रांची: लोकसभा में मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा पेश किए गए एक रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड के लगभग 30 प्रतिशत सेकेंडरी स्कूलों में बिजली की सुविधा नहीं है. मानव संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का रुझान भी कम हुआ हैं वहीं, प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है.
2015-16 की तुलना में 2016-17 में सरकारी स्कूलों में नामांकन लेने वालों विद्यार्थियों की संख्या में काफी कमी आई है. 2015-16 में जहां 56,80,513 विद्यार्थियों का नामांकन हुआ था. वहीं 2016-17 में 55,88,043 विद्यार्थियों ने नामांकन लिया था. झारखंड के 64.90 प्रतिशत बच्चे 10वीं और 12वीं में सरकारी स्कूलों में नामांकन कराते हैं, जबकि लगभग 35 प्रतिशत बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं.
74% स्कूलों में बाउंड्री नहीं
झारखंड के सरकारी स्कूल जिनमें शिक्षा के अधिकार कानून के तहत बच्चों का नामांकन होता है, उसमें अगर सुविधा की बात करें तो 99 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में शौचालय की सुविधा है. वहीं 96 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में पीने का पानी उपलब्ध है. 95 प्रतिशत स्कूलों में लाइब्रेरी की सुविधा है. हालांकि मात्र 26 प्रतिशत स्कूलों में ही बाउंड्री किए गए हैं.
99% स्कूलों में शौचालय
सेकेंडरी स्कूल में सुविधा की बात करें तो 99 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में शौचालय की सुविधा है. वहीं 98 प्रतिशत से अधिक स्कूलों में पीने का पानी उपलब्ध है. 93 प्रतिशत स्कूलों में लाइब्रेरी की सुविधा है. 71 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए मैदान हैं. मात्र 62 प्रतिशत स्कूलों में ही बाउंड्री किए गए हैं.