रांची: रक्षाबंधन का त्योहार पूरा देश मना रहा है. वहीं, राजधानी में भी बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मना रहीं हैं. इस बार छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पेड़ को राखी बांधी है. राजधानी की छात्राओं ने डोरंडा स्थित सबसे पुराने कल्पतरु के पेड़ को सबसे बड़ी राखी बांधी.
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मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एनके सिंह (NK Singh, senior officer of forest department) ने बताया कि छात्राओं की ओर से पेड़ को राखी बांधकर रक्षाबंधन मनाने का त्योहार वाकई में सराहनीय है, क्योंकि पेड़ ही मानव जाति की रक्षा करता है और पेड़ को बचाना हमारा धर्म है. उन्होंने बताया कि रांची में कल्पतरु का पेड़ सबसे पुराना पेड़ है. लगभग 300 साल से ये पेड़ राजधानी के लोगों को स्वच्छ हवा मुहैया करा रहा है. इसीलिए रक्षाबंधन के दिन इस पेड़ को भाई मानकर छात्राओं ने रक्षाबंधन का त्योहार मनाया. पर्यावरण संरक्षण का ये संदेश दूर-दूर तक ले जाता है.
पेड़ को सुरक्षित रखने की प्रार्थना
वहीं, राखी बांधने के बाद छात्राओं ने इस पवित्र त्योहार पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि एक पेड़ 100 भाई के बराबर होता है. तेजस्वी नाम की छात्रा कहती हैं कि रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी इसलिए बांधती हैं, ताकि वह सुरक्षित रहें और अपनी बहन की भी रक्षा कर सकें. इसीलिए आज हमने इस पेड़ को राखी बांधकर इसे सुरक्षित रखने की प्रार्थना की है ताकि इस पेड़ से मिलने वाले स्वच्छ वातावरण से हम बहनें भी स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें. कल्पतरु पेड़ को राखी बांधने के बाद छात्रा सोनाली बताती हैं कि कोरोना काल में हमें ये एहसास हो गया कि पेड़ को बचाना कितना जरूरी है.
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कोरोना काल में समझ आया ऑक्सीजन का महत्व
कोरोना काल में लोग एक सिलेंडर ऑक्सीजन के लिए तरस रहे थे और उनकी जान जा रही थी. इस पेड़ के माध्यम से ना जाने हमें कितने सिलेंडर ऑक्सीजन रोज प्राप्त होते हैं. इसीलिए रक्षाबंधन के दिन हमने रांची के सबसे पुराने पेड़ को राखी बांधकर लोगों के बीच यह संदेश दिया है कि पेड़ की रक्षा करें और समाज में ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करें. रक्षाबंधन के दिन पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश देने के लिए छात्राओं ने रांची के सबसे पुराने पेड़ को राखी बांधकर संदेश दिया है कि लोग ज्यादा से ज्यादा अपने आसपास पौधे लगाएं और बड़े पेड़ों की रक्षा करें. इससे कभी भी लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.