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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का तीन महीने में होगा गठन, सदन में सरकार का जवाब - मंत्री जोबा मांझी

बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े वादों का निष्पादन विभागीय सचिव के माध्यम से किए जाने पर सदन में विधायक राज सिन्हा ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2019 से आयोग का गठन लंबित है. विधायक राज सिन्हा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री जोबा मांझी ने झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन तीन माह के भीतर करने की घोषणा कर दी है.

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विधायक राज सिन्हा और मंत्री जोबा मांझी
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Published : Mar 18, 2021, 1:25 PM IST

रांचीः झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन तीन माह के भीतर किया जाएगा. प्रश्नकाल के दौरान विधायक राज सिन्हा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री जोबा मांझी ने सदन में इसकी घोषणा की है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब, 3 करोड़ राशन कार्ड रद्द करने और भूख से मौत को बताया गंभीर

राज सिन्हा ने पूछा कि अभी वादों का निष्पादन कौन कर रहा है. इस पर मंत्री ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े वादों का निष्पादन विभागीय सचिव के माध्यम से हो रहा है. इस पर विधायक राज सिन्हा ने आपत्ति जताई और पूछा कि आयोग का काम एक सचिव कैसे हैंडल कर सकता है, उन्होंने कहा कि अप्रैल 2019 से आयोग का गठन लंबित है.

इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन अप्रैल 2019 से ही लंबित है, तब राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार थी. जवाब में विधायक राज सिन्हा ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बने एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, इतना वक्त होने के बाद भी क्यों गठन नहीं किया गया.

राज सिन्हा इस बात पर अड़े रहे कि सरकार को सदन को बताना चाहिए कि कब तक आयोग का गठन हो जाएगा, स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने बताया कि आयोग के गठन की प्रक्रिया 90 दिन में पूरी कर ली जाएगी.

रांचीः झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन तीन माह के भीतर किया जाएगा. प्रश्नकाल के दौरान विधायक राज सिन्हा के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री जोबा मांझी ने सदन में इसकी घोषणा की है.

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राज सिन्हा ने पूछा कि अभी वादों का निष्पादन कौन कर रहा है. इस पर मंत्री ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े वादों का निष्पादन विभागीय सचिव के माध्यम से हो रहा है. इस पर विधायक राज सिन्हा ने आपत्ति जताई और पूछा कि आयोग का काम एक सचिव कैसे हैंडल कर सकता है, उन्होंने कहा कि अप्रैल 2019 से आयोग का गठन लंबित है.

इस पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन अप्रैल 2019 से ही लंबित है, तब राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में सरकार थी. जवाब में विधायक राज सिन्हा ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बने एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, इतना वक्त होने के बाद भी क्यों गठन नहीं किया गया.

राज सिन्हा इस बात पर अड़े रहे कि सरकार को सदन को बताना चाहिए कि कब तक आयोग का गठन हो जाएगा, स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने बताया कि आयोग के गठन की प्रक्रिया 90 दिन में पूरी कर ली जाएगी.

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