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कौन है मानव तस्कर पन्नालाल? कैसे 5000 मासूमों का सौदा कर बन गया करोड़पति, जानिए इस रिपोर्ट में - झारखंड में मानव तस्करी

पन्नालाल महतो, इंसानी शक्ल में ऐसा फरेबी और सपनों का ऐसा सौदागर है, जिसने इंसान की जान की नहीं बल्कि उनकी पूरी जिंदगी की कीमत तय कर दी. झारखंड मानव तस्करी के लिए बदनाम रहा है लेकिन पन्नालाल महतो जैसे मानव तस्करों ने इसे संगठित रूप देकर व्यापक बना दिया और देखते ही देखते झारखंड के मासूमों को बड़े शहरों में बेचकर पन्नालाल करोड़पति बन गया. ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग का किंगपिन पन्नालाल महतो की पूरी कहानी.

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पन्नालाल महतो
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Published : Feb 5, 2022, 5:59 PM IST

रांचीः प्राकृतिक एवं खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड के दामन पर मानव तस्करी एक ऐसा दाग है जो शायद कभी धूल सके. यूं तो झारखंड में मानव तस्करी वर्षों से चला आ रहा है. लेकिन पन्नालाल महतो जैसे मानव तस्करों ने इसे संगठित रूप देकर इसे व्यापक बना दिया और देखते ही देखते झारखंड के मासूमों को बड़े शहरों में बेचकर पन्नालाल महतो करोड़पति बन गया. मानव तस्करी के काले धंधे को पन्नालाल ने अपने एजेंटों के माध्यम से बड़ा बनाकर दिल्ली जैसे शहरों में प्लेसमेंट एजेंसी की आड़ में मासूम बच्चों का सौदा शुरू किया.

इसे भी पढ़ें- 5000 लोगों की तस्करी करने वाले पन्नालाल महतो के खिलाफ ED की चार्जशीट, तस्कर के लिए दिल्ली में काम करने वाली एजेंसियां भी रडार पर



कौन है पन्नालाल महतोः झारखंड के नक्सल प्रभावित जिला खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र का रहने वाला पन्नालाल महतो के परिवार कई सदस्य मानव तस्करी के काले धंधे में लिप्त रहे है. पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा पन्नालाल महतो ने खूंटी से मानव तस्करी के काले धंधे की शुरुआत की और देखते ही देखते अपनी पत्नी सुनीता और भाई शिव शंकर की मदद से मासूमों को बेचकर करोड़पति बन बैठा. पन्नालाल ने दो शादियां की हालांकि उसकी दूसरी पत्नी का मानव तस्करी के धंधे से कोई भी नाता नहीं है. लेकिन पहली पत्नी सुनीता ने मानव तस्करी के धंधे में उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. राज्य में हो रहे मानव तस्करी के तह को खंगाला जाए, तो पता चलता है कि इस कड़ी में लोकल एजेंट्स बड़ी भूमिका निभाते हैं.

पन्नालाल महतो ने मानव तस्करी के काले कारोबार को संगठित बनाने के लिए झारखंड के गांव-गांव में अपने एजेंट बनाए. पन्नालाल महतो के इशारे पर ये एजेंट गांवों के बेहद गरीब परिवारों की कम उम्र की बच्चियों पर नजर रखकर उन्हें या उनके परिवार को शहरों में अच्छी नौकरी के नाम पर झांसा देकर अपना शिकार बना लेते. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि इन अपराधों को अंजाम इतने धड़ल्ले से खुले आम दिया जाता है और प्रशासन तमाशबीन बैठी रहती है. शिकायत दर्ज कराने पर भी चार्जशीट फाइल करने में कोताही बरती जाती है, जो कि कहीं ना कहीं प्रशासन का तस्करों को मिल रहे अप्रत्यक्ष संरक्षण की ओर इशारा करती है. जांच में यह भी खुलासा हो चुका है कि पन्ना लाल के कई अधिकारियों और बड़े नेताओं से बेहद मधुर संबंध थे.

अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को किया जमीन में निवेशः ईडी को जानकारी मिली है कि पन्नालाल ने अवैध तरीके से अर्जित करोड़ों की संपत्ति का जमीन में निवेश किया है. ईडी को रांची, खूंटी, दिल्ली में पन्नालाल के द्वारा खरीदी गई अचल संपत्तियों की जानकारी मिली है. ऐसे में ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग की धाराओं के तहत पन्नालाल समेत अन्य को आरोपी बनाया है. ईडी के मुताबिक, पन्नालाल ने स्वीकार किया है कि उसने केवल दिल्ली में ही प्लेसमेंट एजेंसियों की मिलीभगत से 5000 से अधिक मानव तस्करी की. इसके जरिए 5 करोड़ से अधिक की कमायी भी पन्नालाल ने की. जांच के बाद ईडी ने अबतक 3.36 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. जब्त संपत्ति पन्नालाल, सुनीता कुमारी, शिवकुमार गंझू समेत अन्य लोगों के नाम पर हैं. जांच में यह बात सामने आयी है कि मानव तस्करी के पैसों से रांची के अरगोड़ा इलाके और खूंटी में चार प्लाट, 17.71 लाख रुपये बैंक खातों से सीज किए गए थे, वहीं फार्चुनर गाड़ी भी ईडी ने जब्त की है.

कैसे काम करता है पन्नालाल का नेटवर्कः पन्नालाल महतो के खिलाफ दर्ज मामलों के अनुसंधान और फाइनल रिपोर्ट के अनुसार पन्नालाल के मानव तस्कर रैकेट खूंटी समेत राज्य के अन्य हिस्सों में सक्रिय है. पन्नालाल ने इन जिलों में अपने लिए दलाली करने वाले लोग रखे हैं. ये लोग गांव में नाबालिग और गरीब लड़कियों को दिल्ली या अन्य महानगरों में नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं. लड़कियों को अपनी जाल में फंसाने के बाद उन्हें पन्नालाल को सौंप दिया जाता था. इसके बाद पन्नालाल के लोग अपने संपर्क के और गिरोह के ही लोगों के द्वारा खोले गए प्लसमेंट एजेंसी के जरिए लड़कियों का सौदा करते हैं, उन्हें महानगरों में विभिन्न कामों में लगाया जाता था.

इसे भी पढ़ें- Human Trafficking In Jamshedpur: एक महिला समेत 5 लोग गिरफ्तार, काम दिलाने के बहाने करते थे लड़कियों का सौदा



पहले खूंटी एएचटीयू और एनआईए कर चुकी है चार्जशीटः पन्नालाल महतो को 19 जुलाई 2019 को खूंटी से गिरफ्तार किया गया था, जब वह एक युवती को तस्करी के लिए ले जा रहा था. गिरफ्तारी के बाद पन्नालाल के खिलाफ उसी दिन एएचटीयू थाने में केस दर्ज किया गया था. इस केस को बाद में गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने टेकओवर किया था. एनआईए ने पन्नालाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ आईपीसी और इंटर स्टेट माइग्रेंट वुमन एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत चार्जशीट दायर किया था. एनआईए की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने पूरे मामले में अलग से मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया था.

जेल में रहने के बावजूद करवाता था तस्करीः झारखंड के कुख्यात मानव तस्करों में चिन्हित पन्नालाल महतो जेल में रहने के बावजूद अपने परिवार के सदस्यों की मदद से मानव तस्करी रैकेट चलवाता था. मानव तस्कर पन्नालाल झारखंड की बेटियों का सौदा कर करोड़ों की कमायी कर रहा था. पूरे मामले में खुलासे के बाद ईडी ने इस संबंध में पन्नालाल महतो और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर में पन्नालाल के अलावा उसके दामाद वासुदेव, विकास, मालती सुंडिल, पन्नालाल के भगीना नवीन गंझू को आरोपी बनाया गया था. पन्नालाल के खिलाफ पूर्व में खूंटी के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाना में 19 एफआईआर दर्ज हैं.

रांचीः प्राकृतिक एवं खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड के दामन पर मानव तस्करी एक ऐसा दाग है जो शायद कभी धूल सके. यूं तो झारखंड में मानव तस्करी वर्षों से चला आ रहा है. लेकिन पन्नालाल महतो जैसे मानव तस्करों ने इसे संगठित रूप देकर इसे व्यापक बना दिया और देखते ही देखते झारखंड के मासूमों को बड़े शहरों में बेचकर पन्नालाल महतो करोड़पति बन गया. मानव तस्करी के काले धंधे को पन्नालाल ने अपने एजेंटों के माध्यम से बड़ा बनाकर दिल्ली जैसे शहरों में प्लेसमेंट एजेंसी की आड़ में मासूम बच्चों का सौदा शुरू किया.

इसे भी पढ़ें- 5000 लोगों की तस्करी करने वाले पन्नालाल महतो के खिलाफ ED की चार्जशीट, तस्कर के लिए दिल्ली में काम करने वाली एजेंसियां भी रडार पर



कौन है पन्नालाल महतोः झारखंड के नक्सल प्रभावित जिला खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र का रहने वाला पन्नालाल महतो के परिवार कई सदस्य मानव तस्करी के काले धंधे में लिप्त रहे है. पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा पन्नालाल महतो ने खूंटी से मानव तस्करी के काले धंधे की शुरुआत की और देखते ही देखते अपनी पत्नी सुनीता और भाई शिव शंकर की मदद से मासूमों को बेचकर करोड़पति बन बैठा. पन्नालाल ने दो शादियां की हालांकि उसकी दूसरी पत्नी का मानव तस्करी के धंधे से कोई भी नाता नहीं है. लेकिन पहली पत्नी सुनीता ने मानव तस्करी के धंधे में उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. राज्य में हो रहे मानव तस्करी के तह को खंगाला जाए, तो पता चलता है कि इस कड़ी में लोकल एजेंट्स बड़ी भूमिका निभाते हैं.

पन्नालाल महतो ने मानव तस्करी के काले कारोबार को संगठित बनाने के लिए झारखंड के गांव-गांव में अपने एजेंट बनाए. पन्नालाल महतो के इशारे पर ये एजेंट गांवों के बेहद गरीब परिवारों की कम उम्र की बच्चियों पर नजर रखकर उन्हें या उनके परिवार को शहरों में अच्छी नौकरी के नाम पर झांसा देकर अपना शिकार बना लेते. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि इन अपराधों को अंजाम इतने धड़ल्ले से खुले आम दिया जाता है और प्रशासन तमाशबीन बैठी रहती है. शिकायत दर्ज कराने पर भी चार्जशीट फाइल करने में कोताही बरती जाती है, जो कि कहीं ना कहीं प्रशासन का तस्करों को मिल रहे अप्रत्यक्ष संरक्षण की ओर इशारा करती है. जांच में यह भी खुलासा हो चुका है कि पन्ना लाल के कई अधिकारियों और बड़े नेताओं से बेहद मधुर संबंध थे.

अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति को किया जमीन में निवेशः ईडी को जानकारी मिली है कि पन्नालाल ने अवैध तरीके से अर्जित करोड़ों की संपत्ति का जमीन में निवेश किया है. ईडी को रांची, खूंटी, दिल्ली में पन्नालाल के द्वारा खरीदी गई अचल संपत्तियों की जानकारी मिली है. ऐसे में ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग की धाराओं के तहत पन्नालाल समेत अन्य को आरोपी बनाया है. ईडी के मुताबिक, पन्नालाल ने स्वीकार किया है कि उसने केवल दिल्ली में ही प्लेसमेंट एजेंसियों की मिलीभगत से 5000 से अधिक मानव तस्करी की. इसके जरिए 5 करोड़ से अधिक की कमायी भी पन्नालाल ने की. जांच के बाद ईडी ने अबतक 3.36 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. जब्त संपत्ति पन्नालाल, सुनीता कुमारी, शिवकुमार गंझू समेत अन्य लोगों के नाम पर हैं. जांच में यह बात सामने आयी है कि मानव तस्करी के पैसों से रांची के अरगोड़ा इलाके और खूंटी में चार प्लाट, 17.71 लाख रुपये बैंक खातों से सीज किए गए थे, वहीं फार्चुनर गाड़ी भी ईडी ने जब्त की है.

कैसे काम करता है पन्नालाल का नेटवर्कः पन्नालाल महतो के खिलाफ दर्ज मामलों के अनुसंधान और फाइनल रिपोर्ट के अनुसार पन्नालाल के मानव तस्कर रैकेट खूंटी समेत राज्य के अन्य हिस्सों में सक्रिय है. पन्नालाल ने इन जिलों में अपने लिए दलाली करने वाले लोग रखे हैं. ये लोग गांव में नाबालिग और गरीब लड़कियों को दिल्ली या अन्य महानगरों में नौकरी दिलाने का झांसा देते हैं. लड़कियों को अपनी जाल में फंसाने के बाद उन्हें पन्नालाल को सौंप दिया जाता था. इसके बाद पन्नालाल के लोग अपने संपर्क के और गिरोह के ही लोगों के द्वारा खोले गए प्लसमेंट एजेंसी के जरिए लड़कियों का सौदा करते हैं, उन्हें महानगरों में विभिन्न कामों में लगाया जाता था.

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पहले खूंटी एएचटीयू और एनआईए कर चुकी है चार्जशीटः पन्नालाल महतो को 19 जुलाई 2019 को खूंटी से गिरफ्तार किया गया था, जब वह एक युवती को तस्करी के लिए ले जा रहा था. गिरफ्तारी के बाद पन्नालाल के खिलाफ उसी दिन एएचटीयू थाने में केस दर्ज किया गया था. इस केस को बाद में गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए ने टेकओवर किया था. एनआईए ने पन्नालाल और उसके सहयोगियों के खिलाफ आईपीसी और इंटर स्टेट माइग्रेंट वुमन एक्ट और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत चार्जशीट दायर किया था. एनआईए की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने पूरे मामले में अलग से मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया था.

जेल में रहने के बावजूद करवाता था तस्करीः झारखंड के कुख्यात मानव तस्करों में चिन्हित पन्नालाल महतो जेल में रहने के बावजूद अपने परिवार के सदस्यों की मदद से मानव तस्करी रैकेट चलवाता था. मानव तस्कर पन्नालाल झारखंड की बेटियों का सौदा कर करोड़ों की कमायी कर रहा था. पूरे मामले में खुलासे के बाद ईडी ने इस संबंध में पन्नालाल महतो और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. एफआईआर में पन्नालाल के अलावा उसके दामाद वासुदेव, विकास, मालती सुंडिल, पन्नालाल के भगीना नवीन गंझू को आरोपी बनाया गया था. पन्नालाल के खिलाफ पूर्व में खूंटी के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट थाना में 19 एफआईआर दर्ज हैं.

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