रांचीः झारखड अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों के खिलाफ सोमवार से चार दिवसीय आंदोलन की शुरू किया है. आंदोलन के पहले दिन हस्ताक्षर अभियान चलाया, जिसमें राजधानी के सैकड़ो अभिभावक शामिल हुए. मंगलवार को मौन धरना कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
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संघ के बैनर तले सैकड़ों अभिभावकों ने स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि और वसूली के खिलाफ लालपुर चौक पहुंचे और हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की. अभिभावकों ने कहा कि राज्य सरकार को संवेदनशील होने की जरूरत है. संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार में निजी स्कूल इस महामारी में आपदा में अवसर तलाश रही है. इसके बावजूद सरकार निजी स्कूलों पर कार्रवाई नहीं कर रही है.
सरकारी स्कूलों की हालत खराब
अजय राय ने कहा कि सरकारी स्कूल बर्बादी के कगार पर पहुंच गया. आजादी के 70 साल बाद भी सरकारी विद्यालयों में बच्चे नीचे बैठकर शिक्षा लेने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा की सरकार के पास योजनाओं के लिए फंड है तो फिर सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर इंफ्रास्ट्रेक्चर उपलब्ध कराने को लेकर फंड क्यों नहीं है. निजी स्कूलों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है, जिससे निजी स्कूल संचालक शिक्षा को व्यापार बना दिया है.
मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं हुई पूरा
अभिभावकों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शपथ लेने के बाद कहा था कि दिल्ली की तर्ज पर राज्य के सरकारी स्कूलों को विकसित करेंगे, पर पिछले डेढ़ साल में कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि आज 4896 सरकारी स्कूल विलय होने वाला है, इसके जिम्मेदार कौन है.
संघ की प्रमुख मांगें
- पिछले साल निकाले गए विभागीय पत्र का शत-प्रतिशत अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो.
- शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं किया जाए.
- संबद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमानी पर नकेल कसे, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो.
- झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को राज्य के सभी जिला में पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू किया जाए, एक्ट के तहत पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हो.
- निजी विद्यालयों की पिछले 5 साल का ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करें, ताकि जिस स्कूल के आर्थिक स्थिति सही है. उन स्कूलों की ओर से विभिन्न मदों में वसूले जा रहे फीस पर रोक लगे और आर्थिक रूप से कमजोर स्कूल को आर्थिक पैकेज दें.
- स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स, इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करें.
- स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो.