रांची: महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर अब झारखंड में सत्तारूढ़ बीजेपी के ऊपर साफ देखने को मिल रहा है. दरअसल, दोनों राज्यों के चुनावों को लेकर आए एग्जिट पोल से उत्साहित पार्टी ने प्रदेश में काफी तैयारियां कर रखी थी. सूत्रों का यकीन करें तो बाकायदा मिठाइयां और पटाखे की व्यवस्था भी कर ली गई थी. हालांकि, बीजेपी दफ्तर में सुबह में मिलाजुला माहौल देखने को मिला, लेकिन दोपहर के बाद सन्नाटा पसरना शुरू हो गया.
हालत यह हो गई कि बीजेपी कार्यालय में इन चुनाव नतीजों को लेकर कोई रिएक्शन देने को भी तैयार नहीं हो रहा था. हालांकि, पार्टी के कुछ नेताओं ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी, लेकिन कुल मिलाकर पार्टी कार्यालय में सन्नाटा नजर आया. काफी मशक्कत के बाद पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि लोगों ने वहां प्रो इनकंबेंसी के तहत वोट दिया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की भौगोलिक स्थिति और झारखंड की सामाजिक और भौगोलिक स्थिति में काफी अंतर है इसलिए दोनों राज्यों को मिलाकर देखना सही नहीं होगा.
दरअसल, हरियाणा में बीजेपी ने 75 प्लस का लक्ष्य रखा था. झारखंड में भी इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव संभावित हैं और यहां भी बीजेपी ने 65 प्लस का लक्ष्य रखा है. पार्टी के एक नेता ने नाम न लिखने की शर्त पर कहा कि अब झारखंड में भी एक बार सोचना पड़ेगा कि इलेक्शन स्ट्रेटजी और मजबूत कैसे की जाए.
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बता दें कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 28 दिसंबर 2014 को राज्य के 10 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया था. उन्हें राज्य गठन के बाद पहली बहुमत सरकार के नेतृत्व का क्रेडिट दिया जाता है.