रांचीः राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के लिए वर्ष 2021 की छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया गया है. इस कैलेंडर के तहत वर्ष 2021 में कुल 60 दिन की छुट्टी घोषित की गई है. 13 जनवरी को वर्ष की पहली छुट्टी सोहराय पर्व को लेकर घोषित है. वहीं 14 जनवरी को मकर संक्रांति की छुट्टी दी गई है. इस बार शीतकालीन अवकाश 26 दिसंबर से 31 दिसंबर तक घोषित हुई है. मात्र 5 दिनों की छुट्टी है दी गई है, वहीं गर्मियों की छुट्टी में भी कटौती की गई है. 17 मई से 8 जून तक 18 दिनों की छुट्टी घोषित हुई है. जिसका झारखंड प्रारंभिक शिक्षक संघ ने विरोध किया. वर्ष 2021 में पहली बार ऐसा हो रहा है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय अलग-अलग छुट्टियों की घोषणा की है और कैलेंडर जारी किया है.
2021 प्रारंभिक विद्यालयों की राज्यस्तरीय अवकाश तालिका अवकाश तालिका पर शिक्षक संघ की आपत्तिप्रारंभिक विद्यालयों के राज्यस्तरीय अवकाश तालिका पर अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने आपत्ति दर्ज कराई है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे ने कहा है कि राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों के लिए वर्ष 2021 के अवकाश तालिका त्रुटिपूर्ण है, इसमें कई व्यवहारिक खामियां हैं. जिसका राज्य के शिक्षकों ने घोर आपत्ति दर्ज कराई है. अब तक के नियमों को अनुसार प्रारंभिक विद्यालय की अवकाश तालिका जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधीक्षक की ओर से तैयार की जाती थी. जिसमें स्थानीय और लोक पर्व त्योहारों को भी स्थान दिया जाता था. लेकिन इस बार प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने जिलों से तैयार अवकाश तालिका को राज्यस्तरीय आदेश से प्रतिस्थापित कर दिया है.
स्थानीय पर्व त्योहारों का नहीं रखा गया ख्यालइस कैलेंडर में स्थानीय पर्व त्योहारों का ख्याल नहीं रखा गया है और उर्दू विद्यालयों की अवकाश व्यवस्था की व्यापक अनदेखी की गई. निदेशालय से जारी अवकाश तालिका में उर्दू विद्यालयों के लिए अलग से अवकाश का प्रावधान नहीं रखा गया है. जिससे शुक्रवार को पढ़ने वाले अवकाश को भी उनके सालाना अवकाश में शामिल दिखाया गया है. जबकि उर्दू विद्यालय में तो प्रत्येक शुक्रवार को सप्ताहिक अवकाश घोषित रहता है. इसी प्रकार लोक आस्था से जुड़े टूसु, कर्मा पूजा, तीज जैसे विभिन्न क्षेत्रों के क्षेत्रीय अवकाश पर भी नहीं दिया गया है. जबकि इन पर्वो के दौरान अवकाश पर छोटे बच्चों की उपस्थिति विद्यालयों में नहीं रहती है. संथाल परगना प्रमंडल के जिलों में भी मई जून महीने में ही ग्रीष्मावकाश दिया गया है. जबकि श्रावणी मेले को देखते हुए अब तक देवघर दुमका और आसपास के जिलों में सावन मास में अवकाश दिया जाता था. जिससे इसी अवकाश में श्रावणी मेला का एक बड़ा समय बीत जाता था और अलग से विद्यालय बाधित नहीं होता था.
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महापुरुषों के जयंती पर अवकाश
महापुरुषों की जयंती पर कई अवकाश दिए गए हैं. जबकि विद्यालयों में इनकी जयंती के दिन इन महापुरुषों का जन्मदिन मनाने का निर्देश निर्गत किया जाता रहा है. प्रदेश के सभी प्रमंडल में स्थानीय अवकाश अलग-अलग होता है और उस हिसाब से सभी जिला अवकाश घोषित करते हैं. लेकिन राज्य प्राथमिक निदेशालय की ओर से जारी अवकाश तालिका में इस बात की घोर कमी है. जिससे प्रदेश के शिक्षकों में व्यापक आक्रोश देखा जा रहा है. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने अवकाश तालिका को अव्यवहारिक बताकर इसपर पुनर्विचार करने की मांग झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद और शिक्षा विभाग से की है.