रांची: राज्य सरकार ने जिले के सभी उपायुक्तों को कोरोना संक्रमण के संकट में लोगों तक डोर स्टेप मदद पहुंचाने के लिए डाक विभाग का सहयोग लेने को कहा. जिसकी मदद से नागरिकों तक मूलभूत सुविधाएं जैसे राशन, दवा, पैसे और सेनेटाइजर को आसानी से पहुंचाया जा सके.
योजना समिति विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल ने इस बाबत बताया कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में स्थानीय स्तर पर डाक विभाग की सेवाएं लिए जाने के लिए असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट, पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया और चीफ पोस्टमास्टर जनरल से सीधे संपर्क स्थापित किया जा सकता है. आंकड़ों के अनुसार राज्य में ग्रामीण और शहरी इलाकों को मिलाकर 3784 डाकघर है, जिनमें 6599 पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवक पोस्टेड है.
माइक्रो एटीएम से गांव में प्राप्त कर सकेंगे धनराशि
खंडेलवाल ने कहा कि सरकारी योजनाओं के लाभार्थी माइक्रो एटीएम से अपने गांव में पैसा निकाल सकेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के जरिए योजनाओं में धनराशि लाभार्थी के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है और लाभार्थी बैंक से पैसे निकालता है. कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बैंक में भीड़ ना हो और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसलिए सुविधा उपलब्ध कराने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डाक विभाग में माइक्रो एटीएम और एईपीएस उपलब्ध है. जिसके माध्यम से किसी भी बैंक के खातों से पैसे उपलब्ध कराए जा सकते हैं. खंडेलवाल ने सभी जिलों के उपायुक्तों को कहा कि इस व्यवस्था के लिए अपने जिले के प्रधान पोस्ट मास्टर से कोऑर्डिनेशन स्थापित कर जिला पंचायती राज पदाधिकारी के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर इस सुविधा का लाभ पहुंचाया जाए.
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आधार के साथ अंगूठे का निशान होगा जरूरी
योजना समिति विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि माइक्रो एटीएम या एईपीएस से राशि निकासी के लिए आधार होना जरूरी है. इसके लिए लाभार्थी के अंगूठे के निशान से प्रमाणीकरण किया जाता है. उन्होंने कहा कि इन सभी कार्यों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित होना चाहिए साथ ही मौके पर साबुन की व्यवस्था भी हो.