रांचीः जल जीवन मिशन के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार के विभागीय सचिव प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में विभाग के सभी कार्यपालक अभियंताओं एवं प्रतिनिधियों की कार्यशाला आयोजित हुई. कुमार ने इस राज्यस्तरीय एक दिवसीय समन्वय कार्यशाला में नल जल योजना के क्रियान्नयन में शिथिलता पर चिंता जताई. विभागीय सचिव ने बताया कि अभी तक साढ़े नौ लाख घरों तक ही नल जल पहुंचाया जा सका, जबकि 2024 तक हर घर नल पहुंचाना हमारे लिए चुनौती है, जिसे हर हाल में पूरा करना होगा.
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इससे पहले जल जीवन मिशन के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग झारखंड सरकार के विभागीय सचिव प्रशांत कुमार ने दीप जलाकर कार्यशाला का शुभारंभ किया. कुमार ने कार्यशाला में झार-जल संदेश (मासिक पत्रिका), मेघपुष्प (पाक्षिक ई-न्यूजलेटर) और झारजल मोबाइल एप भी लॉन्च किया. इस दौरान पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि 2024 तक हर घर तक नल जल योजना को पहुंचाना है. यह हमारे लिए चैलेंज है, जिसे हर हाल में पूरा करना है.
प्रशांत कुमार ने बताया कि झारखंड के 60 लाख घरों तक नल जल योजना की सुविधा पहुंचानी है, लेकिन अभी तक साढ़े 9 लाख घरों तक ही नल जल पहुंच सका है, जो लक्ष्य का महज 15 फीसदी है. यह चिंताजनक है. हालांकि उन्होंने भरोसा दिलाया कि कोरोना महामारी के कारण तमाम दिक्कतें आईं, लेकिन 80% नए कार्य स्वीकृत हो चुके हैं और निश्चित रूप से 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचा देंगे.
जल सहिया के माध्यम से निरीक्षण
विभागीय सचिव ने बताया कि झार-जल संदेश (मासिक पत्रिका), मेघपुष्प (पाक्षिक ई-न्यूजलेटर) के माध्यम से सभी जिलों के सफलतम और उत्कृष्ट कार्यों को संकलित कर प्रकाशित कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि झार-जल मोबाएल एप के माध्यम से जलसहिया के माध्यम से सभी नलकूपों का सर्वेक्षण/निरीक्षण, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं का निरीक्षण एवं इससे संबंधित अन्य कार्यों को किया जाना है.