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झारखंड में लागू होगी समान काम, समान वेतन की नीति, CM सोरेन बोले जल्द निर्णय लेगी सरकार

झारखंड में वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने की पहल सरकार करने जा रही है. प्रदेश में समान काम, समान वेतन लागू होगा.

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Published : Mar 17, 2020, 2:42 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 2:58 PM IST

रांचीः राज्य में जल्द ही समान काम, समान वेतन की नीति लागू होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेने जा रही है. उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे निजात पाने की सरकार कोशिश कर रही है.

दरअसल कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह के जवाब में उन्होंने कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने समेत कई चीजें हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार फैसला लेगी. इसके लिए प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन भी किया गया है.

कांग्रेस विधायक ने उठाया था सवाल

दरअसल सिंह के रांची से बाहर होने के कारण कांग्रेस के राजेश कच्छप को उनके सवाल के लिए अधिकृत किया गया था. अपने सवाल में उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार हाई लेवल कमेटी बनाकर वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने पर विचार कर रही है. इस मामले में प्रदीप यादव और स्टीफन मरांडी ने भी अपनी बात रखी. मरांडी ने कहा कि एकीकृत बिहार में भी वे इस तरह का सवाल उठाते रहे हैं.

कोढ़ है वित्त रहित शिक्षा नीति

मरांडी ने कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति में कम सैलरी में शिक्षक पढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को एक उच्चस्तरीय समिति बनाकर सिर्फ जरूरत भर संस्थानों को खुला रखने की पहल करनी चाहिए.

यह भी पढ़ेंः रांचीः CAA धरने के दौरान माहौल बिगाड़ने का प्रयास, सदन में उठा मामला

कांग्रेस विधायक सिंह ने अपने सवाल में यह भी पूछा था कि प्रदेश में वित्त रहित इंटरमीडिएट कॉलेज, स्थापना अनुमति कॉलेज, हाईस्कूल, संस्कृत विद्यालय और मदरसा सहित 1,250 शिक्षण संस्थान के लिए सरकार अनुदान देती है.

वहीं इस अवसर पर सदन में स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो ने कांग्रेस के नमन विक्सल कोंगाड़ी को सत्तारूढ़ गठबंधन के उप मुख्य सचेतक और कांग्रेस की ही विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह को पार्टी द्वारा सचेतक बनाये जाने की घोषणा की.

रांचीः राज्य में जल्द ही समान काम, समान वेतन की नीति लागू होगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेने जा रही है. उन्होंने कहा कि बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे निजात पाने की सरकार कोशिश कर रही है.

दरअसल कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह के जवाब में उन्होंने कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने समेत कई चीजें हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार फैसला लेगी. इसके लिए प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन भी किया गया है.

कांग्रेस विधायक ने उठाया था सवाल

दरअसल सिंह के रांची से बाहर होने के कारण कांग्रेस के राजेश कच्छप को उनके सवाल के लिए अधिकृत किया गया था. अपने सवाल में उन्होंने पूछा था कि क्या सरकार हाई लेवल कमेटी बनाकर वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने पर विचार कर रही है. इस मामले में प्रदीप यादव और स्टीफन मरांडी ने भी अपनी बात रखी. मरांडी ने कहा कि एकीकृत बिहार में भी वे इस तरह का सवाल उठाते रहे हैं.

कोढ़ है वित्त रहित शिक्षा नीति

मरांडी ने कहा कि वित्त रहित शिक्षा नीति में कम सैलरी में शिक्षक पढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार को एक उच्चस्तरीय समिति बनाकर सिर्फ जरूरत भर संस्थानों को खुला रखने की पहल करनी चाहिए.

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कांग्रेस विधायक सिंह ने अपने सवाल में यह भी पूछा था कि प्रदेश में वित्त रहित इंटरमीडिएट कॉलेज, स्थापना अनुमति कॉलेज, हाईस्कूल, संस्कृत विद्यालय और मदरसा सहित 1,250 शिक्षण संस्थान के लिए सरकार अनुदान देती है.

वहीं इस अवसर पर सदन में स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो ने कांग्रेस के नमन विक्सल कोंगाड़ी को सत्तारूढ़ गठबंधन के उप मुख्य सचेतक और कांग्रेस की ही विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह को पार्टी द्वारा सचेतक बनाये जाने की घोषणा की.

Last Updated : Mar 17, 2020, 2:58 PM IST
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