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झारखंड की अर्थव्यवस्था होगी लिफ्ट, सरकार का यह है प्लान

कृषि आधारित झारखंड की अर्थव्यवस्था के कायापलट के लिए प्रशासन भूमि को सिंचित करने और खेत को बहुफसली बनाने का प्लान बनाया है. इसके लिए बहुफसली खेती और सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसका छह हजार से ज्यादा परिवार लाभ भी उठा चुके हैं.

झारखंड की अर्थ व्यवस्था होगी लिफ्ट
झारखंड की अर्थ व्यवस्था होगी लिफ्ट
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Published : Oct 26, 2021, 9:26 AM IST

Updated : Oct 26, 2021, 10:20 AM IST

रांचीः झारखंड भले ही खनिज संसाधनों से धनी राज्य हो पर आज भी यहां के लोगों की आजीविका का बड़ा साधन कृषि ही है. लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां के किसान सिंचाई के लिए मुख्य रूप से वर्षा जल पर ही निर्भर हैं. इस परिस्थिति को बदलने के लिए बहुफसलीय खेती में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाओं (solar energy based lift irrigation system in Jharkhand scheme) को बढ़ावा दिया जा रहा है. राज्य सरकार पूरे राज्य में सौर ऊर्जा की इस योजना को लागू करने की ओर आगे बढ़ रही है.

ये भी पढ़ें-सौर ऊर्जा से जगमगाया पाकुड़ सिविल कोर्ट, चीफ जस्टिस बोले- मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर से न्यायिक प्रक्रिया में आती है तेजी

इसके तहत विभिन्न जिलों में सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली (solar energy based lift irrigation system in Jharkhand)स्थापित की जा रही है. खासकर सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उन क्षेत्रों में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां किसानों को सिंचाई के लिए साल भर पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है. इससे किसानों को नुकसान होता है जिसकी वजह से किसान की खेती मानसून की बारिश पर निर्भर होकर रह जाती है. इसका नतीजा यह होता है कि वे सिंचाई के लिए पानी के अभाव में अपनी खेत में साल में एक ही फसल उगा पाते हैं. इससे किसान की आर्थिक सेहत तो प्रभावित होती ही है. कृषि पर आधारित झारखंड की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है. लेकिन अब इन हालात को बदलने के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है.

solar energy based lift irrigation system
झारखंड की अर्थ व्यवस्था होगी लिफ्ट
बोकारो में होगी 48 इकाइयों की स्थापनाराज्य सरकार की ओर से सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली की स्थापना के लिए पूरे राज्य में काम कराया जा रहा है. बोकारो की बात करें तो यहां सिंचाई की सुविधाके लिए 500 एकड़ भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई प्रणाली योजना के तहत लाया जा रहा है. अबतक जिले के लगभग 480 किसान परिवार इस योजना से जुड़ चुके हैं. हर पंप इकाई में 5 एचपी की क्षमता है, एक पंप हाउस में 05 किलोवाट का सौर पैनल है जो 10-12 एकड़ भूमि के कवरेज के साथ एक सिंचाई चैनल के 300 मीटर को कवर करता है. बोकारो में ऐसी कुल 48 ऐसी इकाइयां स्थापित की जानी हैं, जो लगभग 500 एकड़ भूमि को सिंचित करेंगी.लातेहार और सिमडेगा में 600 से अधिक सोलर लिफ्ट सिंचाई इकाइयां स्थापित लातेहार और सिमडेगा जिलों में भी किसानों को लाभ पहुंचाने और बहुफसलीय खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तकनीक को अपनाया गया है. लातेहार में लगभग 100 इकाइयों को स्थापित करते हुए 1000 एकड़ से अधिक भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई सुविधा के तहत कवर किया गया है, जबकि सिमडेगा में 105 से अधिक सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे जिले भर के लगभग 5000 परिवारों को लाभ हुआ है.सौर ऊर्जा आधारित मोबाइल सिंचाई इकाइयों की स्थापना

किसानों को लाभान्वित करने के लिए अधिक से अधिक पंप इकाइयां स्थापित करने की दिशा में प्रदेश में कार्य हो रहा है. विभिन्न प्रखंडों से सिंचाई सुविधा से संबधित रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि सिंचाई सुविधा से वंचित किसानों को लाभान्वित किया जा सके. इसके अलावा हम जिले के विभिन्न हिस्सों में सौर ऊर्जा आधारित मोबाइल सिंचाई इकाइयों के किर्यान्वयन पर बी काम किया जा रहा है. इससे छोटे समूहों या पहाड़ी इलाकों में काम करनेवाले किसानों को मदद मिलेगी. वहीं बंद पड़ी खदानों के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग करने पर भी काम किया जा रहा है.

रांचीः झारखंड भले ही खनिज संसाधनों से धनी राज्य हो पर आज भी यहां के लोगों की आजीविका का बड़ा साधन कृषि ही है. लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां के किसान सिंचाई के लिए मुख्य रूप से वर्षा जल पर ही निर्भर हैं. इस परिस्थिति को बदलने के लिए बहुफसलीय खेती में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाओं (solar energy based lift irrigation system in Jharkhand scheme) को बढ़ावा दिया जा रहा है. राज्य सरकार पूरे राज्य में सौर ऊर्जा की इस योजना को लागू करने की ओर आगे बढ़ रही है.

ये भी पढ़ें-सौर ऊर्जा से जगमगाया पाकुड़ सिविल कोर्ट, चीफ जस्टिस बोले- मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर से न्यायिक प्रक्रिया में आती है तेजी

इसके तहत विभिन्न जिलों में सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली (solar energy based lift irrigation system in Jharkhand)स्थापित की जा रही है. खासकर सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उन क्षेत्रों में स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां किसानों को सिंचाई के लिए साल भर पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है. इससे किसानों को नुकसान होता है जिसकी वजह से किसान की खेती मानसून की बारिश पर निर्भर होकर रह जाती है. इसका नतीजा यह होता है कि वे सिंचाई के लिए पानी के अभाव में अपनी खेत में साल में एक ही फसल उगा पाते हैं. इससे किसान की आर्थिक सेहत तो प्रभावित होती ही है. कृषि पर आधारित झारखंड की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है. लेकिन अब इन हालात को बदलने के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है.

solar energy based lift irrigation system
झारखंड की अर्थ व्यवस्था होगी लिफ्ट
बोकारो में होगी 48 इकाइयों की स्थापनाराज्य सरकार की ओर से सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली की स्थापना के लिए पूरे राज्य में काम कराया जा रहा है. बोकारो की बात करें तो यहां सिंचाई की सुविधाके लिए 500 एकड़ भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई प्रणाली योजना के तहत लाया जा रहा है. अबतक जिले के लगभग 480 किसान परिवार इस योजना से जुड़ चुके हैं. हर पंप इकाई में 5 एचपी की क्षमता है, एक पंप हाउस में 05 किलोवाट का सौर पैनल है जो 10-12 एकड़ भूमि के कवरेज के साथ एक सिंचाई चैनल के 300 मीटर को कवर करता है. बोकारो में ऐसी कुल 48 ऐसी इकाइयां स्थापित की जानी हैं, जो लगभग 500 एकड़ भूमि को सिंचित करेंगी.लातेहार और सिमडेगा में 600 से अधिक सोलर लिफ्ट सिंचाई इकाइयां स्थापित लातेहार और सिमडेगा जिलों में भी किसानों को लाभ पहुंचाने और बहुफसलीय खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तकनीक को अपनाया गया है. लातेहार में लगभग 100 इकाइयों को स्थापित करते हुए 1000 एकड़ से अधिक भूमि को सौर लिफ्ट सिंचाई सुविधा के तहत कवर किया गया है, जबकि सिमडेगा में 105 से अधिक सौर ऊर्जा आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे जिले भर के लगभग 5000 परिवारों को लाभ हुआ है.सौर ऊर्जा आधारित मोबाइल सिंचाई इकाइयों की स्थापना

किसानों को लाभान्वित करने के लिए अधिक से अधिक पंप इकाइयां स्थापित करने की दिशा में प्रदेश में कार्य हो रहा है. विभिन्न प्रखंडों से सिंचाई सुविधा से संबधित रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि सिंचाई सुविधा से वंचित किसानों को लाभान्वित किया जा सके. इसके अलावा हम जिले के विभिन्न हिस्सों में सौर ऊर्जा आधारित मोबाइल सिंचाई इकाइयों के किर्यान्वयन पर बी काम किया जा रहा है. इससे छोटे समूहों या पहाड़ी इलाकों में काम करनेवाले किसानों को मदद मिलेगी. वहीं बंद पड़ी खदानों के पानी का सिंचाई के लिए उपयोग करने पर भी काम किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 26, 2021, 10:20 AM IST
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