सोनीपत,हरियाणा: सोनीपत एसटीएफ की टीम ने लूट के मामले में 17 साल से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी बदमाश को झारखंड के सरायकेला जिला के चौलीबासा गांव से गिरफ्तार किया है. इनामी बदमाश साल 2004 में जेल से पैरोल लेने के बाद फरार हो गया था, जिसके बाद उसे झारखंड से गिरफ्तार किया गया है.
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बदमाश का नाम धर्मेंद्र है और जिस तरह से वो सोनीपत पुलिस के हाथ लगा है वो काफी दिलचस्प है. दरअसल, धर्मेंद्र नाम बदलकर झारखंड में सालों से रह रहा था. उसने हरियाणा के मशहूर मुरथल के पराठों की तर्ज पर एक होटल खोल लिया था, लेकिन धर्मेंद्र के पराठे उसके इलाके में इतने फेमस हो गए कि सोनीपत एसटीएफ उस तक पहुंच गई.
क्या था मामला?
एसटीएफ प्रभारी सतीश देशवाल ने बताया कि 7 फरवरी, 2000 को गन्नौर में हरियाणा एग्रो सर्विस सेंटर पेट्रोल पंप के मालिक रमेश बत्रा से पिस्तौल और चाकू के बल पर तीन बदमाशों ने लूटपाट की थी. उनके साथ मौजूद नौकर बलदेव को चाकू मारकर 62 हजार रुपये लूटे गए थे. रुपये लेकर दो लुटेरे विकास और सुरेंद्र भाग गए थे, जबकि चाकू मारने वाले धर्मेंद्र को लोगों ने मौके से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था. उसको न्यायालय ने साल 2003 में 20 साल की सजा सुनाई थी. वो साल 2004 में पैरोल पर आकर फरार हो गया था.
बदमाश ने बदला प्रदेश और नाम
एसटीएफ के मुताबिक धर्मेंद्र ने झारखंड में जाकर अपना नाम बदलकर राजेश रख लिया था. इस नाम का पहचान पत्र बनवाकर वो पहले ट्रक पर हेल्पर रहा. उसके बाद रांची के पास जिला सरायकेला खरसावां के गांव चौलीबासा में हाईवे पर हरियाणा-पंजाब के नाम से होटल खोल दिया. उसने मुरथल के ढाबों के नाम पर मशहूर पराठे बनाकर खिलाने शुरू कर दिए.
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उसने साल 2008 में सरायकेला खरसावां जिला में ही शादी कर ली. उसके होटल के परांठे आसपास के क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध हो गए. जिसका पता लगने पर एसटीएफ ने अब उसे झारखंड से दबोच लिया है. आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी.
पराठों की प्रसिद्धी से पकड़ा गया बदमाश
झारखंड में हरियाणा-पंजाब के नाम से होटल होने पर एसटीएफ को भी सूचना मिली थी. अपने पराठों की प्रसिद्धी होना ही धर्मेंद्र के लिए परेशानी बन गया और वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस ने जब उसके बारे में पता लगाया तो जानकारी मिली कि वो चटिया औलिया गांव का धर्मेंद्र है. वो गन्नौर थाना का भगौड़ा है और उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम है.
झारखंड में बसाया घर, खोला होटल
एसटीएफ ने जब उसकी जानकारी जुटानी शुरू की तो पता लगा कि राजेश के नाम पर उसने फर्जी पहचान पत्र बनवा रखा है. उसने साल 2008 में झारखंड की ही एक युवती से शादी कर ली थी. उसके बाद उसके दो बच्चे हैं, जिनके साथ वो रह रहा था.