रांची: मई का महीना आते ही गर्मी चरम पर होती है. गर्मी की वजह से इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान हो जाते हैं. खासकर ऐसे जानवर जो चिड़ियाघर में उन्हें ज्यादा परेशानी होती है. हालांकि बढ़ती गर्मी के साथ चिड़ियाघर में रह रहे जानवरों के लिए कई उपाय किए जाते हैं. उन्हें ठंडक पहुंचाने के लिए कई तरह के इंतजाम चिड़ियाघर प्रबंधन की तरफ से किए जाते हैं.
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रांची के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में गर्मी को देखते हुए जानवरों के लिए कई उपाय किए गए हैं. चिड़ियाघर प्रबंधन की तरफ से डॉक्टर ओम प्रकाश साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी के बढ़ते ही चिड़ियाघर में जितने भी रेंजर और कर्मचारी होते हैं उनकी एक बैठक की जाती है. बैठक में सभी कर्मचारियों को यह निर्देश दिया जाता है कि जितने भी जानवर हैं उनके हिसाब से उन्हें भोजन और गर्मी में सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. शेर के पिंजरे के बाहर वाटर कूलर लगाया जाता है. इसके अलावा जानवरों के आहार में ग्लूकोन डी को भी शामिल किया जाता है.
चिड़ियाघर में जानवरों की देख रेख कर रहे डॉक्टर ओम प्रकाश साहू ने बताया कि गर्मी के मौसम में मांसहारी जनवारों को सुविधा मुहैया कराना चुनौती होती है. ऐसे में उन जानवरों के भोजन में ठंडक वाले पदार्थ की मिलावट की जाती है ताकि गर्मी के मौसम में जानवर हिंसक ना हो सकें. वहीं उन्होंने बताया कि जो जानवर शाकाहारी हैं, उनके भोजन में भी ग्लूकोन डी या फिर अन्य ठंडक वाले पदार्थ मिलाए जाते हैं, ताकि गर्मी के मौसम में जानवरों को राहत मिल सके.
वहीं, चिड़ियाघर में जानवरों की देखरेख कर रहे संजय ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ समय-समय पर पानी का छिड़काव भी किया जाता है. इसके अलावा जो गड्ढे बनाए जाते हैं उस गढ्ढे को भी समय-समय पर पानी से भर दिया जाता है, ताकि जानवर जाकर उसमें स्नान कर सकें. ईटीवी भारत की टीम ने जब रांची के बिरसा जैविक उद्यान का जायजा लिया तो देखा कि जानवरों की देखरेख के लिए प्रबंधन की तरफ से गर्मी के मौसम में खास इंतजाम किए गए हैं, ताकि चिलचिलाती धूप और गर्मी में जानवरों को राहत मिल सके.