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एसटी-एससी के लिए कुछ शराब दुकानें की जाएंगी आरक्षित, सीएम सोरेन ने नियमावली बनाने का दिया निर्देश

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Published : Dec 17, 2020, 7:33 PM IST

झारखंड में अवैध रूप से शराब का कारोबार करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सूबे में एसटी और एससी समुदाय के लोगों के लिए कुछ शराब दुकानों को आरक्षित किया जा सकता है.

सीएम सोरेन
सीएम सोरेन

रांचीः राज्य में नकली शराब बनाकर बेचने वालों और अवैध रूप से शराब का कारोबार करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि अवैध रूप से बनाए गए शराब के सेवन से होने वाले संभावित खतरों से लोगों को बचाना सबकी जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विशेष कार्य योजना बनाकर राजस्व संग्रह बढ़ाने का भी निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एसटी और एससी समुदाय के ऐसे लोग जो वाइन शॉप खोलने के लिए लाइसेंस लेने में सक्षम हैं उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके लिए नियमावली में संशोधन कर कुछ शराब दुकानों को आरक्षित किया जा सकता है.

उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को एक टोल फ्री नंबर जारी करने को कहा है. ताकि आम लोग अवैध शराब और सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों में हेरफेर करने वाले माफिया और दुकानदारों की शिकायत कर सकें. सीएम ने कहा कि उत्पाद विभाग में उत्पाद सिपाहियों की कमी है. इसकी भरपाई होमगार्ड जवानों से की जा सकती है.

विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोविड-19 के कारण माह नवंबर 2020 तक 1025 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण हुआ है.

क्योंकि कोविड-19 महामारी को लेकर सभी खुदरा उत्पाद दुकानें 22 मार्च 2020 से लेकर 19 मई 2020 तक बंद रही. विभागीय सचिव ने जानकारी दी कि राज्य को प्राप्त होने वाले कुल उत्पाद राजस्व का 90 से 95% मुख्यतः खुदरा उत्पाद दुकानों के संचालन से प्राप्त होता है.

नई कार्य योजनाओं के संबंध में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 मे उत्पाद रसायन प्रयोगशाला प्रारंभ किया जाना है इसके लिए ई-निविदा आमंत्रित की जा चुकी है.

यह भी पढ़ेंः संत जेवियर स्कूल से निष्कासित बच्चों के मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी

अवैध विदेशी मदिरा को रोकने के लिए 70 से 80 रुपए तक के रेंज में विदेशी मदिरा इंट्रोड्यूस करने हेतु एक्साइज ड्यूटी में कमी का प्रस्ताव लाया जा रहा है. झारखंड राज्य में सभी डिस्टीलरीज/ बेवरेज और बॉटलिंग अनुज्ञप्ति इकाइयों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मास फॉलोमीटर, रडार लेवल ट्रांसमीटर, सेंसर बेस्ड बोतल काउंटर आदि का अधिष्ठापन 1 अप्रैल 2021 से अनिवार्य कर दिया जाएगा.

महुआ से बनी देसी शराब की बिक्री हेतु ओडिसा राज्य की तरह Outstill Shops की व्यवस्था करना है, इससे महुआ से बने शराब कारोबारियों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा एवं राज्य को राजस्व भी प्राप्त होगा.

समीक्षा बैठक में विकास आयुक्त के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, उत्पाद एवं मध निषेध विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र कुमार सिंह सहित विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

रांचीः राज्य में नकली शराब बनाकर बेचने वालों और अवैध रूप से शराब का कारोबार करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश दिया है.

उन्होंने कहा कि अवैध रूप से बनाए गए शराब के सेवन से होने वाले संभावित खतरों से लोगों को बचाना सबकी जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विशेष कार्य योजना बनाकर राजस्व संग्रह बढ़ाने का भी निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एसटी और एससी समुदाय के ऐसे लोग जो वाइन शॉप खोलने के लिए लाइसेंस लेने में सक्षम हैं उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके लिए नियमावली में संशोधन कर कुछ शराब दुकानों को आरक्षित किया जा सकता है.

उन्होंने विभागीय पदाधिकारियों को एक टोल फ्री नंबर जारी करने को कहा है. ताकि आम लोग अवैध शराब और सरकार द्वारा निर्धारित कीमतों में हेरफेर करने वाले माफिया और दुकानदारों की शिकायत कर सकें. सीएम ने कहा कि उत्पाद विभाग में उत्पाद सिपाहियों की कमी है. इसकी भरपाई होमगार्ड जवानों से की जा सकती है.

विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोविड-19 के कारण माह नवंबर 2020 तक 1025 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रहण हुआ है.

क्योंकि कोविड-19 महामारी को लेकर सभी खुदरा उत्पाद दुकानें 22 मार्च 2020 से लेकर 19 मई 2020 तक बंद रही. विभागीय सचिव ने जानकारी दी कि राज्य को प्राप्त होने वाले कुल उत्पाद राजस्व का 90 से 95% मुख्यतः खुदरा उत्पाद दुकानों के संचालन से प्राप्त होता है.

नई कार्य योजनाओं के संबंध में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 मे उत्पाद रसायन प्रयोगशाला प्रारंभ किया जाना है इसके लिए ई-निविदा आमंत्रित की जा चुकी है.

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अवैध विदेशी मदिरा को रोकने के लिए 70 से 80 रुपए तक के रेंज में विदेशी मदिरा इंट्रोड्यूस करने हेतु एक्साइज ड्यूटी में कमी का प्रस्ताव लाया जा रहा है. झारखंड राज्य में सभी डिस्टीलरीज/ बेवरेज और बॉटलिंग अनुज्ञप्ति इकाइयों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मास फॉलोमीटर, रडार लेवल ट्रांसमीटर, सेंसर बेस्ड बोतल काउंटर आदि का अधिष्ठापन 1 अप्रैल 2021 से अनिवार्य कर दिया जाएगा.

महुआ से बनी देसी शराब की बिक्री हेतु ओडिसा राज्य की तरह Outstill Shops की व्यवस्था करना है, इससे महुआ से बने शराब कारोबारियों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा एवं राज्य को राजस्व भी प्राप्त होगा.

समीक्षा बैठक में विकास आयुक्त के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, उत्पाद एवं मध निषेध विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त सचिव वीरेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र कुमार सिंह सहित विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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