रांचीः झारखंड के ग्रामीण व्यवस्था को संभालने में मनरेगा से जुड़ी योजनाएं मील का पत्थर साबित हुई हैं. झारखंड बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि मनरेगा के तहत रिकॉर्ड मानव दिवस का सृजन हुआ है.
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दिनों झारखंड दौरे पर है जम्मू कश्मीर की टीम
खास बात है कि जरूरतमंदों को काम मुहैया कराने के बीच मनरेगा की योजनाएं सवालों के घेरे में रही हैं. इस पर नकेल कसने के लिए झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग विशेष रूप से सोशल ऑडिट करा रहा है, जिसका असर दिखने लगा है. झारखंड की इस व्यवस्था को सीखने और अपने राज्य में लागू करने के लिए जम्मू कश्मीर की एक टीम इन दिनों झारखंड दौरे पर है. इस दल का नेतृत्व वहां की सोशल ऑडिट यूनिट की निदेशक शाफिया कर रही हैं, उनके साथ आए हैं जमीर अहमद वानी, बंशीलाल शर्मा, बुबी रानी, हिलाल अहमद यत्तु और शौकत अहमद 23 फरवरी को सात दिवसीय दौरे पर आए हैं. इस डेलिगेशन ने झारखंड के कई जिलों में घूम कर मनरेगा योजनाओं के सोशल ऑडिट के तौर-तरीके को समझा.
कई राज्यों में प्रशिक्षण दे चुकी है टीम
इस टीम ने रामगढ़ जिले के पतरातू प्रखंड में बिरसा हरित ग्राम योजना के सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया के अंतर्गत प्रखंड स्तरीय सुनवाई ने शिरकत की. 25 फरवरी से यह दल रांची जिला के नगड़ी प्रखंड के दो पंचायतों में झारखंड के सोशल ऑडिट टीम के साथ रह कर पूरी प्रक्रिया समझने का प्रयास कर रही है. 26 फरवरी को इस दल ने सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार से भेंट कर सामजिक अंकेक्षण प्रक्रिया में प्रशासकीय और वित्तीय सहयोग और स्वतंत्रता की बारीकियों को समझने का प्रयास किया. झारखंड की सामाजिक अंकेक्षण की टीम उत्तराखंड, हरियाणा, बिहार और जम्मू कश्मीर जाकर प्रशिक्षण दे चुकी है.