नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर जनजातीय समाज के लिए Anamaya योजना की शुरुआत की. पीरामल फाउंडेशन मुख्य रूप से इस मिशन में केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का साथ दे रहा है. ट्राइबल हेल्थ कॉलेबोरेटिव के तहत इस योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत आदिवासियों के स्वास्थ्य एवं पोषण का पूरा ख्याल रखा जाएगा.
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देश के 177 जिले को केंद्रीय आदिवासी मंत्रालय ने आदिवासी जिला का दर्जा दिया हुआ है. इन जिलों में सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं इस योजना के तहत आदिवासी के स्वास्थ्य और पोषण को मजबूत रखने के लिए मिलकर काम करेंगे. इस योजना के तहत केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 10 साल की अवधि में मान्यता प्राप्त भारत के 177 आदिवासी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करेगा. इस अवसर पर केन्द्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस तरह की योजना की शुरुआत हुई है, आदिवासियों के लिए यह बहुत फायदेमंद साबित होगा, आदिवासी क्षेत्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत संरचना से युक्त होकर आगे बढ़ेगा. जनजातीय समाज को पौष्टिक भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी.
आदिवासियों के स्वास्थ्य की हमें चिंता: डॉ हर्षवर्धन
कार्यक्रम के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि यह योजना आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा, पहाड़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के स्वास्थ्य की हमें चिंता है, जनजातीय समाज के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो उसके लिए, हम लोग लगातार प्रयासरत हैं, ट्यूबरकुलोसिस, मलेरिया जैसी बिमारी से लोग ज्यादा पीड़ित रखते हैं. इन समस्याओं को दूर करने के लिए हम लोग पूरी कोशिश करेंगे, कोरोना वैक्सीन की कमी जनजातीय समाज के लोगों ना हो उसका भी हम ध्यान रख रहे हैं. गर्ववती महिलाओं और बच्चों को जानलेवा बिमारी से बचाने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है.