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गरीबी में दम तोड़ रहीं खेल प्रतिभाएं, सरकार की खेल नीति कागजों तक सिमटी - International players forced to sell vegetables

झारखंड में खेल प्रतिभाओं की भरमार हैं. राज्य के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश और देश का का नाम रोशन किया, लेकिन वर्तमान में अनेक प्रतिभावान खिलाड़ी अभावों में जीने को मजबूर हैं. गुजारा बसर करने के लिए सब्जी व अन्य छोटे-मोटे काम कर रहे हैं.

खेल प्रतिभाएं
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Published : Sep 12, 2020, 4:03 PM IST

Updated : Sep 12, 2020, 7:52 PM IST

रांचीः राज्य में कई राज्यस्तरीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. खिलाड़ियों की ओर से लगातार सरकार से गुहार लगाई जा रही है कि उनकी ओर सरकार ध्यान दें और जो योजनाएं चल रही है उन योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द उन्हें मिले. इधर सरकार की खेल विभाग भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम उठाया नहीं जा सका है. राज्य में ऐसे कई राज्यस्तरीय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं जो भुखमरी की कगार पर है.

दम तोड़ रहीं खेल प्रतिभाएं

ऐसे सैकड़ों उदाहरण राज्य के विभिन्न जिलों में है और वह खिलाड़ी लगातार राज्य सरकार से गुहार भी लगा रहे हैं. एथलेटिक्स रामचंद्र सांगा, अंतरराष्ट्रीय थ्रोबॉल खिलाड़ी अमनदीप कुमार जैसे सैकड़ों खिलाड़ी हैं जो इन दिनों काफी दयनीय स्थिति में है.

कुछ खिलाड़ी तो सड़कों पर सब्जी बेचकर घर का गुजर-बसर कर रहे हैं, तो कुछ खिलाड़ी खेतों में हल चलाने को विवश हैं. इस पूरे मामले को लेकर जब खेल विभाग से बात की गई तो खेल विभाग की सचिव पूजा सिंघल का कहना है. इस दिशा में सरकार पहल कर रही है.

इस योजना के तहत खिलाड़ियों को चिन्हित किया जा रहा है. खिलाड़ियों से उनके खेल की गतिविधियों की जानकारी भी हासिल की जा रही है. इसके लिए तमाम खेल संघों को भी विशेष निर्देश दिया गया है, कि ताकि वे अपने खिलाड़ियों को चिन्हित करें जो आर्थिक कठिनाई से गुजर रहे हैं.

वहीं इसी मामले को लेकर खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि खेल विभाग की ओर से एक पोर्टल डेवलप किया गया है और इस पोर्टल के माध्यम से खिलाड़ियों से जुड़ी डिटेल मांगी जा रही है. इसमें खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनके लिए नियुक्ति और छात्रवृत्ति की व्यवस्था किस तरीके से किया जाए इस पर मंथन हो रहा है.

रघुवर सरकार के दौरान भी खेल नीति को लेकर चर्चाएं हुईं. रघुवर सरकार के खेल मंत्री अमर कुमार बावरी ने खेल नीति नियमावली को लेकर कई दौर की बैठकें भी कीं. हालांकि रघुवर सरकार की खेल नीति ठंडे बस्ते में चली गई. वहीं हेमंत सरकार बनते ही एक बार फिर खेल नीति को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हुआ. तमाम खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिले.

यह भी पढ़ेंः CM ने की उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा, कहा- विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन दिलाना प्राथमिकता

आर्थिक सहायता हो और नियुक्ति भी सरकारी महकमे में की जा सके. इसे देखते हुए वर्ष 2007 की खेल नीति को संशोधित करने का भी निर्णय लिया गया, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया है और इसी वजह से राज्य के सैकड़ों ऐसे होनहार खिलाड़ी आज आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं.

इस मामले को लेकर जल्द से जल्द राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है नहीं तो आने वाले कल में इस राज्य के खिलाड़ियों का मोहभंग खेल विभाग और खेल क्षेत्र से हो जाएगा

रांचीः राज्य में कई राज्यस्तरीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. खिलाड़ियों की ओर से लगातार सरकार से गुहार लगाई जा रही है कि उनकी ओर सरकार ध्यान दें और जो योजनाएं चल रही है उन योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द उन्हें मिले. इधर सरकार की खेल विभाग भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम उठाया नहीं जा सका है. राज्य में ऐसे कई राज्यस्तरीय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं जो भुखमरी की कगार पर है.

दम तोड़ रहीं खेल प्रतिभाएं

ऐसे सैकड़ों उदाहरण राज्य के विभिन्न जिलों में है और वह खिलाड़ी लगातार राज्य सरकार से गुहार भी लगा रहे हैं. एथलेटिक्स रामचंद्र सांगा, अंतरराष्ट्रीय थ्रोबॉल खिलाड़ी अमनदीप कुमार जैसे सैकड़ों खिलाड़ी हैं जो इन दिनों काफी दयनीय स्थिति में है.

कुछ खिलाड़ी तो सड़कों पर सब्जी बेचकर घर का गुजर-बसर कर रहे हैं, तो कुछ खिलाड़ी खेतों में हल चलाने को विवश हैं. इस पूरे मामले को लेकर जब खेल विभाग से बात की गई तो खेल विभाग की सचिव पूजा सिंघल का कहना है. इस दिशा में सरकार पहल कर रही है.

इस योजना के तहत खिलाड़ियों को चिन्हित किया जा रहा है. खिलाड़ियों से उनके खेल की गतिविधियों की जानकारी भी हासिल की जा रही है. इसके लिए तमाम खेल संघों को भी विशेष निर्देश दिया गया है, कि ताकि वे अपने खिलाड़ियों को चिन्हित करें जो आर्थिक कठिनाई से गुजर रहे हैं.

वहीं इसी मामले को लेकर खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि खेल विभाग की ओर से एक पोर्टल डेवलप किया गया है और इस पोर्टल के माध्यम से खिलाड़ियों से जुड़ी डिटेल मांगी जा रही है. इसमें खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनके लिए नियुक्ति और छात्रवृत्ति की व्यवस्था किस तरीके से किया जाए इस पर मंथन हो रहा है.

रघुवर सरकार के दौरान भी खेल नीति को लेकर चर्चाएं हुईं. रघुवर सरकार के खेल मंत्री अमर कुमार बावरी ने खेल नीति नियमावली को लेकर कई दौर की बैठकें भी कीं. हालांकि रघुवर सरकार की खेल नीति ठंडे बस्ते में चली गई. वहीं हेमंत सरकार बनते ही एक बार फिर खेल नीति को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हुआ. तमाम खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिले.

यह भी पढ़ेंः CM ने की उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा, कहा- विद्यार्थियों को क्वालिटी एजुकेशन दिलाना प्राथमिकता

आर्थिक सहायता हो और नियुक्ति भी सरकारी महकमे में की जा सके. इसे देखते हुए वर्ष 2007 की खेल नीति को संशोधित करने का भी निर्णय लिया गया, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया है और इसी वजह से राज्य के सैकड़ों ऐसे होनहार खिलाड़ी आज आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं.

इस मामले को लेकर जल्द से जल्द राज्य सरकार को ध्यान देने की जरूरत है नहीं तो आने वाले कल में इस राज्य के खिलाड़ियों का मोहभंग खेल विभाग और खेल क्षेत्र से हो जाएगा

Last Updated : Sep 12, 2020, 7:52 PM IST
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