रांची: आरयू के सामुदायिक रेडियो स्टेशन रेडियो खांची 90.4 F.M ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर कोविड-19 महामारी में हिंदी पत्रकारिता की चुनौतियों के विषय पर एक परिचर्चा आयोजित किया.
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वेबिनार के जरिए आयोजित हुआ हिंदी दिवस कार्यक्रम
वेबिनार की अध्यक्षता रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामिनी कुमार ने की. इस अवसर पर उन्होंने कहा की- पत्रकार लीडर्स की तरह होते हैं, जो समाज को एक नई दिशा दिखाते हैं, क्योंकि वो निष्पक्ष होकर खबरों को प्रस्तुत करते हैं, एक निष्पक्ष पत्रकार मजबूत विपक्ष से भी ज्यादा सशक्त होता है, जागरूक समाज पत्रकारिता के आर्थिक तंगी को भी कम कर सकता है. उन्होंने कोरोना से मौत होने वाले पत्रकारों के प्रति संवेदना भी जताई.
कई पत्रकार जुड़े
मुख्य वक्ता के रूप में पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने कहा कि कोरोना के कारण न सिर्फ पत्रकारिता जगत, बल्कि पूरा देश संकट के दौर से गुजर रहा है, पत्रकारिता वर्क फ्रॉम होम की कसौटी पर खरा नहीं उतर सकता, ये समाज के भीतर जाकर की जाने वाली कार्य पद्धति है. उन्होंने असाधारण स्थिति को पत्रकारिता का एक नया जन्म मानते हुए कहा की ऐसी ही परिस्थितियों में हिंदी पत्रकारिता पर विश्वसनीयता हमेशा के लिए कायम हो सकेगी.
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फेक न्यूज वैचारिक आतंकवाद
फेक न्यूज को वैचारिक आतंकवाद की संज्ञा देते हुए अनुज कुमार ने कहा की सोशल मीडिया पत्रकारिता का विकल्प नहीं हो सकता है. वहीं अन्य वरीय पत्रकारों ने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा कि कोरोना काल में भय के माहौल को बनाने से बचना चाहिए, कोविड के समय पत्रकारों ने अस्पतालों के भीतर जाकर रिपोर्टिंग की, जिससे सही चीजें बाहर आ सकीं. इस दौरान सभी वक्ताओं ने अपने निजी अनुभव भी शेयर किया.
रिपोर्टरों को धन्यवाद
परिचर्चा का संचालन डॉ. आनंद कुमार ठाकुर, निदेशक, रेडियो खांची ने किया. उन्होंने कोविड-19 में प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर चुनौतियों और अनुभवों पर प्रश्न रखा. इस परिचर्चा में पत्रकारिता विभाग, रांची विश्वविद्यालय के शिक्षक संकर्षण परिपूर्णन ने रिपोर्टर के रूप में सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया.