है. जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के जमीनों की उर्वरक क्षमता दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक से सबसे बड़ी समस्या लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ती है क्योंकि प्लास्टिक को जलाने के बाद उससे निकलने वाला डाइऑक्सीन गैस (DIOXIN Gas) लोगों के शरीर को सीधा नुकसान पहुंचाता है. नीतीश प्रियदर्शी बताते हैं कि प्लास्टिक का उपयोग करने के बाद लोग जहां-तहां फेंक देते हैं जो धीरे-धीरे जमीन के अंदर चला जाता है, जिस कारण बारिश का पानी जमीन के नीचे नहीं जा पाता है जो आए दिन जल संकट बढ़ा रहा है. कई बार गाय भैंस जैसे मवेशी प्लास्टिक खा लेते हैं और वह प्लास्टिक आंत में फंसने के कारण उनकी मौत हो जाती है. इसलिए केंद्र सरकार का यह फैसला बिल्कुल सही है. इससे सिर्फ हमारा वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्य भी बेहतर होगा.

देखें पूरी खबर

व्यापारियों की समस्या पर चेंबर के पूर्व अध्यक्ष की चिंता: चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व शहर के बड़े व्यापारी पवन शर्मा बताते हैं कि सरकार का यह फैसला सही है लेकिन, उन्हें व्यापारियों की भी परेशानी को समझना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि पूरे झारखंड में करीब 100 करोड़ का व्यापार प्लास्टिक से जुड़ा हुआ है. आज भी कई ऐसे व्यापारी हैं जो प्लास्टिक का बड़े स्तर पर व्यापार कर रहे हैं. ऐसे में सरकार यदि प्लास्टिक के उत्पादों को बंद कर देती है तो व्यापारी के पास क्या वैकल्पिक व्यवस्था होगी.

नगर निगम पूरी तरह से तैयार: वहीं नगर निगम की वरिष्ठ अधिकारी किरण कुमारी बताती हैं कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद रांची नगर निगम ने भी पूरी तैयारी कर ली है. उन्होंने बताया कि यह बात सही है कि वर्तमान में प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है लेकिन, अब प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने के लिए टीम का गठन किया जाएगा और संबंधित कर्मचारियों व पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दिए जाएंगे कि प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाएं. चूंकि प्लास्टिक की वजह से ही राजधानी रांची में बारिश के समय वाटर लॉगिंग की समस्या होती है, फेंके हुए पॉलीथीन या प्लास्टिक नाली में फंस जाते हैं जो कई सालों तक नालियों को जाम रखते हैं. जिसके कारण थोड़ी सी बारिश से ही सड़क पर पानी भर जाता है. उन्होंने कहा कि यदि दिसंबर के बाद प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा तो 100 रूपये से लेकर 25 हजार तक का फाइन नगर निगम की तरफ से वसूला जाएगा.

व्यापारियों को 6 महीने का अतिरिक्त समय: नगर निगम की तरफ से 31 दिसंबर 2022 तक पूरी तरह से प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगा दी जाएगी. अभी से 6 महीने तक का समय दिया गया है ताकि प्लास्टिक से जुड़े व्यापार करने वाले लोग अपने लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें. बता दें कि राजधानी रांची में पहले से ही 75 माइक्रोन से नीचे के प्लास्टिक के सामानों के उपयोग पर रोक थी लेकिन, अब केंद्र सरकार के प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2021 के तहत संपर्क के बाद से प्लास्टिक के सभी उत्पादों पर पूरी तरह से बैन लगा दिए जाएंगे. नगर निगम के अधिकारियों ने राजधानी वासियों से अपील करते हुए कहा है कि दिसंबर के बाद कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक उत्पादों का आयात भंडारण विक्रय या उपयोग ना करें. गौरतलब है कि राजधानी रांची पूरे देश में अपने बेहतर वातावरण के लिए जानी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से बढ़ते प्रदूषण की वजह से यहां की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है. ऐसे में यदि प्लास्टिक उत्पादों पर रोक लगाई जाती है तो निश्चित रूप से आने वाले समय में रांची फिर से अपने पुराने रूप में दिख पाएगी.

रांची: पूरे देश में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. इसको लेकर झारखंड में भी सख्ती शुरू हो गई है. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Jharkhand State Pollution Control Board) की ओर से पिछले दिनों आदेश जारी करते हुए यह हिदायत दी गई है कि जिन लोगों को प्लास्टिक का उपयोग करते हुए देखा जाएगा उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के बाद राज्य नियंत्रण प्रदूषण बोर्ड ने नगर निगम की टीम और जिला प्रशासन के लोगों को निर्देश दिया है कि 1 जुलाई 2022 के बाद से प्लास्टिक से बने सामानों के उपयोग पर रोक लगाने के लिए अभियान चलाया जाए, जिसमें लोगों को जागरूक भी किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर दंड भी लगाए जाएंगे.

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क्या कहते हैं पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी: झारखंड के परिपेक्ष्य में प्लास्टिक के उपयोग को लेकर राज्य के पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी बताते हैं कि झारखंड के लिए प्लास्टिक अभिशाप है. उन्होंने बताया कि आज की तारीख में लोग प्लास्टिक का उपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं. खासकर के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग प्लास्टिक का उपयोग करते हैं लेकिन, उपयोग किए प्लास्टिक का निष्पादन नहीं हो पा रहा है. जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के जमीनों की उर्वरक क्षमता दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक से सबसे बड़ी समस्या लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ती है क्योंकि प्लास्टिक को जलाने के बाद उससे निकलने वाला डाइऑक्सीन गैस (DIOXIN Gas) लोगों के शरीर को सीधा नुकसान पहुंचाता है. नीतीश प्रियदर्शी बताते हैं कि प्लास्टिक का उपयोग करने के बाद लोग जहां-तहां फेंक देते हैं जो धीरे-धीरे जमीन के अंदर चला जाता है, जिस कारण बारिश का पानी जमीन के नीचे नहीं जा पाता है जो आए दिन जल संकट बढ़ा रहा है. कई बार गाय भैंस जैसे मवेशी प्लास्टिक खा लेते हैं और वह प्लास्टिक आंत में फंसने के कारण उनकी मौत हो जाती है. इसलिए केंद्र सरकार का यह फैसला बिल्कुल सही है. इससे सिर्फ हमारा वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्य भी बेहतर होगा.

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व्यापारियों की समस्या पर चेंबर के पूर्व अध्यक्ष की चिंता: चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व शहर के बड़े व्यापारी पवन शर्मा बताते हैं कि सरकार का यह फैसला सही है लेकिन, उन्हें व्यापारियों की भी परेशानी को समझना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि पूरे झारखंड में करीब 100 करोड़ का व्यापार प्लास्टिक से जुड़ा हुआ है. आज भी कई ऐसे व्यापारी हैं जो प्लास्टिक का बड़े स्तर पर व्यापार कर रहे हैं. ऐसे में सरकार यदि प्लास्टिक के उत्पादों को बंद कर देती है तो व्यापारी के पास क्या वैकल्पिक व्यवस्था होगी.

नगर निगम पूरी तरह से तैयार: वहीं नगर निगम की वरिष्ठ अधिकारी किरण कुमारी बताती हैं कि केंद्र सरकार के आदेश के बाद रांची नगर निगम ने भी पूरी तैयारी कर ली है. उन्होंने बताया कि यह बात सही है कि वर्तमान में प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है लेकिन, अब प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने के लिए टीम का गठन किया जाएगा और संबंधित कर्मचारियों व पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दिए जाएंगे कि प्लास्टिक के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगाएं. चूंकि प्लास्टिक की वजह से ही राजधानी रांची में बारिश के समय वाटर लॉगिंग की समस्या होती है, फेंके हुए पॉलीथीन या प्लास्टिक नाली में फंस जाते हैं जो कई सालों तक नालियों को जाम रखते हैं. जिसके कारण थोड़ी सी बारिश से ही सड़क पर पानी भर जाता है. उन्होंने कहा कि यदि दिसंबर के बाद प्लास्टिक का उपयोग किया जाएगा तो 100 रूपये से लेकर 25 हजार तक का फाइन नगर निगम की तरफ से वसूला जाएगा.

व्यापारियों को 6 महीने का अतिरिक्त समय: नगर निगम की तरफ से 31 दिसंबर 2022 तक पूरी तरह से प्लास्टिक के उपयोग पर बैन लगा दी जाएगी. अभी से 6 महीने तक का समय दिया गया है ताकि प्लास्टिक से जुड़े व्यापार करने वाले लोग अपने लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें. बता दें कि राजधानी रांची में पहले से ही 75 माइक्रोन से नीचे के प्लास्टिक के सामानों के उपयोग पर रोक थी लेकिन, अब केंद्र सरकार के प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2021 के तहत संपर्क के बाद से प्लास्टिक के सभी उत्पादों पर पूरी तरह से बैन लगा दिए जाएंगे. नगर निगम के अधिकारियों ने राजधानी वासियों से अपील करते हुए कहा है कि दिसंबर के बाद कोई भी व्यक्ति प्लास्टिक उत्पादों का आयात भंडारण विक्रय या उपयोग ना करें. गौरतलब है कि राजधानी रांची पूरे देश में अपने बेहतर वातावरण के लिए जानी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से बढ़ते प्रदूषण की वजह से यहां की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है. ऐसे में यदि प्लास्टिक उत्पादों पर रोक लगाई जाती है तो निश्चित रूप से आने वाले समय में रांची फिर से अपने पुराने रूप में दिख पाएगी.

Last Updated : Jun 28, 2022, 1:04 PM IST
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