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बकोरिया मुठभेड़: CBI ने लिया मृतकों के परिजनों का बयान, किए चौंकाने वाले खुलासे

झारखंड के पलामू के चर्चित बकोरिया मुठभेड़ कांड की जांच में सीबीआई की टीम ने बीते तीन महीनों में बकोरिया मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों का बयान लिया है. सीबीआई ने अब मुठभेड़ कांड में पुलिस के साथ-साथ उग्रवादी संगठन जेजेएमपी की भूमिका को लेकर भी जांच शुरू कर दी है.

बकोरिया मुठभेड़ में CBI ने लिया मृतकों के परिजनों का बयान
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Published : Jun 18, 2019, 1:40 AM IST

Updated : Jun 18, 2019, 2:37 AM IST

रांची: झारखंड के पलामू के चर्चित बकोरिया मुठभेड़ कांड की जांच में सीबीआई की टीम पूरी तरह से रेस है. सीबीआई दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम ने बीते तीन महीनों में कथित मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों का बयान लिया है. बयान में मृतकों के परिजनों ने कई चौकानें वाली बातें सीबीआई को बताई हैं.

सीबीआई ने अब मुठभेड़ कांड में पुलिस के साथ-साथ उग्रवादी संगठन जेजेएमपी की भूमिका को लेकर भी जांच शुरू कर दी है. बता दें कि आठ जून 2015 की रात पलामू के सतबरवा ओपी के बकोरिया में कथित पुलिस मुठभेड़ में माओवादी डॉ. अनुराग समेत 12 लोग मारे गए थे. मृतकों में एक पारा टीचर उदय यादव भी थे. उदय के परिजनों की याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई ने 19 नवंबर को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. कांड के अनुसंधानक एएसपी डीके राय हैं.

क्या बताया परिजनों ने
मारे गए पारा टीचर उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने सीबीआई को 8 जून के घटनाक्रम की जानकारी दी है. जवाहर यादव ने सीबीआई को बताया है कि नक्सलियों के साथ उदय की कोई सांठगांठ नहीं थी. उसे घर से उठाकर ले जाया गया था. बाद में उदय को मार दिया गया. वहीं, एक मृत नाबालिग के पिता ने भी बताया है कि उनके बच्चे को रास्ता दिखाने के लिए कुछ लोग उठा ले गए थे. बाद में कथित मुठभेड़ में उसे मार दिया गया.

अनुराग छोड़ किसी के नक्सली होने का सबूत नहीं
सीबीआई को डॉ. अनुराग छोड़ किसी भी अन्य के नक्सली संगठन से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है. डॉं. अनुराग के खिलाफ झारखंड पुलिस ने ईनाम भी रखा था, लेकिन बाकी मृतकों के अनुराग के दस्ते से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. मृतकों में शामिल डॉ. अनुराग के बेटे और भतीजे का भी कोई नक्सल रिकॉर्ड नहीं रहा है.

पुलिस अधिकारियों का बयान लेगी सीबीआई
सीबीआई ने अब तक इस मामले में पलामू के तात्कालिक डीआईजी हेमंत सोरेन का बयान लिया है. सीबीआई जल्द ही इस मामले में पलामू के सदर थानेदार रहे हरीश पाठक, एडीजी सीआईडी रहे रेजी डुंगडुंग, पलामू के तात्कालिक एसपी कन्हैया मयूरपटेल, लातेहार के तात्कालिन एसपी अजय लिंडा का भी बयान लेगी.

रांची: झारखंड के पलामू के चर्चित बकोरिया मुठभेड़ कांड की जांच में सीबीआई की टीम पूरी तरह से रेस है. सीबीआई दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम ने बीते तीन महीनों में कथित मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों का बयान लिया है. बयान में मृतकों के परिजनों ने कई चौकानें वाली बातें सीबीआई को बताई हैं.

सीबीआई ने अब मुठभेड़ कांड में पुलिस के साथ-साथ उग्रवादी संगठन जेजेएमपी की भूमिका को लेकर भी जांच शुरू कर दी है. बता दें कि आठ जून 2015 की रात पलामू के सतबरवा ओपी के बकोरिया में कथित पुलिस मुठभेड़ में माओवादी डॉ. अनुराग समेत 12 लोग मारे गए थे. मृतकों में एक पारा टीचर उदय यादव भी थे. उदय के परिजनों की याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई ने 19 नवंबर को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी. कांड के अनुसंधानक एएसपी डीके राय हैं.

क्या बताया परिजनों ने
मारे गए पारा टीचर उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने सीबीआई को 8 जून के घटनाक्रम की जानकारी दी है. जवाहर यादव ने सीबीआई को बताया है कि नक्सलियों के साथ उदय की कोई सांठगांठ नहीं थी. उसे घर से उठाकर ले जाया गया था. बाद में उदय को मार दिया गया. वहीं, एक मृत नाबालिग के पिता ने भी बताया है कि उनके बच्चे को रास्ता दिखाने के लिए कुछ लोग उठा ले गए थे. बाद में कथित मुठभेड़ में उसे मार दिया गया.

अनुराग छोड़ किसी के नक्सली होने का सबूत नहीं
सीबीआई को डॉ. अनुराग छोड़ किसी भी अन्य के नक्सली संगठन से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है. डॉं. अनुराग के खिलाफ झारखंड पुलिस ने ईनाम भी रखा था, लेकिन बाकी मृतकों के अनुराग के दस्ते से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. मृतकों में शामिल डॉ. अनुराग के बेटे और भतीजे का भी कोई नक्सल रिकॉर्ड नहीं रहा है.

पुलिस अधिकारियों का बयान लेगी सीबीआई
सीबीआई ने अब तक इस मामले में पलामू के तात्कालिक डीआईजी हेमंत सोरेन का बयान लिया है. सीबीआई जल्द ही इस मामले में पलामू के सदर थानेदार रहे हरीश पाठक, एडीजी सीआईडी रहे रेजी डुंगडुंग, पलामू के तात्कालिक एसपी कन्हैया मयूरपटेल, लातेहार के तात्कालिन एसपी अजय लिंडा का भी बयान लेगी.

Intro:झारखंड के पलामू के चर्चित बकोरिया मुठभेड़ कांड की जांच में सीबीआई की टीम पूरी तरह से रेस है। सीबीआई दिल्ली के स्पेशल सेल की टीम ने बीते तीन महीनों में कथित मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिजनों का बयान लिया है। मृतक के परिजनों ने कई चौकानें वाली बातें सीबीआई को बतायी है।

जेजेएमपी की भूमिका की जांच शुरू

सीबीआई अब मुठभेड़ कांड में पुलिस के साथ साथ उग्रवादी संगठन जेजेएमपी की भूमिका को लेकर जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि आठ जून 2015 की रात पलामू के सतबरवा ओपी के बकोरिया में कथित पुलिस मुठभेड़ में माओवादी डॉ अनुराग समेत 12 लोग मारे गए थे। मृतकों में एक पारा टीचर उदय यादव भी थे, उदय के परिजनों की याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने 19 नवंबर को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। कांड के अनुसंधानक एएसपी डीके राय हैं।

क्या बताया परिजनों ने
मारे गए पारा टीचर उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने सीबीआई को 8 जून के घटनाक्रम की जानकारी दी है। जवाहर यादव ने सीबीआई को बताया है कि नक्सलियों के साथ उदय की कोई सांठगांठ नहीं थी। उसे घर से उठाकर ले जाया गया था। बाद में उदय को मार दिया गया। एक मृत नाबालिग के पिता ने भी बताया है कि उनके बच्चे को रास्ता दिखाने के लिए कुछ लोग उठा ले गए थे। बाद में कथित मुठभेड़ में उसे मार दिया गया।

अनुराग छोड़ किसी के नक्सली होने का सबूत नहीं

सीबीआई को डॉ अनुराग छोड़ मृत किसी भी शख्स के नक्सली संगठन से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिला है। डॉ अनुराग के खिलाफ झारखंड पुलिस ने ईनाम भी रखा था। लेकिन बाकि मृतकों के अनुराग के दस्ते से जुड़े होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। मृतकों में शामिल डॉ अनुराग के बेटे व भतीजे का भी कोई नक्सल रिकार्ड नहीं रहा है।

पुलिस अधिकारियों का बयान लेगी सीबीआई

सीबीआई ने अबतक इस मामले में पलामू के तात्कालिन डीआईजी हेमंत सोरेन का बयान लिया है। सीबीआई जल्द ही इस मामले में पलामू के सदर थानेदार रहे हरीश पाठक, एडीजी सीआईडी रहे रेजी डुंगडुंग, पलामू के तात्कालिक एसपी कन्हैया मयूरपटेल, लातेहार के तात्कालिन एसपी अजय लिंडा का भी बयान लेगी।

फाइल फोटो बकोरिया इनकाउंटर।Body:2Conclusion:3
Last Updated : Jun 18, 2019, 2:37 AM IST
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