रांची: देर से इंसाफ मिलना इंसाफ नहीं मिलने के ही बराबर है. झारखंड के नए डीजीपी नीरज सिन्हा का यही मानना है. अगर पीड़ित को त्वरित इंसाफ मिल जाए यह उसके लगे घाव पर मरहम के जैसा होता है. यही वजह है कि अब झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने त्वरित इंसाफ दिलाने की दिशा में ठोस काम करना शुरू कर दिया है. डीजीपी ने लंबे समय से किसी न किसी वजह फंसे वैसे कांड जिनका निष्पादन नहीं हुआ है उसे तय सीमा में निष्पादन के लिए योजना बनाई है.
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18 फरवरी को बुलाई अधिकारियों की बैठक18 फरवरी को डीजीपी ने कांडों के जल्द निष्पादन के लिए राज्य के सभी जिलों के एसपी और जोनल डीआईजी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे, बैठक के पहले डीजीपी के आदेश पर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों से अलग-अलग समय से लंबित कांडों की पूरी जानकारी मांगी है.
किस तरह की रिपोर्ट मांगी गई
पुलिस मुख्यालय के तरफ से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से अलग-अलग थानों में दर्ज ऐसे कांड जो 10 साल या फिर उससे अधिक वक्त से लंबित हैं उनकी जानकारी मांगी है.
पुलिस मुख्यालय में यह भी जानकारी मांगी है कि आखिर ऐसी क्या वजह है जिनके कारण कांड 10 साल बीत जाने के बाद भी लंबित है, उनके जांच में क्या परेशानियां आई . जानकारी अभी मांगी गई है कि लंबित कांडों के जांच में वरीय अधिकारियों को क्या तथ्य मिले.