रांचीः राज्य में 1 अगस्त से निजी हाथों में शराब की बिक्री शुरू हो जाएगी. राज्य सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया शुरु कर दी है. भारी भरकम लाइसेंस फी (License Fee) होने से स्थानीय शराब कारोबारी परेशान हैं. वहीं सरकार के इस निर्णय से सिंडिकेट की चांदी होगी.
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शराब बिक्री निजी हाथों में सौंपने का फैसला
सरकार ने शराब बिक्री निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया था. इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई. अब राज्य में शराब के कारोबार पर सिंडिकेट राज कायम होने का रास्ता साफ हो गया है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग (Excise and Prohibition Department) ने झारखंड मदिरा का भंडारण और थोक बिक्री नियमावली-2021 के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी.
शराब बिक्री के लिए कॉर्डिनेटर की भूमिका
विभाग की ओर से जारी नियम के अनुसार झारखंड राज्य बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (Beverages Corporation Limited) अब राज्य में शराब बिक्री के लिए कॉर्डिनेटर की भूमिका में रहेगा. राज्य में शराब की थोक बिक्री का लाइसेंस लेने से पहले आपको भारी भरकम राशि सरकार के खाते में जमा करनी होगी.
पांच वर्षों का अग्रिम लाइसेंस
शराब के कारोबार पर सिंडिकेट हावी होने वाला है. सरकार की ओर से निर्धारित लाइसेंस की प्रक्रिया में भारी भरकम राशि जमा करनी होगी. 1 अगस्त से निजी हाथों में शराब बिक्री की हो रही तैयारी के लिए 21 अगस्त से आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी. सरकार ने टेंडर में शामिल होने के लिए आवेदन शुल्क के अलावा पांच वर्षों का अग्रिम लाइसेंस फी जमा करने को कहा है. आवेदन के साथ सिक्योरिटी मनी और लाइसेंस (Security money and license fee) फी हर जिला के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई है.
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सभी जिला के लिए निर्धारित सिक्योरिटी मनी और लाइसेंस फी
रांची, पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर और धनबाद में सिक्योरिटी मनी 50 लाख निर्धारित है. जबकि लाइसेंस फी 1 करोड़ है. वहीं बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, पलामू और देवघर में सिक्योरिटी मनी 25 लाख और लाइसेंस फी 50 लाख निर्धारित है. रामगढ़, पश्चिम सिंहभूम चाइबासा, सरायकेला खरसावां, कोडरमा, दुमका, गढ़वा, साहिबगंज, गोड्डा और चतरा में सिक्योरिटी मनी 15 लाख और लाइसेंस फी 30 लाख है. पाकुड़, जामताड़ा, गुमला, सिमडेगा, लातेहार, लोहरदगा, खूंटी में सिक्योरिटी मनी 10 लाख और लाइसेंस फी 20 लाख निर्धारित है.
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लाइसेंस की राशि एकमुश्त पांच वर्षों के लिए
निर्देश के अनुसार लाइसेंस की राशि एकमुश्त पांच वर्षों के लिए जमा करनी होगी. जबकि लाइसेंस उन्हें एक वर्ष के लिए मिलेगा, जिसका रिनुअल पांच वर्षों तक किया जा सकेगा. सरकार के इस नियम से रांची में शराब का स्टॉकिस्ट बनने के लिए पांच करोड़ लाइसेंस फी और 50 लाख टेंडर में शामिल होने के लिए सरकार के खाते में जमा करनी होगी. उसके बाद एक से अधिक आवेदन आने पर ऊंची बोली लगाने वाले को लाइसेंस मिलेगा.
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झारखंड शराब विक्रेता संघ का विरोध
सरकार की ओर से भारी-भरकम राशि जमा कराने से छोटे और स्थानीय व्यवसायी इसमें शामिल नहीं हो पाएंगे. झारखंड शराब विक्रेता संघ (Jharkhand Liquor Vendor Association) ने सरकार के नए नियम का विरोध किया है. संघ के राज्य सचिव सुबोध जायसवाल ने सरकार की ओर से निर्धारित मापदंड पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इससे कहीं ना कहीं झारखंड के बाहर के बड़े शराब व्यवसायी को लाभ मिलेगा. वहीं खुदरा शराब व्यवसाय से जुड़े बिरेंद्र साहू ने सरकार से टेंडर के आवेदन की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है.