नोएडा: 'नेक काम की कोई उम्र नहीं होती' इस कहावत को सच कर दिखाया है 8वीं कक्षा की निहारिका द्विवेदी ने. वह नोएडा के सेक्टर 50 की रहने वाली है. निहारिका ने लॉकडाउन की वजह से दिल्ली के शेल्टर होम में फंसे झारखंड के 3 कामगारों को उनके घर पहुंचाया ह. इसके लिए उसने अपने पिगी बैंक से 48,530 रुपये निकालकर तीनों श्रमिकों को हवाई जहाज से झारखंड भिजवाया और मानवता की मिसाल पेश की.
श्रमिकों की आंखों में देखा दर्द
निहारिका ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि उसने न्यूज के माध्यम से लोगों के दर्द को देखा. उन्होंने अपनी नानी को याद करते हुए कहा कि वह हमेशा कहती थी कि किसी के दर्द को जानना है तो उसकी आंखों में देखो. ऐसे में श्रमिकों का दर्द उनके चेहरे और उनके आंखों में साफ झलक रहा है. देश निर्माण में मजदूरों का बड़ा योगदान रहा है. ऐसे में महामारी के दौरान श्रमिकों की सहायता करना उसका भी फर्ज है.
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सामर्थ्य के हिसाब से गरीबों की मदद
निहारिका ने बताया कि एक ही परिवार के तीन लोगों को उसने झारखंड भेजा है. उसने बताया कि जब मजदूरों को परेशान होते देखा तो अपने पिग्गी बैंक में रखे 48,530 रुपये को निकालकर तीनों श्रमिकों को हवाई जहाज से उनके राज्य झारखंड भिजवाया. निहारिका ने कहा कि नेक काम की कोई उम्र नहीं होती. उसने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ये महामारी का समय है. ऐसे में अपने सामर्थ्य के हिसाब से गरीबों की मदद करें.