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किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू, सेब की फसल के लिए है नुकसानदायक

किन्नौर में दो दिनों से बारिश जारी है, जिसके चलते जिला के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से सेब की फसल को नुकसान भी हो सकता है. क्योंकि इन दिनों सेब के पेड़ों में फ्लावरिंग भी शुरू हुई है. इस दौरान मौसम ठंडा होता है, जिसके कारण सेब की फसल को नुकसान होने की अधिक सम्भावना भी रहती है.

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Published : Apr 21, 2021, 2:15 PM IST

किन्नौर: जिला किन्नौर में दो दिनों से बारिश जारी हैं, जिसके चलते जिला के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. जिला के कल्पा में तापमान माइन्स 8 डिग्री नीचे गिरा है. जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्र कल्पा, छितकुल, रकच्छम, हंगरनग घाटी, भावा घाटी, नेसङ्ग, आसरंग, लिप्पा में 6 इंच के आसपास बर्फबारी की सूचना मिली है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- झारखंड में बदला मौसम का मिजाज, अगले 3 दिनों तक बारिश के साथ वज्रपात की आशंका

बर्फबारी से सेब की फसल हो सकता है नुकसान

जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से सेब की फसल को नुकसान भी हो सकता है. क्योंकि इन दिनों सेब के पेड़ों में फ्लावरिंग भी शुरू हुई है. इस दौरान मौसम ठंडा होता है, जिसके कारण सेब की फसल को नुकसान होने की अधिक सम्भावना भी रहती है. जिले के निचले क्षेत्रों में भी भारी बारिश से ठंड हो चुकी है. वहीं, क्षेत्र में लोग ठंड के चलते घरों में दुबके हुए है.

ऐसे मौसम में सफर न करने की हिदायत

बता दें कि जिला में मौसम इसी तरह रहा तो नदी नालों में बाढ़ व बड़े नालों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों से ग्लेशियर का खतरा भी हो सकता है. वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से भी लोगों को ऐसे मौसम में सफर न करने की हिदायत दी गयी है, ताकि किसी के जानमाल का नुकसान न हो.

किन्नौर: जिला किन्नौर में दो दिनों से बारिश जारी हैं, जिसके चलते जिला के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. जिला के कल्पा में तापमान माइन्स 8 डिग्री नीचे गिरा है. जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्र कल्पा, छितकुल, रकच्छम, हंगरनग घाटी, भावा घाटी, नेसङ्ग, आसरंग, लिप्पा में 6 इंच के आसपास बर्फबारी की सूचना मिली है.

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बर्फबारी से सेब की फसल हो सकता है नुकसान

जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से सेब की फसल को नुकसान भी हो सकता है. क्योंकि इन दिनों सेब के पेड़ों में फ्लावरिंग भी शुरू हुई है. इस दौरान मौसम ठंडा होता है, जिसके कारण सेब की फसल को नुकसान होने की अधिक सम्भावना भी रहती है. जिले के निचले क्षेत्रों में भी भारी बारिश से ठंड हो चुकी है. वहीं, क्षेत्र में लोग ठंड के चलते घरों में दुबके हुए है.

ऐसे मौसम में सफर न करने की हिदायत

बता दें कि जिला में मौसम इसी तरह रहा तो नदी नालों में बाढ़ व बड़े नालों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों से ग्लेशियर का खतरा भी हो सकता है. वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से भी लोगों को ऐसे मौसम में सफर न करने की हिदायत दी गयी है, ताकि किसी के जानमाल का नुकसान न हो.

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