रांची: राजधानी में मंगलवार को भवन निर्माण विभाग के ठेकेदारों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे ठेकेदारों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि झारखंड सरकार ने 21 जुलाई के पहले किए गए वैसे सभी निविदा को रद्द कर दिया है, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी गई है.
निविदा की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग का आंतरिक मामला
ठेकेदारों ने कहा कि निविदा की प्रशासनिक स्वीकृति मिली या नहीं मिली यह विभाग का आंतरिक मामला है. संवेदक का काम है निविदा डालना और सरकार के विकास कार्यों में सरकार का साथ देते हुए कार्य को पूर्ण करना. सरकार के इस आदेश पर अपना आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि किसी भी ठेकेदार को यह पता ही नहीं था कि बहुतायात संख्या में किए गए इन टेंडरों की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली है.
सरकार के फैसले पर आपत्ति
ठेकेदार मनोहर यादव ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कई बार विशेष परिस्थिति और सरकार के बड़े अधिकारियों के दवाब में उनके आवास, कार्यालय सहित विभिन्न भवन का निर्माण करा दिया जाता है और प्रशासनिक स्वीकृति प्रक्रियाधीन रहती है, लेकिन अब काम पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने सभी टेंडरों को रद्द कर दिया है. टेंडर को रद्द किए जाने के कारण ठेकेदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ें-जमीन विवाद में एक शख्स की हत्या, पुलिस को देख आरोपी ने कहा- सर मैंने ली है जान
ट्रेजरी ऑफिस बंद होने की वजह से ठेकेदार परेशान
रांची के मोरहाबादी स्थित भवन निर्माण विभाग कार्यालय के समक्ष विरोध कर रहे ठेकेदारों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि पिछले कुछ महीनों से ट्रेजरी बंद होने से उनकी स्थिति दयनीय हो गई है. इसके बावजूद भी सरकार का 21 जुलाई से पहले किए गए सभी टेंडर को रद्द करने का आदेश ठेकेदारों पर सीधा जुल्म करना है. ठेकेदार मनोहर यादव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 25 करोड़ तक की योजनाओं में स्थानीय ठेकेदार के लिए आरक्षण देने से राज्य के सभी ठेकेदारों को काफी नुकसान होगा. इसलिए सरकार को अपने फैसले पर विचार करना चाहिए.
ये भी पढे़ं: सीएम ने की रिव्यू मीटिंग, कहा- पीएम किसान योजना से छूटे 9 लाख से अधिक किसानों करें लाभान्वित
ठेकेदारों ने सरकार को दी चेतावनी
विरोध कर रहे ठेकेदारों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार अपने फैसले पर विचार नहीं करती है तो ठेकेदारों की ओर से प्रोजेक्ट भवन, नेपाल हाउस, उपायुक्त कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जज बंगलो, मुख्य सचिव कार्यालय, मुख्यमंत्री आवास, चीफ जस्टिस आवास सहित सभी वीवीआईपी और सरकारी भवनों पर कार्य बहिष्कार किया जायेगा.