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रांची: राजभवन में शहीदों की मूर्तियां होंगी स्थापित, राज्‍यपाल ने किया शिलान्‍यास - झारखंड राजभवन में शहीदोंं की मूर्तियां

झारखंड में राजभवन स्थित मूर्ति गार्डन में शहीदों की मूर्तियां स्थापित होंगी. गवर्नर ने राज्य के वीर शहीदों की मूर्तियों के स्थापन के लिए शिलान्यास किया. वहीं, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय चरखे का उद्घाटन भी किया.

The Governor laid the foundation stone
राज्यपाल ने शिलान्यास किया
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Published : Aug 3, 2020, 4:42 PM IST

रांची: राजभवन स्थित मूर्ति गार्डन में शहीदों की मूर्तियां स्थापित होंगी. झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को झारखंड के वीर शहीदों की मूर्तियों के संस्थापन के लिए शिलान्यास किया. यहां बाबा तिलका मांझी, नीलांबर-पितांबर, तेलंगा खड़िया, गया मुंडा, वीर बुधु भगत, सिदो-कान्हु, टाना जतरा भगत, दिवा किशुन, अल्बर्ट एक्का के अलावा स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा/मूर्ति स्थापित करने की योजना है. राज्यपाल ने राजभवन में स्थापित राष्ट्रीय चरखा का भी उद्घाटन किया.

ये भी पढ़ें: झारखंड में लगातार बढ़ रहा कोरोना, अब तक 12,882 संक्रमित, 118 की मौत

तीन महीने में तैयार हुआ चरखा

बता दें कि रांची नामकुम, दिल्ली कनॉट पैलेस के बाद पूरे झारखंड का पहला 400 किलो का चरखा लगाया गया है. राजभवन में झारखंड सरकार टाटीसिलवे टूल रूम के 10 इंजीनियरों के द्वारा अथक प्रयास से लगभग 3 महीने में प्योर स्टेनलेस स्टील का यह चरखा तैयार किया गया है. टूल्स रूम के प्राचार्य ने बताया कि दिल्ली कनॉट पैलेस के बाद झारखंड में पहला ऐसा चरखा है, जो राजभवन की शोभा बढ़ाएगा. टाटीसिलवे स्थित झारखंड टूल्स रूम के इंजीनियरों की मदद से यह चरखा को तैयार किया गया है.

प्राचार्य महेश गुप्ता ने बताया कि महामहिम राज्यपाल के आदेश के बाद पिछले 3 महीने से हमारे इंजीनियर यह चरखा को बनाने में लगे हुए थे, जो बहुत ही खूबसूरत और आकर्षण का केंद्र है. लगभग 400 किलो के चरखे का कीमत 15 लाख रुपये है. खास बात यह है कि प्योर स्टेनलेस स्टील का होने से इसमें किसी भी प्रकार का कोई जंग और खराबी नहीं हो सकता है. यह लगभग 100 वर्षों तक ज्यों का त्यों देखने में लगेगा.

रांची: राजभवन स्थित मूर्ति गार्डन में शहीदों की मूर्तियां स्थापित होंगी. झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को झारखंड के वीर शहीदों की मूर्तियों के संस्थापन के लिए शिलान्यास किया. यहां बाबा तिलका मांझी, नीलांबर-पितांबर, तेलंगा खड़िया, गया मुंडा, वीर बुधु भगत, सिदो-कान्हु, टाना जतरा भगत, दिवा किशुन, अल्बर्ट एक्का के अलावा स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा/मूर्ति स्थापित करने की योजना है. राज्यपाल ने राजभवन में स्थापित राष्ट्रीय चरखा का भी उद्घाटन किया.

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तीन महीने में तैयार हुआ चरखा

बता दें कि रांची नामकुम, दिल्ली कनॉट पैलेस के बाद पूरे झारखंड का पहला 400 किलो का चरखा लगाया गया है. राजभवन में झारखंड सरकार टाटीसिलवे टूल रूम के 10 इंजीनियरों के द्वारा अथक प्रयास से लगभग 3 महीने में प्योर स्टेनलेस स्टील का यह चरखा तैयार किया गया है. टूल्स रूम के प्राचार्य ने बताया कि दिल्ली कनॉट पैलेस के बाद झारखंड में पहला ऐसा चरखा है, जो राजभवन की शोभा बढ़ाएगा. टाटीसिलवे स्थित झारखंड टूल्स रूम के इंजीनियरों की मदद से यह चरखा को तैयार किया गया है.

प्राचार्य महेश गुप्ता ने बताया कि महामहिम राज्यपाल के आदेश के बाद पिछले 3 महीने से हमारे इंजीनियर यह चरखा को बनाने में लगे हुए थे, जो बहुत ही खूबसूरत और आकर्षण का केंद्र है. लगभग 400 किलो के चरखे का कीमत 15 लाख रुपये है. खास बात यह है कि प्योर स्टेनलेस स्टील का होने से इसमें किसी भी प्रकार का कोई जंग और खराबी नहीं हो सकता है. यह लगभग 100 वर्षों तक ज्यों का त्यों देखने में लगेगा.

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