रांचीः झारखंड भले ही खनिज संसाधनों से धनी राज्य हो पर आज भी यहां के लोगों की आजीविका का बड़ा साधन कृषि ही है. लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां के किसान सिंचाई के लिए मुख्य रूप से वर्षा जल पर ही निर्भर हैं. इस परिस्थिति को बदलने के लिए बहुफसलीय खेती में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाओं (solar energy based lift irrigation system in Jharkhand scheme) को बढ़ावा दिया जा रहा है. राज्य सरकार पूरे राज्य में सौर ऊर्जा की इस योजना को लागू करने की ओर आगे बढ़ रही है.
इसके तहत विभिन्न जिलों में सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली (solar energy based lift irrigation system in Jharkhand)स्थापित की जा रही है. खासकर सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उन क्षेत्रों में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां किसानों को सिंचाई के लिए साल भर पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है. इससे किसानों को नुकसान होता है जिसकी वजह से किसान की खेती मानसून की बारिश पर निर्भर होकर रह जाती है. इसका नतीजा यह होता है कि वे सिंचाई के लिए पानी के अभाव में अपनी खेत में साल में एक ही फसल उगा पाते हैं. इससे किसान की आर्थिक सेहत तो प्रभावित होती ही है. कृषि पर आधारित झारखंड की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है. लेकिन अब इन हालात को बदलने के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है.
किसानों को लाभान्वित करने के लिए अधिक से अधिक पंप इकाइयां स्थापित करने की दिशा में प्रदेश में कार्य हो रहा है. विभिन्न प्रखंडों से सिंचाई सुविधा से संबधित रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि सिंचाई सुविधा से वंचित किसानों को लाभान्वित किया जा सके. इसके अलावा हम जिले के विभिन्न हिस्सों में सौर ऊर्जा आधारित मोबाइल सिंचाई इकाइयों के किर्यान्वयन पर बी काम किया जा रहा है. इससे छोटे समूहों या पहाड़ी इलाकों में काम करनेवाले किसानों को मदद मिलेगी. वहीं बंद पड़ी खदानों के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग करने पर भी काम किया जा रहा है.