रांची/गढ़वा : आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने में जुटी टीम की अभी तक की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई हैं. हैदराबाद के नवाब सफल अली खान उस तेंदुआ को पिछले 3 जनवरी से ढूंढ रहे हैं लेकिन अबतक सफलता हाथ नहीं लगी है. इस बीच एक उम्मीद की किरण दिखी है. ईटीवी भारत को वन विभाग के सूत्रों से एक अहम जानकारी मिली है.
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वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक तेंदुआ ने रविवार को एक बकरे को शिकार बनाया है. सूत्रों का कहना है कि आदमखोर तेंदुआ अपने शिकार को ले जाने के लिए रात के वक्त गांव में आ सकता है. इसलिए संबंधित गांव में आज रात तेंदुआ को ट्रैंकोलाईज करने की तैयारी की गई है. आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने आए शिकारी नवाब सफत अली आज उस गांव में डेरा डालने जा रहे हैं. अगर तेंदुआ अपने शिकार को ले जाने के लिए गांव में पहुंचता है तो उसे ट्रैंकोलाइज कर दिया जाएगा.
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शशिकर सामंता ने ईटीवी भारत को बताया कि तेंदुआ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए 50 से ज्यादा कैमरे उसके पग चिन्ह वाले क्षेत्र में लगाए गये हैं. हालाकि अभी तक किसी भी कैमरे में तेंदुआ की तस्वीर कैच नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि आरसीसीएफ ने तेंदुआ को लेकर विस्तृत रिपोर्ट दे दी है. उसी आधार पर संबंधित इलाके में उसकी खोजबीन चल रही है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक इस तेंदुआ ने गढ़वा में तीन बच्चों को अपना शिकार बनाया है. ऐसे में संबंधित इलाके के लोगों को बेहद होशियार रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि अभी तक इस आदमखोर तेंदुआ को जान से मारने का निर्देश नहीं दिया गया है. उसे ट्रैंकोलाइज करने की कोशिश की जा रही है. सबसे खास बात है कि ज्यादा से ज्यादा 30 मीटर की दूरी से तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज किया जा सकता है. इस दौरान अगर तेज हवा चलने लगी तब निशाना चूक सकता है. उन्होंने कहा कि नवाब सफत अली खान इस मामले में ट्रेंड शिकारी हैं. वह नाइट विजन कैमरा और नाइट विजन ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर सबकुछ ठीक रहा तो आज की रात आदमखोर तेंदुआ पकड़ा जा सकता है.
पीसीसीएफ की ग्रामीणों से अपील: पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ, शशिकर सामंता ने जंगल के करीब रहने वाले रंका, रमकंडा और भंडरिया के ग्रामीणों से अपील की है कि शाम के वक्त बेवजह घर से बाहर न निकलें. खासकर बच्चों को किसी भी हालत में बिना कड़ी सुरक्षा के घर से बाहर निकलने दें. अंधेरा होने पर शौच के लिए जंगल में न जाएं. उन्होंने हिदायत देते हुए कहा है कि अगर छोटे बच्चे को घर से बाहर लेकर जाना है तो उसकी घेराबंदी जरूर कर लें. उन्होंने बताया कि पिछले साल उत्तराखंड में तेंदुआ ने 45 लोगों की जान ले ली थी. वहां के लोग खुद सावधानी बरतना सीख चुके हैं. अभी जो हालात सामने आए हैं, उसे देखते हुए संबंधित इलाकों के लोगों को सावधान रहना चाहिए.